कोरिया/एमसीबी@क्या भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र में गोंगपा की आरी ने काटा कांग्रेस का पंजा?

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  • रेणुका ने गुलाब को दी कड़ी टक्कर, कांग्रेसियों ने दिखलाया सत्ता का नशा
  • 1 महीने में ही रेणुका ने बदली चुनावी फिजा,कारगार साबित होगी घोषणाएं?
  • दूरस्थ अंचलो तक जान जोखिम में डालकर मतदान कराने पहुंचा था दल…स्ट्रांग रूम के बाहर ईवीएम की देखरेख कर रहे भाजपाईयों का रेणुका ने बढाया हौसला


-रवि सिंह-
कोरिया/एमसीबी,26 नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। पूरे पांच वर्ष तक अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहने वाले प्रदेश की विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 भरतपुर सोनहत क्षेत्र के विधायक गुलाब कमरो को इस चुनाव में कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा है, आदिवासी बाहुल्य इस विधानसभा क्षेत्र में एक ओर जहां अत्यंत ही दुर्गम और बीहड़ क्षेत्र में जान जोखिम डालकर भी मतदान दलों ने ईमानदारी पूर्वक मतदान संपन्न कराया तो वहीं गड़बड़ी के मद्वेनजर मनेंद्रगढ में स्ट्रांग रूम के बाहर ईवीएम की निगरानी कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं का हौसला बढाने भी रेणुका सिंह पहुंची उन्होने कार्यकर्ताओं का हालचाल जाना। जीत के प्रति आत्मविश्वास से लबरेज रेणुका सिंह पूरे क्षेत्र में कार्यकर्ताओं से इन दिनों हालचाल ले रहीं है तो वहीं चुनाव बाद हर जुबान पर आंकड़ो को लेकर दावे किये जा रहे हैं। इस चुनाव में गुलाब कमरो समर्थकों ने साा का नशा भी दिखाने में कोई कमी नही की है,गोंगपा की मजबूती इस क्षेत्र मंे चर्चा का विषय है,राजनीतिक जानकारों का कहना है कि गांेगपा ने इस सीट पर दूसरा स्थान सुरक्षित कर लिया है, लड़ाई पहले स्थान के लिए हो रही है, भीतरघातियों के कारण भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह को कई जगह कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है,आने वाले समय में भीतरघातियो की राजनीति पर भी गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है। कोरिया की तरह एमसीबी जिले में भी संगठन की कमजोरी देखने को मिली है भाजपा प्रत्याशियों को यहां व्यक्तिगत मैनेजमंेट का सहारा लेना पड़ा है।
ईवीएम की देखरेख कर रहे भाजपाई,रेणुका ने बढाया हौसला
चुनाव पश्चात मतपेटियां स्ट्रांग रूम में सील कर दी गई हैं,कड़ी सुरक्षा व्यवस्था ऐसी है कि पक्षी भी पर नही मार सकता लेकिन इसके बावजूद कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए भाजपा कार्यकर्ता स्ट्रांग रूम के बाहर पहरा दे रहे हैं प्रत्याशी रेणुका सिंह ने देर रात यहां का जायजा लेकर कार्यकर्ताओं का हौसला बढाया है। रेणुका सिंह जैसे दगंब नेत्री के इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने के बाद राजनीति का नया समीकरण देखने को मिल रहा है।
भरतपुर क्षेत्र में सतपाल महराज,सोनहत क्षेत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चुनावी सभा का दिखेगा परिणाम पर असर?
अपने धुआंधार प्रचार और माहौल के लिए चर्चित भाजपा प्रत्यााशी रेणुका सिंह ने एक महीने में ही मतदाताओं का रूख अपनी ओर मोड़ लिया है,प्रत्याशी बतौर उनकी घोषणा अक्टूबर माह में किया गया था जिसके बाद नवरात्र के पहले दिन ही उन्होने इस विधानसभा क्षेत्र में कदम रखा था। इसके पहले खुद को कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब कमरो द्वारा जीता हुआ प्रत्याशी माना जा रहा था,लेकिन रेणुका सिंह की मजबूत किलेबंदी के बाद चुनाव के अंतिम समय पर वे पिछड़ते नजर आए हैं। पूरे पांच वर्ष साा के इर्द गिर्द घुमने वाले कार्यकर्ताओं द्वारा वनांचल क्षेत्र में मचाये गए लूट का खामियाजा भी कमरो को भुगतना पड़ा है। कई ऐसे गांव भी थे जहां विकास कार्यों को लेकर जनता ने मतदान का बहिष्कार भी किया था विधायक गुलाब कमरो जो कि खुद को विकास पुरूष बतलाते फिर रहे थे उनके क्षेत्र में विकास कार्य के लिए मतदान का बहिष्कार भी चर्चा का विषय था हलांकि इसे प्रशासन की सक्रियता से टाल दिया गया और लोगो ने मतदान में हिस्सा लिया। इसके साथ ही अपने प्रचार अभियान में रेणुका सिंह ने गुलाब कमरो की तुलना में खुद को आगे रखा था,पहले उन्हे बाहरी प्रत्याशी बतलाकर माहौल बनाय जा रहा था लेकिन उसका पलटवार रेणुका सिंह ने जोरशोर से करते हुए इस मुद्वे की हवा निकाल दी थी। इसके बाद सोनहत जनपद क्षेत्र के सलगंवा कला में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं भरतपुर क्षेत्र मे सतपाल महराज की चुनावी सभा कराकर भी रेणुका सिंह ने बढत बनाने की कोशिश की थी। दोनो चुनावी सभा का लाभ रेणुका सिंह को मिलता हुआ नजर आ रहा है।
घोषणा कर रेणुका ने जनता को साधा
भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह अपने कार्यशैली को लेकर राजनीति के मैदान में हमेशा ही चर्चित रही हैं, इसके बावजूद मोदी केबिनेट में जगह मिलना उनकी बहुत बड़ी उपलब्ध है। इस चुनाव में भी रेणुका सिंह ने वनांचल क्षेत्र में टेऊन चलाने का वादा कर जनता को प्रभावित किया है तो वहीं सतपाल महराज की सभा में चांगभखार क्षेत्र को जिला बनाने का वादा कर एक और चाल चल दिया है जाहिर सी बात है उक्त दोनो घोषणा का आमजन में खासा प्रभाव पड़ा है।
मिली जीत तो आदिवासी महिला मुख्यमंत्री के रूप में एक चेहरा
राजनीति के जानकार बताते हैं कि यदि भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र से रेणुका सिंह को जीत मिलती है तो वे भी भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा हो सकती हैं,कार्यकर्ताओं ने चुनाव में सीएम दीदी आई हैं का नारा लगाकर इस बात को बल भी दिया है। मोदी सरकार ने महिला आरक्षण को लेकर एक बड़ी जीत हासिल कर ली है आगामी 5 महीने बाद लोकसभा का चुनाव होना है इस प्रदेश में आदिवासी समाज सरगुजा और बस्तर संभाग मे बहुतायात में है ऐसे में आदिवासी वर्ग से और वह भी महिला के रूप में रेणुका सिंह को भी एक दावेदार के रूप में देखा जा सकता है। रेणुका सिंह की पहुंच पकड़ राष्ट्रीय स्तर पर है और मोदी सरकार का हिस्सा होने के नाते उन पर विचार जरूर किया जा सकता है।
रेणुका सिंह को करना पड़ा भीतरघात का सामना,भरतपुर क्षेत्र में दुर्गा शंकर मिश्रा ने संभाला मोर्चा,कमरो के करीबियों ने की गुंडागर्दी
विधानसभा के इस चुनाव मंे भाजपा प्रत्याशी को भीतरघात का सामना भी करना पड़ा है, इस क्षेत्र की एक नेत्री के द्वारा खुलेआम पार्टी के विरोध में काम किया जा रहा था,बीच में उक्त नेत्री कुछ दिनों तक क्षेत्र से बाहर थी लेकिन आने के बाद उनके द्वारा भाजपा का काम नही किया बल्कि विरोध करते देखा गया। कई क्षेत्रो में भाजपा कार्यकर्ताओं को काम करने से रोकने का प्रयास किया गया,इस बात की चर्चा भी आज तक चल रहा है। बताया जाता है कि उक्त नेत्री के पति ने खुलेआम घुमघुम कर गोंगपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगा जा रहा था। इसकी शिकायत भी रेणुका सिंह द्वारा पार्टी हाईकमान को की गई है। चुनाव में भरतपुर क्षेत्र में भाजपा नेता दुर्गाशंकर मिश्रा ने भी गुलाब कमरो से व्यक्तिगत विवाद के कारण रेणुका सिंह के लिए पूरी ताकत के साथ काम किया है। उनके द्वारा भरतपुर,कोटाडोल एवं कुंवारपुर मंडल में भारी बढत का दावा किया गया है। तो वहीं चुनाव के ठीक एक दिन पहले गुलाब कमरो समर्थक अंकुर सिंह द्वारा जिस प्रकार सत्ता का धौंस दिखाया जा रहा था उससे भी जनता में खासा आक्रोश देखने को मिला है।
बैकुंठपुर के कई चेहरे दिखे कमरो के प्रचार में,मिली जीत तो ठीक वरना भैयालाल बनेंगे सहारा किया जा रहा दावा
चुनाव के दौरान भरतपुर विधानसभा क्षेत्र में बैकुंठपुर के कुछ ठेकेदार किस्म के लोग भी गुलाब कमरो का प्रचार करते नजर आए, जो कि पूरे पांच वर्ष तक सत्ता की मलाई वनांचल में खा रहे थे। ऐसे ठेकेदार अब यह कहते सुने जा रहे हैं कि गुलाब कमरो जीते तो ठीक वरना बैकुंठपुर से भैयालाल राजवाड़े ही जीतने के बाद सहारा बनेंगे। जाहिर सी बात है ऐसे स्वार्थी लोग सत्ता किसी की भी आए अपना काम निकालते हैं नेताओं को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं,और कार्यकर्ता जो चुनाव में अपना सर्वस्व न्यौछावर करता है वह केवल हाथ पर हाथ धरे बैठे रहता है।
गोंगपा के मजबूती किसके लिए घातक
भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र में इस बार गोंगपा ने बसपा के साथ गठबंधन करते हुए चुनाव लड़ा है,गोंगपा की ओर से प्रत्याशी रहे श्याम सिंह मरकाम ने समूचे क्षेत्र में वोटरो को साधा है,जातिगत समीकरण में भी वे आगे निकल चुके हैं,भरतपुर,सोनहत एवं केल्हारी,नागपुर आदि सभी क्षेत्रो में जनता का खासा समर्थन उन्हे मिला है,यह दावा किया जा रहा है कि गांेगपा या तो यह सीट निकाल सकती है या फिर दूसरे स्थान पर रहेगी,ऐसी स्थिति में यह कहा जा सकता है कि दोनो राष्ट्रीय पार्टियों में से एक हारने वाली पार्टी को यहां तीसरा स्थान मिलेगा। गोंगपा की मजबूत स्थिति किसके लिए घातक होगी यह 3 दिसंबर को पता लग सकेगा।
एमसीबी में भी फेल हुआ भाजपा संगठन,रेणुका की टीम ने संभाला मोर्चा
विधानसभा चुनाव के दौरान संगठन की चिंताजनक स्थिति के कारण रेणुका सिंह को भी काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है,एमसीबी जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल केशरवानी की निष्कि्रयता भी चर्चा का विषय है। इस जिले में भी संगठन के कार्यकर्ता नदारद थे तो वहीं पन्ना,बूथ प्रभारी आदि भी सिर्फ कागजो में दिखा। चुनाव के दौरान पहले चरण के प्रचार अभियान के बाद रेणुका सिंह ने अपने कार्यकर्ताओं को हर क्षेत्र में तैनात कर अलग से रणनीति बनाई जिसके बाद स्थिति में काफी सुधार देखने को मिला ।
चुनाव बाद गुलाब कमरो का कांफीडेंस गिरा,परिणाम 3 को
खुद को फिर से विधायक मानकर चल रहे गुलाब कमरो को कड़ी टक्कर मिली है,गोंगपा ने जिस प्रकार पूरे क्षेत्र में अच्छा वोट हासिल करने का दावा किया है उससे कहीं न कहीं गुलाब कमरो के वोट बैंक पर खासा असर पड़ा है। सूत्रो ने बतलाया कि भाजपा उम्मीदवार रेणुका सिंह ने भी चुनाव के बाद गुलाब कमरो से बात किया था और उनका इस बारे में बयान भी सामने आया है,बतलाया जाता है कि चुनाव के बाद गुलाब कमरो का कांफिडेस भी कम हो गया है,वे क्षेत्र में नजर भी नही आ रहे हैं उनके कार्यकर्ता भी निराश बतलाये जा रहे हैं। हलांकि जीत किसकी होगी यह तो मतगणना तिथि 3 दिसंबर को ही पता चलेगा लेकिन चुनाव में काम करने वाले कार्यकर्ता को परिणाम का अंदाजा पहले से मिल जाता है।
मतदान दलों ने जान जोखिम में डालकर कराया मतदान
विकास के दावे करने वाले विधायक गुलाब कमरो के क्षेत्र में चुनाव कराने गए मतदान दलो को इस बार भी कई जगह कठिनाईयो का सामना करना पड़ा है,अति दुर्गम व वनांचल क्षेत्र में आज भी कई ऐसे गांव है जहां विकास की किरणें नही पहुंच सकी है,कुछ दलो को रात टेंट पंडाल में बिताना पड़ा है,एक दल के कर्मचारी ने बताया कि पंडाल के पीछे भालूओ का जमावड़ा भी देखा गया,कड़कड़ाती ठंड में अलाव के सहारे रात गुजारने का अनुभव भी मिला है।


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