– क्या विधायक स्वयं एक वीआईपी होटल में बैठकर कांग्रेस के विरुद्ध कार्य करने के लिए अपने समर्थकों को उकसा रहे थे?
– क्या विधायक और महापौर अंतिम तीन दिनों में सभी कार्यकर्ताओं ने भाजपा में मतदान की कर रहे थे अपील?
– क्या टिकट वितरण के 20 दिन तक विधायक और महापौर रायपुर के बंगले में बैठकर नीरो की तरह बंसी बजा रहे थे और उनके समर्थक मनेद्रगढ़ विधानसभा में पार्टी विरोधी कार्य कर रहे थे?
– क्या कांग्रेस पार्टी इनके विरुद्ध कर सकती है अनुशासनात्मक कार्यवाही?
– भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पैसा बांटने का आरोप लग रहा है विधायक पर:सूत्र
–रवि सिंह–
एमसीबी 23 नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। मनेद्रगढ़ विधानसभा कांग्रेस पार्टी में कांग्रेस पार्टी में बड़ी बगावत की खबर आ रही है, चिरमिरी मनेद्रगढ़ खडगवा को मिलकर बना विधानसभा में निर्वाचन के दौरान विधायक समर्पित कांग्रेसियों नेजमकर पार्टी विरोधी कार्य किए हैं ऐसी खबर पूरे क्षेत्र में आम जनमानस के बीच चर्चाओ में खूब आ रही है विधायक और महापौर अपने समर्थकों को कांग्रेस हित में कार्य करने हेतु निर्देष ना दे टिकट वितरण के 20 दिन तक रायपुर बंगले में बैठकर पार्टी विरोधी कार्य कर रहे थे और अपने कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के विरुद्ध कार्य करने के लिए उकसा रहे थे और जब उनके कार्यकर्ता पूरे विधानसभा में नंगा नाच करने लगे और पार्टी विरोधी कार्य करने लगे तो वे दोनो अपने बंगले में बैठकर कर नीरो की तरह बंसी बजा रहे थे, कांग्रेस प्रत्याशी ने इन सभी की शिकायत विस्तार से मुख्यमंत्री महोदय एवं पार्टी संगठन को कर दी है देखना यह है कि पार्टी इन पर किस तरह की कार्यवाही करती है।
बीते विधानसभा चुनाव की यदि हम बात करें तो कांग्रेस में संगठन नाम की कोई चीज नहीं दिख रही है कांग्रेस के जिला अध्यक्ष को भी इस बात का एहसास नहीं था कि वह जिला अध्यक्ष है वह एक आम कार्यकर्ता की तरह गली मोहल्ले में घूम-घूम कर पार्टी का प्रचार कर रहे थे जबकि उनका कार्य उनके अधीनस्थ सभी ब्लॉक अध्यक्षों को काम आवंटन करना और उसकी निगरानी करना था और यदि कहीं पर कोई कमी रह जाए तो उसको सुधारने के लिए एक सकारात्मक प्रयास की जरूरत थी जो बिल्कुल नहीं दिखी पार्टी विरोधी कार्य विधायक समर्थक लगातार कर रहे थे लेकिन उनके द्वारा ना ही किसी पर संघटनात्मक कार्रवाई की गई है और नहीं उनका निष्कासन करवाया गया एक बड़ी वजह थी कि विधायक समर्थक निडर होकर खूब पार्टी विरोधी कार्य किए हैं जिसका दुष्परिणाम कांग्रेस पार्टी को झेलना पड़ सकता है, 3 दिसंबर का इंतजार है देखना यह है कि ऊंट किस करवट बैठता है क्षेत्र के सभी चौक चौराहा में गली मोहल्ले में होटल मोटल में सिर्फ अपने-अपने समर्थित प्रत्याशियों के जीतने हारने की बात ही चल रही है, लोगों ने माना है कि 1000 से 2000 के बीच ही जीत हार का अंतर होगा, हर कोई अपने अपने प्रत्याशी को जितना बता रहा है।
क्या विधायक विनय जायसवाल की टिकट काटने के पीछे का यह भी था वजह?
विदित हो कि विधायक विनय जायसवाल को उन पर लगे कई कथित भ्रष्टाचार और अवैध कार्यों के संरक्षण और संलिप्तता को लेकर उन्हें टिकट नहीं दिया गया था उनके लगभग समर्थक पूरे विधानसभा में 5 साल तक प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से बड़े पैमाने पर अपनी काली कमाई कर रहे थे, दिनदहाड़े कोयलांचल में लोहा कोयला के कारोबारी बढ़ गए थे सभी गली मोहल्ले में सट्टा जुआ शराब की बिक्रिया बढ़ गई थी शहर में कोई भी निर्माण कार्य हो रहा था तो अल्लू कर रहा था या फिर मटरू करता था उनसे बचता था तो विधायक का भाई उसको झपट लेता था इस तरह से पैसे कहीं से भी आए कैसे भी आए सारे पैसे अपने पास आए इस फार्मूले के तहत विधायक विनय जायसवाल का कार्यकाल 5 साल बीता, मिली जानकारी के अनुसार चिरमिरी और मनेंद्रगढ़ खड़गवा कइयों का तो उनके ही रहमो करम से घर चलता था, कोई अवैध कार्य उनके संरक्षण में करता था तो किसी का निगम में या जनपद में या नगर पालिका में फर्जी हाजिरी लगाकर उसका जीवकोपार्जन की व्यवस्था की गई थी।
क्या मनेद्रगढ़ विधायक को उनकी बेवकूफी नहीं बल्कि उसकी चालाकी ही ले डूबती है?
कहते हैं की इंसान को उसकी बेवकूफी नहीं बल्कि जरूरत से ज्यादा उसकी चालाकी ही ले डूबती है यह कहावत मनेद्रगढ़ विधायक पर सिद्ध होती दिख रही है….विधायक को दोबारा टिकट नहीं मिला रहमो करम पर जीने वाले लोग एकत्र होकर बौखला गए गलत बयान बाजी करने लग गए पार्टी विरोधी कार्य करने लगे सबको अपनी रोजी रोटी की चिंता दिखने लगी आंख के सामने अंधेरा छाने लगा बेचारे करते भी क्या.? उन्हें अब कैसे उनका घर चलेगा इसकी चिंता सताने लगी विधायक जी को टिकट नहीं मिला वे अपनी महापौर पत्नी के साथ रायपुर अपने घर वापस चले गए बेचारे उनके पालतू कार्यकर्ता अनाथ हो गए, टिकट नहीं मिला विधायक जी को भी बहुत दुख था मन में उथल-पुथल थी “मैं नहीं तो वह नहीं” वाले फार्मूले को अमली जामा पहनाने में लग गए और फिर पार्टी विरोधी कार्य करने में कोई कसर नहीं छोड़ी रायपुर से अपने कार्यकर्ताओं को कथित रूप से पार्टी विरोधी कार्य करने के लिए निर्देशित करते रहे यही कारण था कि उनके खास पार्षद एवं एक पार्षद पति जो उन्हें मम्मी पापा का दर्जा दिया था वह दुखी होकर तत्काल भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर पार्टी के विरुद्ध और पार्टी के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारी के खिलाफ जमकर अनाप शनाप बयान बाजी करने लग गए हैं, वही गोदरी पारा का भी एक पार्षद पार्टी से इस्तीफा देकर पार्टी के विरुद्ध कार्य करने लग गए, आरोपियो भी है कि पूरे चिरमिरी के लगभग विधायक समर्थक पार्षदों और एल्डरमनों ने कांग्रेस हित में कार्य नहीं किया वे विधायक के निर्देश पर पार्टी विरोधी कार्य करते रहे और भाजपा के पक्ष में प्रचार करते रहे ऐसा नहीं है कि कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी ने उनकी पूछ परख नहीं की उनको प्रदान की जाने वाली ऊर्जा भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दी थी लेकिन उन सभी जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारी को आगामी भविष्य के बारे में चिंता थी कि जो खैरात की रोटी उन्हें विधायक विनय जायसवाल के दौर में मिल रही थी वह अब नहीं मिल सकेगी इस बात की चिंता ने पूरे कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी की उम्मीदो में पानी फेर दिया, खबर तो यह भी बड़ी तेज से उड़ रही है की भाजपा प्रत्याशी और विधायक के बीच उनके घर में घंटो मंत्रणा भी हुई है मोबाइल में भी काफी चर्चाएं हुई हैं, भाजपा प्रत्याशी के इर्द-गिर्द घूमने वाले एक समर्थक ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हर एक घंटे विधायक विनय जायसवाल का उनके पास फोन आता था और उनको बताया जाता था कि कैसे कांग्रेस प्रत्याशी को डैमेज करना है और किन-किन लोगों से किस तरह का संपर्क करना है विधायक के निर्देश को त्वरित अमला जामा पहनाने का कार्य भाजपा प्रत्याशी करते रहे और इस तरह से कांग्रेस पार्टी को कथित तौर पर विधायक ने बड़ा नुकसान पहुंचा है ऐसा आप पूरे विधानसभा क्षेत्र में उन पर लग रहा है इस आप की हम पुष्टि नहीं करते लेकिन यदि यह सच है तो देखना यह होगा कि प्रदेश संगठन को अपना काफी ग़रीबी बताने वाले डॉक्टर विनय जैसवाल और उनकी पत्नी और उनके समर्थकों पर कांग्रेस पार्टी अनुशासनात्मक कार्यवाही कर पाती है या नहीं?
क्या पार्टी से बड़ा विधायक का अपना समाज था?
जन चर्चाओं के बीच खबर यह भी आ रही है कि विधायक के विनय जायसवाल और श्याम बिहारी जायसवाल कलचुरी समाज से आते हैं इन दोनो के बीच बहुत सारे ताने-बाने के बाद हमको एक सूत्र में पिरोए रखने के लिए समाज के पदाधिकारी ने एक बैठक आहूत कर दोनों को खूब समझाइए दी उन्हें समझाया गया कि अलग-अलग पार्टी से जरूर हैं लेकिन समाज उनका एक ही है,पार्टियां तो आती जाती रहेगी लेकिन हम सब की जिम्मेदारी है कि समाज आगे बढ़े और उनके समाज के लोग हमेशा सर्वोच्च पदों पर बने रहें यही समाज के एक-एक व्यक्ति की जिम्मेदारी है उक्त सामाजिक बैठक के उपरांत विनय जायसवाल का व्यवहार पार्टी के विरोध में जाकर कलचुरी समाज के लिए कार्य करना देखा गया, उन पर आरोप यह भी है कि जब पहली बार श्याम बिहारी जायसवाल विधायक बने थे तब भी डॉ विनय जायसवाल और उनका पूरा परिवार भारतीय जनता पार्टी को ही मतदान किया था पार्टी के विरुद्ध पार्टी फॉर्म से ऊपर उठकर और समाज हित में उनके द्वारा कार्य किया गया था, इन सभी आरोपों में सत्यता जो भी हो पर विधायक विनय जायसवाल और महापौर कंचन जायसवाल के विरुद्ध पूरे विधानसभा में पार्टी विरोधी कार्य करने का आप सभी सच्चे कांग्रेसी कार्यकर्ता लगा तार लगा ही रहे हैं।