एमसीबी@एमसीबी में निर्वाचन कार्य में संलग्न कर्मचारियों को होना पड़ा दुर्व्यवस्था का शिकार

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  • मतदान सामग्री उठाव स्थल पर पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं है था।
  • महिलाओं के लिए शौचालय व्यवस्था नहीं,छोटे बच्चों वाले महिलाओं की भी लगी ड्यूटी।
  • ऐसे कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई गई जिन्हें प्रशिक्षण तक नहीं मिल पाया था।
  • रात 11:00 बजे आदेश कर व्हाट्सएप में प्रसारित किया गया आदेश।
  • रिटायरमेंट के करीब कर्मचारियों की और विकलांग कर्मचारियों की भी लगी ड्यूटी।
  • भूख प्यास से तडपते रहे कर्मचारी वर्ग,अव्यवस्थाओं के बीच वितरण काउंटर की भी समुचित व्यवस्था नहीं।
  • जिन दलों को डेढ़ सौ किलोमीटर से भी ज्यादा दूर जाना था उन्हें दोपहर तक नहीं मिल पाया था मतदान सामग्री।
  • देर से रवानागी होने के कारण मतदान दलों को करना होगा परेशानियों का सामनानहीं हो पाएगी समुचित तैयारी।
  • कर्मचारियों की नजर में इससे पहले नहीं देखा ऐसा अव्यवस्था का आलम।*
  • मतदान दलों में तीन पुरुषों के बीच एक महिला कर्मचारी का होना भी दुर्भाग्यजनक।
  • कोटडोल में प्रथम दिन पहुंचे मतदान दल के लिए बना भोजन कर्मचारियों के लिए बीमारी का कारण भी बन सकता था।

-रवि सिंह-
एमसीबी 16  नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। निर्वाचन विभाग पर एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है कि कोई भी चुनाव सही तरीके से संपन्न कराया जा सके, चुनाव को संपन्न करने के लिए निर्वाचन विभाग के पास सारे अधिकार होते हैं और उनके पास व्यवस्था को सुचारू रूप से व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी होती है पर यदि इसके बावजूद निर्वाचन को संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाने वाले मतदान दल को अव्यवस्थाओं से गुजरना पड़े तो निर्वाचन विभाग पर सवाल उठाने लाजमी है, कुछ ऐसी ही स्थिति इस समय एक जिले से विभाजित होने के बाद दूसरा जिला बना पुराने व नए जिले दोनों के कर्मचारी इस समय मतदान दल में शामिल है जिनकी योगदान से ही चुनाव संपन्न होना है पर जिनके योगदान से चुनाव संपन्न होना है उन कर्मचारियों को ही बेहतर व्यवस्था नहीं मिल सकी, यदि बेहतर व्यवस्था मिलती तो कर्मचारियों के लिए भी उत्साह वाला मतदान होता पर ऐसा देखने को नहीं मिला, कर्मचारियों में इसे लेकर काफी आक्रोश है कर्मचारी अपने व्हाट्सएप समूह में इसको लेकर अपना आक्रोश जाहिर कर रहे है पर समस्या यह है कि जिस विभाग के पास यह जिम्मेदारी है वह कर्मचारीयों की समस्या समझने को तैयार नहीं। निर्वाचन कार्य में सबसे अग्रणी और मुख्य भूमिका राजस्व विभाग की होती है और वह संचालन का काम करता है लेकिन निर्वाचन कार्य संपन्न कराने में सबसे अहम भूमिका विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की होती है जो मतदान संपन्न कराते हैं। विभाजित कोरिया जिले में इस बार कर्मचारियों के लिए मतदान कराने जाना अच्छा अनुभव साबित नहीं हुआ और मतदान पूर्व ही वह परेशान नजर आए अभी तो उन्हे मतदान कराकर वापस भी आना है अब उसके बाद उनका क्या अनुभव सामने आता है यह देखने वाली बात होगी।
मतदान दलों को सबसे पहली समस्या सामग्री उठाव में आई
सामग्री उठाव को लेकर मतदान दल के कर्मचारी दिन भर परेशान रहे। लंबी लाइन लगी रही और सामग्री उठाव के दौरान कर्मचारियों की लंबी लाइन देखी गई। कुल मिलाकर मतदान दल कर्मचारी काफी परेशान रहे। दिन भर वह भोजन भी करने में असमर्थ रहे जबकि वह अपनी व्यवस्था लेकर चले थे।
महिलाओं के लिए सामग्री उठाव स्थल के आस पास शौचालय भी नहीं था उपलब्ध
सबसे बड़ी विडंबना और अव्यवस्था यह देखी गई की महिला मतदान दल कर्मचारियों के लिए सामग्री उठाव दल के पास शौचालय की भी व्यवस्था नहीं थी। महिलाएं परेशान दिखीं।
पुरुष मतदान दलों के बीच एक महिला मतदान दल कर्मचारी पहली बार भेजना भी पहली बार देखा गया
इस बार के चुनाव में विभाजित कोरिया जिले के तीन विधानसभाओं में से कुछ मतदान केंद्रों में महिलाओं को पुरुष मतदान दल का हिस्सा बनाया वह भी तीन पुरुष मतदान दल कर्मचारियों के बीच एक महिला कर्मचारी। यह अलग ही निर्णय देखा गया।बिना प्रशिक्षण भी पहुंचे कुछ मतदान दल में कर्मचारी बनकर,देर शाम उन्हे फोन पर मिली सूचना सुबह होना पड़ा रवाना
मतदान दल के कर्मचारियों में कुछ कर्मचारी ऐसे भी थे जिन्हे प्रशिक्षण भी पूरा नहीं मिला,उन्हे जाने वाले दिन के एक पहले फोन किया गया और उन्हे सुबह ही रवाना होना पड़ा। कुल मिलाकर बिना प्रशिक्षण कैसे होगा चुनाव संपन्न यह भी है सवाल।दूरस्थ अंचल वाले मतदान देर शाम पहुंच सके मतदान केंद्र,अब उन्हे रातभर जगकर करना होगा काम सुबह ही है मतदान
दूरस्थ अंचल जनकपुर भरतपुर जाने वाले मतदान दलों के मतदान दल कर्मचारियों को बड़ी देर में दोपहर बाद तक मतदान के लिए सामग्री मिल सकी वह देर शाम तक अपने मतदान केंद्र तक पहुंच सके अब वह रातभर तैयारी करेंगे और सुबह 6 बजे से ही उन्हे काम करना है कुल मिलाकर उन्हे आराम का मौका नहीं देना जैसे तय था।
छोटे बच्चों को लेकर पहुंची महिला कर्मचारी मतदान दल का हिस्सा बनने
छोटे बच्चों को लेकर भी महिला कर्मचारी मतदान दल का हिस्सा बनने पहुंची उनकी भी ड्यूटी लगाई गई जबकि छोटे बच्चों के माताओं साथ ही ऐसे कर्मचारी महिलाओं का ड्यूटी नहीं लगाया जाना चाहिए था।
एक दिन पूर्व रवाना किए गए मतदान दलों को पहली रात जो भोजन दिया गया वह ऐसा था जो बीमार करने के लिए काफी था
एक दिन पूर्व भी मतदान दलों को रवाना किया गया था जिन्हे कोटाडोल में ले जाकर रोका गया। उन्हे वहां से मशीन दी गई। उन कर्मचारियों को रात में जो भोजन दिया गया वह कीड़े लगे चावल वाला भोजन था ऐसी भी खबरे सामने आईं और चावल कच्चा और जला हुआ खिलाया गया। कुल मिलाकर कोई सम्मान मतदान दल के कर्मचारियों का नहीं किया गया।
पहली जाने वाली गाड़ी और पहले आने वाली गाड़ी के मतदान दल को मिठाई खिलाकर जिला प्रशासन ठोंक लेता है पीठ,जो सबसे दूर जाता और वहां से सांस देर में आता है उसको लेकर गंभीर नहीं रहता प्रशासन
मतदान दलों की रवानगी के समय देखा गया है की जो दल पहले रवाना होता है जो प्रशासन पहले से तय भी रखता है उसे मिठाई खिलाया जाता है उसे शुभकामनाएं दी जाती हैं वहीं जो दल सबसे पहले वापस आ जाता है उसे सम्मान दिया जाता है स्वागत किया जाता है,फिर बाद वालों की कोई इज्जत प्रशासन नही करता जबकि वह दूरस्थ अंचल वाले होते हैं और तीन दिनो तक वह परेशान रहते हैं।


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