- भरतपुर सोनहत विधानसभा सीट त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी…मनेंद्रगढ से भाजपा के श्यामबिहारी की हो सकती है जीत।
- बैकुंठपुर विधानसभा में किसान होंगे निर्णायक,हार-जीत का आंकड़ा 5000 के अंदर
- भीतरघातियों ने कितना किया काम 3 को परिणाम के बाद चलेगा पता।
- तीनो सीटों पर क्लीप स्वीप भी कर सकती है भाजपा!
- भरतपुर सोनहत में 83.76, मनेंद्रगढ में 74.24 एवं बैकुंठपुर में 81.94 प्रतिशत हुआ है मतदान।
-रवि सिंह-
कोरिया/एमसीबी 30 नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। पांच राज्यों में मतदान का दौर समाप्त होने के बाद अब परिणाम आगामी 3 दिसंबर को आएंगे इसके पहले ही सभी न्यूज चैनलो के द्वारा एक्जिट पोल जारी किये गये हैं जिसमें सभी एजेंसियों द्वारा अपने अलग-अलग दावे किये जा रहे हैं पांच राज्यों में मतदान के बाद अब सभी की निगाहें मतगणना पर टिकी हुई हैं कोरिया एवं एमसीबी जिले मंे भी प्रशासन की चाक चैबंद व्यवस्था के बीच मतगणना का कार्य संपन्न होगा,इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अविभाजित कोरिया को लेकर यदि बात की जाए तो यहां भरतपुर सोनहत,मनेंद्रगढ एवं बैकुंठपुर विधानसभा सीटें हैं,घटती घटता के द्वारा जुटाये गए आंकड़ो पर यदि बात की जाए तो भरतपुर सोनहत जैसी हाट सीट में मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है,मनेंद्रगढ सीट पर भाजपा प्रत्याशी श्यामबिहारी जायसवाल इस बार बाजी मार सकते हैं तो वहीं बैकुंठपुर सीट पर किसान निर्णायक भूमिका निभाने वाले हैं यहां भाजपा के भैयालाल राजवाड़े एवं कांग्रेस की अंबिका सिंहदेव के बीच मुख्य मुकाबला है गोंगपा की बढत के कारण कांग्रेस को जबरजस्त नुकसान हुआ है,इस सीट पर हार जीत का आंकड़ा महज 5000 के भीतर रहने की उम्मीद है। वैसे तीनो विधानसभा सीट पर भाजपा क्लीप स्वीप भी कर सकती है।
भरतपुर सोनहत विधानसभा सीट में मुकाबला त्रिकोणीय
छत्तीसगढ प्रदेश में विधानसभा सीट क्रमांक 1 के नाम से पहचान रखने वाली भरतपुर सोनहत विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला है, यहां मतदान का प्रतिशत 83.76 रहा है यहां से महिला मतदाताओं ने अधिक संख्या में मतदान किया है। इस सीट पर भाजपा ने केन्द्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह को टिकट दिया था जिससे कि इसे हाट सीट माना जा रहा था। कांग्रेस ने वर्तमान विधायक गुलाब कमरो को मैदान में उतारा था तो वहीं गोड़वाना गणतंत्र पार्टी ने राष्ट्रीय महामंत्री श्याम सिंह मरकाम को चुनाव लड़ाया है। यह विधानसभा भरतपुर जनपद सोनहत जनपद के अलावा नागपुर क्षेत्र में बंटा हुआ है तो वहीं नई लेदरी एवं खांेगापानी नगर पंचायत भी इसी विधानसभा का हिस्सा है। मतदान पश्चात प्राप्त रूझानों पर नजर डाली जाए तो स्पष्ट है कि इस सीट पर कांग्रेस की जीत को इस बार गोंगपा रोकती हुइ नजर आ रही है,जानकारो का कहना है कि गोंगपा इस बार काफी मजबूत स्थिति में है,और उसे हर क्षेत्र से वोट प्राप्त हुआ है,भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह ने काफी मेहनत किया और मतदाताओं का काफी हद तक अपने पक्ष में करने में सफलता हासिल किया है। कांग्रेस प्रत्याशी और वर्तमान विधायक गुलाब कमरो ने विकास कार्य और अपनी सक्रियता को हथियार बनाया था। गांेगपा की मजबूती के कारण तीनों प्रत्याशियों के बीच मतो का अंतर काफी कम रहने की उम्मीद की जा रही है। कई क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब कमरो के पिछड़ने की जानकारी है,गोंगपा ने उनके वोट पर जबरजस्त संेध मारा है। भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह चुनाव जीतने की स्थिति में नजर आ रही हैं। हलांकि इस विधानसभा के परिणाम आश्चर्यजनक भी हो सकते हैं।
मनेंद्रगढ सीट में भाजपा के श्यामबिहारी की हो सकती है जीत
प्रदेश की विधानसभा सीट क्रमांक 2 मनंेद्रगढ सीट से भाजपा ने इस बार फिर से पूर्व विधायक श्यामबिहारी जायसवाल को मैदान मे उतारा था तो वहीं कांग्रेस ने अधिवक्ता रमेश सिंह पर भरोसा जताया था। यहां से वर्तमान विधायक विनय जायसवाल एक मजबूत उम्मीदवार थे लेकिन टीएस सिंहदेव की नाराजगी के कारण उनकी टिकट काट दी गई थी,पार्टी के इस निर्णय के कारण विनय जायसवाल ने भी नाराजगी जाहिर की थी। इस चुनाव में बड़ी संख्या में उनके समर्थको ने कांग्रेस प्रत्याशी का साथ नही दिया है,कांग्रेस प्रत्याशी ने एमसीबी जिला निर्माण को प्रमुख मुद्वा बनाया और मनेंद्रगढ क्षेत्र में इसका लाभ भी मिला है। भाजपा प्रत्याशी श्यामबिहारी जायसवाल ने काफी हाईटेक तरीके से अपने चुनाव अभियान का संचालन किया है,चिरमिरी नगरनिगम क्षेत्र में लोगो ने उनका अच्छा साथ दिया है। खड़गंवा क्षेत्र से वैसे हर बार कांग्रेस बढत मे रहती है लेकिन इस बार पिछली बार की तरह बढत हासिल नही होगी। श्यामबिहारी जायसवाल की कार्यशैली एवं उनका व्यवहार भी लोगो ने काफी पसंद किया है,इस विधानसभा सीटी से श्यामबिहारी जायसवाल चुनाव जीत सकते हैं। मनेंद्रगढ विधानसभा में 74.24 प्रतिशत मतदान हुआ है।
बैकुंठपुर में गोंगपा ने कांग्रेस को पीछे धकेला,लेकिन किसान होंगे निर्णायक
प्रदेश की विधानसभा सीट क्रमांक 3 बैकुंठपुर में इस बार 81.94 प्रतिशत मतदान हुआ है, यहां से कांग्रेस ने वर्तमान विधायक एवं संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव को मैदान में उतारा है तो वहीं भाजपा ने पिछले बार के प्रत्याशी और पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े को ही मौका दिया,गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी ने एक बार फिर संजय सिंह कमरो को मौका दिया था। यह सीट पूर्व में कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है,हलांकि परिसीमन के बाद स्थिति काफी बदली है,भाजपा से पांचवी बार चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े पूर्व में दो बार जातिगत समीकरणों के कारण विजयी रहे हैं वर्ष 2018 में भाजपा सरकार के खिलाफ बने माहौल के कारण श्री राजवाड़े को हार का सामना करना पड़ा था। पिछले चुनाव में गोंगपा की बढत के बाद भी कांग्रेस की जीत हुई थी और अंबिका सिंहदेव विधायक निर्वाचित हुई थीं। इस बार के चुनाव में गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी ने बसपा से गठबंधन करते हुए चुनाव लड़ा है,जिससे कि गोंगपा का वोट बैंक भी बढा है इसके बाद भी बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र में गांेगपा तीसरे स्थान पर रहेगी। मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही माना जा रहा है पूर्व मंे भाजपा प्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े की एकतरफा जीत मानी जा रही थी,लेकिन कमजोर चुनावी प्रबंधन और संगठन की नाकामी के कारण भैयालाल राजवाड़े की स्थिति भी कड़े मुकाबले में फंसी दिखलाई दे रही है। बैकुंठपुर विधानसभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्ल्किार्जुन खड़गे समेत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की चुनावी सभा हुई थी इसके उलट भाजपा के एक भी स्टार प्रचारको ने इस क्षेत्र में सभा नही ली। बैकुंठपुर क्षेत्र में किसानों ने बड़ी संख्या में कर्ज ले रखा है साथ ही चुनावी सभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चुनावी सभा में कोरिया को संभाग बनाने की घोषणा किया था जाहिर सी बात है कर्जमाफी और संभाग बनाने की घोषणा का असर यहां के मतदाताओं पर पड़ा है। पूर्व में कांग्रेस प्रत्याशी अंबिका सिंहदेव काफी कमजोर प्रत्याशी मानी जा रहीं थीं लेकिन चुनाव आते आते उन्होने अपनी स्थिति काफी अच्छी कर ली थी हलांकि एक बहुत बड़ा वर्ग व्यक्तिगत रूप से अंबिका सिंहदेव से नाराज था जिसका खामियाजा उन्हे भुगतना पड़ा है। बैकुंठपुर शहर मेे खुद कांग्रेस को नुकसान हुआ है। गांेगपा इस बार पिछले बार की अपेक्षा लगभग 5000 मतो की बढत पर दिखलाई दे रही है। कांग्रेस के कुछ परंपरागत वोटर भी गोंगपा में जा चुके हैं, इस कारण कांग्रेस प्रत्याशी अंबिका सिंहदेव को नुकसान उठाना पड़ रहा है। बचरापोड़ी क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी अंबिका सिंहदेव मजबूत स्थिति में हैं। बहुत ही कड़े मुकाबले के बाद भी भाजपा के भैयालाल राजवाड़े लगभग 5000 मतो से इस सीट पर जीत हासिल कर लेंगे। किसान वर्ग बैकुंठपुर विधानसभा सीट पर निर्णय करेंगे।तीनो सीटो पर हुआ है भीतरघात
चुनाव पश्चात घटती घटना को मिली जानकारी के अनुसार अविभाजित कोरिया की दो सीटों पर कांग्रेस एवं भाजपा के प्रत्याशियों को भीतरघात का सामना करना पड़ा है। भरतपुर सोनहत विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह के साथ पार्टी के प्रमुख लोगो ने भीतरघात कर कार्यकर्ताओं को भी भ्रमित किया था, तो वहीं मनेंद्रगढ सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रमेश सिंह को भीतरघात का सामना करना पड़ा है। बैकुंठपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अंबिका सिंहदेव के साथ खुलाघात किया गया है,कई वरिष्ठ कांग्रेसियों ने भी पूरे दमखम के साथ उनका विरोध किया, व्यक्तिगत विरोध के कारण कांग्रसियों ने खुलाघात किया है। सूत्रों की माने तो प्रत्याशी अंबिका सिंहदेव ने भीतरघातियों की सूचि भी पीसीसी को सौंपी है। भाजपा में भी भीतरघात की खबरे आ रही हैं,कुछ नेताओं ने भीतर ही भीतर भैयालाल राजवाड़े का विरोध किया है। संगठन की नाकामी और जिलाध्यक्ष के अड़ियल रवैये का नुकसान श्री राजवाड़े को चुनाव में उठाना पड़ा है। किस पार्टी को भीतरघात का ज्यादा नुकसान हुआ है यह आगामी 3 दिसंबर को मतगणना के बाद स्पष्ट हो सकेगा।
तीनो सीटों पर क्लीप स्वीप की स्थिति में भाजपा
अविभाजित कोरिया की तीनो विधानसभा सीटों पर दिख रही स्थिति पर यदि गौर किया जाए तो राजनीति के जानकारो का भी कहना है कि बहुत हद तक संभव है कि भाजपा इस बार कांग्रेस से तीनो सीट छीन सकती है। आंकड़ा 3-0 हो सकता है।