- छिंदिया में नवीन धान उपार्जन समिति से संलग्न ट्रांसफार्मर हफ्तों से खराब
- छिंदिया के एक मोहल्ले के ग्रामवासी हफ्तों से अंधेरे में रहने को मजबूर
- बिजली के अभाव में धान खरीदी हो रही प्रभावितज्जनरेटर से चलाया जा रहा है काम
-रवि सिंह-
कोरिया,02 दिसंबर 2023 (घटती-घटना)। पटना समिति से टूटकर तरगंवा बना और तरगंवा से टूटकर अब छिंदिया नई धान उपादान समिति बनी है इस साल से पहली बार इस धान खरीदी केंद्र में किसानों का धान खरीदा जा रहा है, समस्या यह है कि नवीन धान खरीदी में पहले साल से ही एक नई समस्या ने घेर रखा है और वह समस्या है ट्रांसफार्मर खराब होने के बाद बिजली की, जिस वजह से टोकन से लेकर तमाम समस्याएं धान खरीदी केंद्र में दिख रही है, जिससे किसानों को समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है और यह काफी दिनों से यही हाल है पर शिकायतों के बाद भी इस और किसी का ध्यान नहीं है अब धान खरीदी में लगभग 1 महीने ही बचे हैं और ऐसे में धान खरीदी कैसे सुचारू रूप से पूरी हो पाएगी?
यूं तो सरकार और राजनीतिक पार्टियां जनता की बुनियादी सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं, जिसमें 24 घंटे बिजली मुहैया का दावा लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों करती आ रही हैं। जनता को लुभाने के लिए बिजली बिल माफ और बिजली बिल हाफ जैसे वायदे करने वाले राजनीतिक नुमाइंदे जब शहर से लगे गांव में हफ्तों से बिजली व्यवस्था बहाल न करा सके, तो खोखले दावों की पोल खुलती नजर आती है। ऐसा ही कुछ हाल इन दिनों ग्राम पंचायत छिंदिया के बाजारपारा और उसके नीचे के मोहल्ले का है। जहां कई दिनों से ट्रांसफार्मर खराब हो जाने के कारण बिजली सप्लाई पूरी तरह बंद है, और ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। साथ ही इन दिनों सब्जियों की खेती का भी सीजन है। जिसके लिए किसान बिजली वाले पंप पर आश्रित रहते हैं। आलम यह है कि बाड़ी में उगाई जाने वाली सब्जीयां पर भी बिजली के बगैर सिंचाई न होने का दुष्प्रभाव साफ देखा जा रहा है। इन सबसे परे शासन की महत्वाकांक्षी धान उपार्जन योजना पर भी पलीता लगता नजर आ रहा है। विगत दिनों ग्राम पंचायत छिंदिया में सहकारी समिति तरगांवा से पृथक कर नवीन धान खरीदी केंद्र का शुभारंभ किया गया और धान खरीदी तय समय से प्रारंभ भी कर दी गई। परंतु वर्तमान में स्थिति यह है कि धान खरीदी केंद्र जिस स्थान पर स्थापित है, वहां का ट्रांसफार्मर हफ्तों से खराब चल रहा है। जिसकी वजह से टोकन काटने, कंप्यूटर में डाटा एंट्री करने में समिति कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति तो यह भी है कि जब किसान धान बेचने के लिए टोकन कटवाने जाते हैं, तो बिजली के अभाव में टोकन कट नहीं पा रहा और किसानों को कई चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। अस्थाई तौर पर जनरेटर की व्यवस्था करके किसी तरह धान खरीदी केंद्र को संचालित किया जा रहा है। परंतु बिजली के अभाव में ग्राम वासियों के साथ-साथ समिति के कर्मचारी भी काफी व्यथित नजर आ रहे हैं। ट्रांसफार्मर के खराब होने का प्रभाव यह है कि रात के समय खरीदे हुए धान की निगरानी के लिए लगाए गए प्रकाश व्यवस्था पर भी ग्रहण लगा हुआ है।
शिकायत के बाद भी विभाग उदासीन, अभी तक कोई कार्यवाही नहीं
ट्रांसफार्मर खराब होने की शिकायत ग्राम वासियों द्वारा संबंधित लाइनमैन के माध्यम से हफ्तों पहले की गई है। साथ ही धान खरीदी समिति के कर्मचारियों ने भी अपनी ओर से शिकायत दर्ज कराई है, और अपनी परेशानियों का हवाला दिया है। परंतु विभागीय उदासीनता के कारण ग्रामीणों का और समिति के कर्मचारियों की समस्या का कोई समाधान होता नजर नहीं आ रहा है। इस हेतु ग्राम वासियों ने अपने स्तर पर राजनीतिक दल के नेताओं से भी बात की और उन्हें आश्वासन भी मिला की 24-48 घंटे के भीतर ट्रांसफार्मर बदल दिया जाएगा। परंतु ना तो सरकारी कर्मचारी और ना ही राजनीतिक पार्टीयों के नुमाइंदे इस ओर गंभीर हैं। जिसका खामियाजा ग्राम वासियों को, किसानों को और सहकारी समिति के कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। जहां एक और ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। वहीं दूसरी ओर किसान सिंचाई के अभाव में अपने फसलों को सूखता हुआ देख रहे हैं, और ऐसे किसान जिन्होंने धान बेचने की ठानी है, उनका सुचारू रूप से टोकन नहीं कर पा रहा।