भोपाल@राजनीतिक रूप से मालामाल हुआ मालवा अंचल

Share


भोपाल,17 दिसम्बर 2023 (ए)।
मध्यप्रदेश का मालवा अंचल अब राजनीतिक रूप से मालामाल हो गया है। मध्य प्रदेश के दोनों ही सियासी ओहदेदार दल कांग्रेस और बीजेपी ने अपने राज्य के शीर्ष नेतृत्व को यहां से ही तवज्जो में शामिल किया। इसमें दो मत नहीं कि अब प्रदेश की क्षेत्रगत सियासत में मालवा-निर्माण अंचल का परचम लहराएगा। दरअसल, बीजेपी ने दिल्ली के फरमान के बाद मालवा से ही मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को चुना। उज्जैन से सीएम डॉ. मोहन यादव तो मल्हारगढ़ से प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा। उधर, कांग्रेस ने भी अपने शीर्ष पदों के लिए मालवा पर ही भरोसा जताया। इंदौर यानि मालवा से ही जीतू पटवारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हो गए हैं तो विधानसभा नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी भी उमंग सिंगार को मिली जो धार से आते हैं। मध्यप्रदेश के क्षेत्रगत समीकरणों में मालवा निर्माण के पाले में सबसे ज्यादा 66 सीट है। यदि सिर्फ मालवा अंचल की बात की जाए तो यहां से 47 सीटें आती है। इस बार के चुनाव परिणामों में बीजेपी ने 19 सीटों पर बढ़त बनाई तो कांग्रेस 17 सीटों के नुकसान में रही।
उधर, इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस संगठन पदाधिकारी तो बीजेपी राजनीतिक नियुक्तियों में इन क्षेत्र के नेताओं को विशेष महत्व पर रखेगी। सत्ता और विपक्ष के नए समीकरणों के बाद लोकसभा चुनावों में भी मालवा का नेतृत्व शीर्ष पर होगा। इस पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अभिनव बारोलिया ने कहा कि मालवा भी प्रदेश का बड़ा अंचल है। सियासत के साथ यहां की पहचान भी अलग है। दोनों ही नेताओं की अपनी काबिलियत के कारण ही इन्हें महत्वपूर्ण दायित्व सौपे गए हैं। मालवा का होना महज इत्तेफाक है।
उधर, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता सतेंद्र जैन ने मंत्रिमंडल समेत अन्य राजनीतिक नियुक्तियों में सभी क्षेत्रगत और जातिगत समीकरणों को साधने की बात कही। साथ ही कांग्रेस पर आरोप भी लगाया कि बीजेपी की नकल करने में विपक्ष कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। लेकिन, कांग्रेस और बीजेपी के सियासी समीकरणों में जमीन आसमान का फर्क है। कांग्रेस को इन्हें समझना चाहिए।


Share

Check Also

श्रीनगर@ जम्मू-कश्मीर में पहले चरण के मतदान के लिए केंद्रों के लिए रवाना हुई पोलिंग पार्टियां

Share @ सात जिलों की कुल 24 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा श्रीनगर,17 सितम्बर …

Leave a Reply