कोरिया,@एसईसीएल डॉक्टर के पास इलाज करने पहुंचा मरीज… डॉक्टर ने कहा खैरात का अस्पताल नहीं है…फ्री वाला जिला अस्पताल है वहां जाकर कराईए इलाज

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अस्पताल पहुंचे बालक का डॉक्टर ने नहीं किया इलाज…कहा भिखारियों के लिए जिला अस्पताल है वहां जाओ…
-रवि सिंह-
कोरिया,16 दिसम्बर 2023 (घटती-घटना)। बैकुंठपुर का रीजनल अस्पताल चरचा जहां पर सभी को स्वास्थ्य सुविधा देनी है पर वहां पर जिम्मेदार डॉक्टर का एक मरीज को यह कहना कि यह अस्पताल खैरात वाला नहीं है फ्री वाला अस्पताल जिला अस्पताल है वहां जाकर इलाज कराए,जिसकी शिकायत मरीज ने उच्च अधिकारियों को कर इस बात से अवगत कराया और डॉक्टर के मानसिकता कितनी अच्छी है इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता।
कोरिया जिले में डॉक्टर की अभद्रता का मामला सामने आया है। आरोप है कि डॉक्टर ने अस्पताल पहुंचे बच्चे का इलाज करने से मना कर दिया वहीं मरीज के परिजन से भी गाली-गलौज करने के भी आरोप लगे हैं। घटना के बाद पीडि़त ने मामले की शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की है घटना जिले के चरचा थाना क्षेत्र के क्षेत्रीय चिकित्सालय की है। 14 दिसंबर के दिन चरचा निवासी विजय कुमार विश्वकर्मा अपने करीब 3 साल के बेटे के कान में दर्द होने पर इलाज कराने क्षेत्रीय चिकित्सालय चरचा पहुंचे थे। जहां पदस्थ नाक कान गला विशेषज्ञ डॉक्टर एस के चंदेरिया ने अस्पताल पहुंचे बच्चे का इलाज करने से मना कर दिया। इस पर बच्चे के पिता द्वारा इलाज न करने का कारण पूछने पर डॉक्टर भड़क गए। उन्होंने कहा कि भिखारी के लिए सरकार ने जिला अस्पताल बनाया है वहीं चले जाओ। इतना कहने के बाद वे मरीज के पिता को गालियां देने लगे। डॉ चंदेरिया की शिकायत के लिए बच्चों के पिता ने निदेशक कार्मिक एसईसीएल बिलासपुर मुख्य महाप्रबंधक एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र और मुख्य चिकित्सा अधिकारी क्षेत्रीय चिकित्सालय चरचा को पत्र लिखा है। डॉक्टर का अमानवीय चेहरा सामने आने के बाद लोगों में डॉक्टर के प्रति गुस्सा बना हुआ है। वही अधिकारी जांच के बाद मामले में कार्यवाही करने की बात कह रहे हैं।
इलाज के लिए डॉक्टर ने मांगे पैसे
विजय कुमार विश्वकर्मा जब 14 दिसंबर की शाम अपने लगभग 3 साल के बेटे को लेकर क्षेत्रीय चिकित्सालय पहुंचे तो वहां उपस्थित नाक कान गला विशेषज्ञ डॉक्टर चंदेरिया द्वारा बच्चों का ट्रीटमेंट करने के बदले पैसे की मांग की गई। पैसे ना मिलने पर इलाज न करने और दवा नहीं लिखने की बात कही। डॉक्टर से जब इलाज न करने का कारण पूछा गया तो वह भड़क उठे।
एसईसीएल से सम्मानित हो चुका है पीडि़त
अपने बेटे को अस्पताल लेकर पहुंचा विजय कुमार विश्वकर्मा पेसे से फुटबॉल का कोच है। छत्तीसगढ़ फुटबॉल संघ में कोच के पद पर पदस्थ विजय को कई बार जिला फुटबॉल संघ एवं एसईसीएल कंपनी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। बावजूद इसके क्षेत्रीय चिकित्सालय के डॉक्टर द्वारा उसके साथ अभद्रता करने के बाद लोग नाराज हैं।


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