अंबिकापुर,@सरगुजा संभाग में पड़ रही कड़ाके की ठंड,मैनपाट का तापमान पहुंचा 3.6 डिग्री सेल्सियस,जमने लगी ओस की बूंदें

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अंबिकापुर,15 दिसम्बर 2023 (घटती-घटना)। चक्रवाती तूफान मिचौंग का प्रभाव खत्म होने के बाद से उार दिशा से शुष्क हवाएं आनी शुरू है। सरगुजा संभाग में पिछले एक सप्ताहा से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। हर दिन तापमान में गिरावट दर्ज किया जा रहा है। इस सिजन का गुरुवार की रात सबसे ठंड रहा। अंबिकापुर का न्यूनतम 6.1 डिग्री व अधिकतम तापमान 23.8 डिग्री दर्ज किया गया है। जो सामान्य से करीब 2 डिग्री नीचे है। न्यूनतम मापमान में गिरावट आने से लोग कनकनी महसूस हो रही है। वहीं छाीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाले मैनपाट के अलावा सामरीपाठ में अन्य जगहों की उपेक्षा यहां ज्यादा ठंड पड़ती है। जहां मैनपाट का तापमान 3.6 डिग्री पहुंच चुका है। मैदानी इलाकों में जगह-जगह ओस की बूंदे जमने से बर्फ के सामान सफेद चादर बिछी नजर आई। घांस, पुआल व छोटे पौधें की पतियों पर ओस की बूंदे जमी हुई थी। इस सिजन का गुरुवार की रात सबसे ठंड रहा। न्यूनतम व अधिकतम तापमान समान्य से 2 डिग्री कम रहने के कारण लोग कनकनी महसूस कर रहे हैं। शुक्रवार को पूरे दिन तेज धूप रहने के बावजूद भी राहत नहीं मिली। पूरे दिन लोग गर्म कपड़ों में ही नजर आए। वहीं शाम होते ही ठंड से बचने के लिए लोगों को आग का सहारा लेना पड़ा। लोग आग के सामने बैठे रहे। ठंड के कारण शाम होते ही शहर की सडक¸ों पर सन्नाटा पसर गया। वहीं कड़ाके की ठंड के बावजूद मैनपाट में सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। कड़ाके की ठंड के कारण मैनपाट का नजारा भी खूबसूरत हो गया है। मैनपाट के होटलों व रिसोर्ट में एडवांस बुकिंग चल रही है। मौसम विभाग के अनुसार एक-दो दिन में और भी पाला गिर सकता है और तापमान में गिरावट आ सकती है। पाठ इलाकों में गिर रहे पाले का असर मैदानी क्षेत्र में भी पड़ेगा और ठंड और भी बढ़ेगी।
गर्म कपड़ों की बढ़ी मांग
वैसे तो दिवाली से पहले ही शहर में ऊनी कपड़ों का बाजार सज चुका था। शहर में जगह-जगह फुटपाथों पर कंबल,जैकेट,टोपी,मोजा सहित अन्य गर्म कपड़ों का बाजार सज गया था,लेकिन ठंड का असर नहीं होने के कारण धंधा मंदा चल रहा था। अचानक ठंड शुरू होते ही ऊनी व गर्म कपड़ों के बाजार में रौनक आ गई है। लोग गर्म कपड़े खरीदते नजर आ रहे हैं। वहीं शहर के दुकानों में भी गर्म कपड़ों की मांग बढ़ चुकी है।
ठंड हेल्दी सीजन… पर बचाव जरूरी
वैसे तो ठंड हेल्दी सीजन माना गया है। पर चिकित्सकों का मानना है कि इस मौसम में बचाव भी जरूरी है। विशेषकर बच्चों व बुुजुर्गों को ठंड से बचने की जरूरत है। बच्चों व बुजुर्गों को गर्म कपड़ों में ही रखें। वहीं खाने पीने पर भी ध्यान देने की जरूरत है। ठंडी चीज खाने से अक्सर बच्चे सर्दी-खांसी, बुखार से पीडि़¸त हो सकते हैं।
वातावरण में कोई व्यवधान नहीं
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार दिसम्बर के महीने में अपनी धुरी पर घूमती हुई पृथ्वी का उारी गोलार्ध लगातार सूर्य से दूर होता जाता है। लिहाजा सूर्य की किरणें उारी गोलार्ध पर दूर से तिरछी आने लगती है जिससे भारत के उारी भाग में सूर्यताप का लगातार ह्रास होता जाता है। इस समय सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में अपने अंतिम छोर मकर रेखा के बेहद नजदीक पहुंच चुका है। 22-23 दिसम्बर को सूर्य जब मकर रेखा के ऊपर लम्बवत हो जाएगा तब वह उारी गोलार्ध से अधिकतम दूरी पर होगा। इस स्थिति में उार भारत में कड़ाके की ठंड का दौर प्रारम्भ हो जाएगा। इस समय पछुआ का व्यवधान जब अपने बादलों की छतरी लेकर आता है तब ही ठंड से कुछ दिनों की राहत मिल पाती है,अन्यथा तापमान में निरंतर कमी आती है। अभी जब वातावरण में कोई व्यवधान नहीं है तब ठंड ने अच्छी तरह उार भारत पर प्रभाव दिखाना प्रारम्भ कर दिया है। पिछले 5-6 दिनों से अम्बिकापुर सहित पूरे सरगुजा संभाग में तापमान में लगातार कमी दर्ज की जा रही है।


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