- जिला निर्वाचन अधिकारी ने हटाया थे पद से अब दोबारा पद पाने के लिए लगा रहे नेताओं और अधिकारियों के पास दौड़
- जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार पाने के लिए लगा रहे हैं कलेक्टर से लेकर भाजपा नेताओं तक की दौड़
-रवि सिंह-
कोरिया,14 दिसम्बर 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले में भी चुनाव पश्चात आदर्श आचार संहिता समाप्त हो गई है और अब विभागीय कार्य शासकीय कार्य गति पकड़ने लगे हैं और अधिकारी भी अब अपने प्रभाव अधिकार का उपयोग करते नजर आ रहे हैं। आदर्श आचार संहिता जो विधानसभा निर्वाचन 2023 के दौरान लगी हुई थी के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी ने कई ऐसी कार्यवाहियां की थीं जो उन सूचनाओं और शिकायतों के आधार पर हुई थीं जिसमें किसी अधिकारी या कर्मचारी की या तो गलती पाई गई थी या ऐसी कोई सूचना मिली थी जिसमें किसी अधिकारी कर्मचारी के कारण चुनाव प्रभावित होने का कोई अंदेशा था। ऐसी ही एक कार्यवाही तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी कोरिया पर हुई थी जो महज दो चार दिन पूर्व ही आचार संहिता के पूर्व कार्यभार ग्रहण किए थे जिनको लेकर घटती घटना ने ही खबर प्रकाशित की थी की वह वर्तमान जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी कोरिया के भतीजे हैं और ऐसे में उनके जिला शिक्षा अधिकारी रहते हुए चुनाव प्रभावित होने का अंदेशा है और चूंकि शिक्षा विभाग में कर्मचारियों की संख्या भी अधिक है इसलिए उनकी पदस्थापना फिलहाल चुनाव प्रभावित करने के उद्देश्य से की गई है। घटती-घटना की खबर पर तत्काल जिला निर्वाचन अधिकारी ने संज्ञान लिया था और उन्हे चुनाव संपन्न होने तक पद से पृथक कर जिला समन्वयक समग्र शिक्षा को जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार सौप दिया था। अब आदर्श आचार संहिता समाप्त होते ही प्रतीक्षारत जिला शिक्षा अधिकारी जितेंद्र गुप्ता प्रभार पाने के लिए प्रयासरत नजर आ रहे हैं और वह नेताओं सहित अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे हैं। गुलदस्ता लेकर वह लगातार खुद के प्रभार के लिए खुद प्रयास करते नजर आ रहे हैं।
गुलदस्ता लेकर नेताओं और अधिकारियों के चक्कर काट रहे: सूत्र
वैसे भी सामने लोकसभा चुनाव है और लोकसभा चुनाव में भी आदर्श आचार संहिता प्रभावी होगी और फिर उन्हे हो सकता है की प्रभार से हटाना पड़े ऐसे में क्या कलेक्टर कोरिया उन्हे वर्तमान में प्रभार देने का विचार करते हैं या वह इस संबंध में शासन से कोई दिशा निर्देश लेते हैं। कोरिया जिले में शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी फिलहाल डी एम सी समग्र शिक्षा संजय सिंह सम्हाल रहे हैं और वह दो दो जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वैसे प्रतीक्षारत जिला शिक्षा अधिकारी जितेंद्र गुप्ता गृह जिले का होने के कारण स्थानीय नेताओं का भी सहारा ले रहे हैं जैसा बताया जा रहा है। वह गुलदस्ता लेकर नेताओं और अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं जिससे उन्हे जल्द प्रभार मिल सके।
गृह जिले के निवासी साथ ही राजनीतिक परिवार से आने वाले किसी व्यक्ति को जिला शिक्षा अधिकारी का न मिले प्रभार ऐसा होना शिक्षा विभाग के लिए जरूरी
प्रतीक्षारत जिला शिक्षा अधिकारी कोरिया कोरिया जिले के ही मूल निवासी हैं,शिक्षा विभाग में उनके परिवार के ही कई लोग कार्यरत भी हैं,वहीं उनका परिवार राजनीतिक दल से सीधा जुड़ाव रखता है ऐसे में शिक्षा विभाग की जिला स्तरीय जिम्मेदारी ऐसे किसी व्यक्ति को न मिले ऐसा शिक्षा विभाग के लिए जरूरी माना जा रहा है। राजनीतिक परिवार से जुड़े होने की वजह से शिक्षा विभाग में भी राजनीतिक हस्तक्षेप की संभावना बनी रहेगी साथ ही लगातार खींचतान की स्थिति निर्मित होगी जो विभाग के लिए उचित नहीं होगा ऐसा जानकारों का मानना है।
जल्द प्रभार पाने की फिराक में…
बताया जा रहा है की वह जल्द प्रभार पाने की फिराक में लगे हुए हैं क्योंकि उन्हे अंदेशा है की उनकी पदस्थापना अस्थाई है और उन्हे नई सरकार के गठन उपरांत प्रभार मिलेगा भी या नहीं यह उन्हे संशय है इसलिए वह पूरी जोर आजमाइश कर रहे हैं। वैसे उनकी जोर आजमाइश कितनी कारगर होगी यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन माना जा रहा है की उनके परिवार का सीधा नाता राजनीतिक दल से है वहीं उनके परिवार के कई सदस्य जिले में ही शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं वहीं कोरिया जिला उनका गृह जिला भी है ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारी कोरिया के पद पर उनकी पदस्थापना कितनी देर तक स्थिर रहेगी यह कहा नहीं जा सकता।