कोरिया@समीक्षा बैठक में भाजपा के मंडल अध्यक्षों ने किया बड़ी जीत का दावा

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  • हर मंडल अध्यक्ष ने दिया है जीत का आंकड़ा,जबकि जमीनी हकीकत कुछ अलग।
  • गेज में रखी गई थी विधानसभा स्तरीय बैठक,जिलाध्यक्ष भाषण में फिर गर्म नजर आए,मैं-मैं करते हुए थपथपाई खुद की पीठ
  • भाषण में जिलाध्यक्ष ने दिया पेन और ढक्कन का उदाहरण कार्यकर्ता हो रहे आक्रोशित
  • नाराज महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष ने भी बनाई दूरी,प्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े दिखे जीत के प्रति आश्वस्त,जताया कार्यकर्ताओं का आभार
  • जिलाध्यक्ष ने कहा संगठन ने किया मेहनत जबकि चैक चैराहो में चर्चा संगठन नही आया नजर
  • जिलाध्यक्ष ने सोनहत मंडल से किया किनारा,चर्चा का विषय।

-रवि सिंह-
कोरिया 27 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)। विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े ने गेज बांध के समीप समीक्षा बैठक का आयोजन किया,बैठक में विधानसभा प्रभारी चिंटू राजपाल समेत विधानसभा स्तर के प्रमुख पदाधिकारी,वरिष्ठ नेता,कार्यकर्ता समेत भाजपा के मंडल अध्यक्ष व विभिन्न मोर्चा प्रकोष्टों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या मंे मौजूद रहे,जीत के प्रति आश्वस्त प्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े ने चुनाव में सहयोग करने वाले सभी कार्यकर्ताआंे के प्रति आभार व्यक्त किया है,और प्रदेश में सरकार बनने की संभावना के बीच सभी को बधाई भी दिया है। तो वही समीक्षा बैठक मंे एक बार फिर भाजपा के जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल का गर्म मिजाज देखने को मिला है,कड़े शब्दो के साथ एक बार फिर उन्होने कुछ नेताओं की ओर ईशारा करते हुए संगठन को सर्वोपरी बतलाने की कोशिश की,जिलाध्यक्ष ने एक बार फिर मै-मैं करते हुए खुद की पीठ थपथपाने की कोशिश भी की,बैठक के बाद जिलाध्यक्ष के कड़े रूख की चर्चा होती रही। बैठक में भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष अंचल राजवाड़े एवं वर्तमान जिलाध्यक्ष हितेश प्रताप सिंह समेत महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष धर्मवती राजवाड़े की गैर मौजूदगी रही तो वहीं कई समर्थक ना बुलाये जाने के कारण नाराज भी बतलाये जा रहे हैं। समीक्षा बैठक के बाद यह भी सवाल उठ रहा है कि यदि चुनाव पूर्व संगठन ने आगे आते हुए एक बैठक कर लोगो को जिम्मेदारी दी होती तो आज दृश्य कुछ और अलग होता,मैनेजमेंट के अभाव में जीत का आंकडे़ पर कुछ कहना जल्दबाजी हो सकता है।

मंडल अध्यक्षो का हवा हवाई दावा,जमीनी हकीकत अलग
संपन्न हुई समीक्षा बैठक में भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष भी शामिल हुए। बैकुंठपुर विधानसभा को संगठन की दृष्टि से पटना, बैकुंठपुर, कुड़ेली, चरचा,सलका एवं बचरापोड़ी मंडल में बांटा गया है,सूत्रो की माने तो उक्त बैठक में पटना मंडल अध्यक्ष कपिल जायसवाल ने अपने मंडल से 5000 मतो की बढत,बैकुंठपुर मंडल अध्यक्ष कुबेर साहू ने 4000 मतो की बढत,चरचा मंडल अध्यक्ष अरूण जायसवाल ने 4000 मतो की बढत,कुड़ेली मंडल अध्यक्ष धीरेन्द्र साहू ने 500-1000 की बढत,सलका मंडल अध्यक्ष गोपाल राजवाड़े ने 3000 की बढत एवं बचरापोड़ी मंडल अध्यक्ष प्यारे साहू ने भी 1000 बढत का दावा किया है,मंडल अध्यक्षो की माने तो भाजपा प्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े की लगभग 18000 से जीत होगी,जबकि कई मंडल ऐसे हैं जहां स्थिति अलग है राजनीति के जानकारो का कहना है कि यदि जीत होती है तो जीत का आंकड़ा 5000-10000 के बीच हो सकता है। इस बार का पूरा चुनाव किसानो पर आधारित था,यदि किसानो ने कर्जा माफी पर भरोसा किया होगा तो परिणाम कुछ भी आ सकता है।

चुनाव में सकिय्र नही नजर आया भाजपा संगठन,अब खुद ले रहे श्रेय
यह सर्वविदित है कि इस चुनाव में कोरिया भाजपा का कागजी संगठन दूर-दूर तक नजर नही आया,गिनती के पदाधिकारी एवं प्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े से व्यक्तिगत संपर्क रखने वाले कार्यकर्ताओं ने अपने बलबूते ईमानदारी पूर्वक कार्य किया,संगठन द्वारा बनाया गये अधिकांश बूथ प्रभारी,पन्ना प्रभारी आदि सिर्फ कागजी साबित हुए। जिलाध्यक्ष के रूखे व्यवहार एवं कड़े शब्दो के उपयोग के कारण भी भैयालाल राजवाड़े को कई जगह परेशानी झेलनी पड़ी। संगठन नेताओं के सामने ख्ुाद की वाहवाही लूटने वाले जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल यहां भी अपने भाषण में उखड़े उखडे़ नजर आए कुछ नेताओं की ओर ईशारा करते हुए उन्होने खरी खरी सुनाने में भी कोई कसर नही छोड़ी। और खुद के विषय में मैं-मै करते हुए स्वयं पीठ थपथपाने से भी पीछे नही हटे। हर मौके पर जिलाध्यक्ष के द्वारा श्रेय लिया जाना भी कार्यकर्ताओं के लिए चर्चा का विषय बन गया है,संगठन की नाकामी इस चुनाव में काफी करीब से देखने को मिली है जबकि जिलाध्यक्ष ने संगठन की सक्रियता का हवाला दिया है। चुनाव में संगठन के कई पदाधिकारी दूर दूर तक नजर नही आए,कागजी भाजपा संगठन की शिकायत भी चुनाव में प्रदेश स्तर तक होने की बात सामने आ रही है। जिलाध्यक्ष का गर्म तेवर अब कार्यकर्ताओ का रास नही आ रहा है।
जिलाध्यक्ष ने किसे कहा ढक्कन,पदाधिकारी,कार्यकर्ता असमंजस में
बैठक में मौजूद भाजपा के एक मंडल पदाधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर घटती घटना को बतलाया कि जिलाध्यक्ष ने अपने उद्बोधन के दौरान तल्ख लहजे से यह भी कहा कि लोग सिर्फ आमसभा के दौरान भाषण देने आते थे और सोशल मीडिया में प्रसारित करते थे,जिससे कुछ नही होता है,जमीन में काम करना पड़ता है। यही नही जिलाध्यक्ष ने पेन दिखाते हुए कहा कि इस पेन की कीमत इस ढक्कन से होती है। जिसके बाद कई कार्यकर्ता व पदाधिकारी इस बात को समझने में लगे थे कि आखिर जिलाध्यक्ष द्वारा किस नेता की ओर ईशारा करते हुए इस प्रकार के शब्दो का प्रयोग समीक्षा बैठक के दौरान किया जा रहा है। जिलाध्यक्ष का यह सब वक्तव्य भाजपा जैसी अनुशासित पार्टी के लिए हानिकारक है।
हजारो की संख्या में मौजूद थे कार्यकर्ता
समीक्षा बैठक में विधानसभा स्तर के लगभग 1000 कार्यकर्ता मौजूद थे,जबकि भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष अंचल राजवाड़े एवं वर्तमान जिलाध्यक्ष हितेश प्रताप सिंह की गैर मौजूदगी भी चर्चा का विषय रहा। सत्ता का स्वाद लेने वाले कार्यकर्ता भी समीक्षा बैठक में शामिल नही हुए।
भैयालाल राजवाड़े ने जताया आभार
बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हए प्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े भी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आए,उन्होने कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रदेश में सरकार बनाने की बात कहते हुए बधाई भी दिया।
नाराज महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष ने बनाई दूरी
विश्वस्त सूत्रो ने बतलाया कि इस चुनाव के दौरान महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष धर्मवती राजवाड़े काफी सक्रिय रहीं,अपनी टीम के साथ उन्होने कई क्षेत्रों मे मेहनत भी किया है लेकिन चुनाव के दौरान प्रदेश स्तर से महिला मोर्चा के लिए भेजी गई राशि को संगठन ने वापिस मंगा लिया था,जबकि महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष द्वारा खुद पैसा खर्च कर चाय नाश्ते की व्यवस्था की जा रही थी। पैसा वापिस मांग लिये जाने के बाद महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष की नाराजगी स्वाभाविक है जिससे कि उन्होने फिलहाल पार्टी कार्यक्रम से दूरी बना लिया है। कुछ इसी प्रकार का वाकया भाजयुमो के साथ भी घटित हुआ है जिससे कि उनमें भी नाराजगी व्याप्त है। कई मंडल खासकर कुड़ेली व बचरापोड़ी मंडल में भी बूथ स्तर तक 10000 की जगह मात्र 2000 रूपये पहुंचने की जानकारी कार्यकर्ताओ द्वारा दी जा रही है जिससे कि अंदर ही अंदर आक्रोश पनप रहा है।
आखिर सोनहत मंडल से जिलाध्यक्ष क्यों रहे दूर
बतलाया जाता है कि जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल कार्यकर्ताओ से खुद को केन्द्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह का सबसे खास बतलाते भी फिरते हैं,केन्द्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह भरतपुर सोनहत क्षेत्र से प्रत्याशी थीं,सोनहत ब्लॉक कोरिया जिले का ही हिस्सा है और कृष्णबिहारी जायसवाल का कार्यक्षेत्र है। पूरे विधानसभा चुनाव के दौरान गिनती के दो चार बार ही जिलाध्यक्ष का इस क्षेत्र में आना जाना होना भी चर्चा का विषय है। यहंा भी संगठन दूर दूर तक नजर नही आया,संगठन से काम कराने में भी जिलाध्यक्ष ने कोई प्रयास नही किया था। संगठनात्मक स्तर की कोई बैठक भी सोनहत में नही रखी गई जिससे कि रेणुका सिंह को परेशानी का सामना करना पड़ा है,जिलाध्यक्ष केवल बैकुंठपुर विधानसभा स्तर पर कुछ आमसभा एवं कार्यालय तक ही सक्रिय नजर आए,जबकि अब खुद पीठ ठोकते हुए नजर आने लगे हैं। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है बैकंुठपुर विधानसभा से भैयालाल राजवाड़े ने एवं सोनहत ब्लॉक से रेणुका सिंह ने व्यक्तिगत रूप से मेहनत किया है संगठन की कमी का खामियाजा दोनो को भुगतना पड़ा है।


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