बैकुण्ठपुर@क्या स्थानीय कांग्रेसियों पर विश्वास कांग्रेस प्रत्याशी का हुआ कम इसलिए बुलाए गए हैं दानिश रफीक?

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  • अंबिकापुर के दानिश रफीक ने बैकुंठपुर की कांग्रेस प्रत्याशी के लिए जारी किया प्रचार अभियान।
  • मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने हर कोशिश कर रहे दानिश रफीक
  • गैर मुस्लिम मतदाताओं के बीच जाकर भी कर रहे प्रचार,कांग्रेस प्रत्याशी के लिए सबसे विश्वस्त माने जा रहे हैं दानिश रफीक
  • चुनाव प्रचार के अंतिम समय में दानिश रफीक कितना कर पाएंगे कमाल यह भी देखने वाला मामला होगा।
  • स्थानीय कांग्रेसियों की नाराजगी दूर करने की बजाए उनसे दूरी ही बनाना रणनीति मानी जा रही है कांग्रेस प्रत्याशी की
  • कुल मिलाकर अब जीत हार का जिम्मा अंबिकापुर के दानिश रफीक के हिस्से जाना तय

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर  14  नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। चुनाव प्रचार का अंतिम दौर चल रहा है बैकुंठपुर विधानसभा में मुख्य मुकाबला कांग्रेस भाजपा के बीच ही होना तय माना जा रहा है और ऐसे में अब दोनो ही दल अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं और उन्होंने है तरह से मतदाताओं को रिझाने का प्रयास एक बार कर लिया है और अब वह उनके पास दोबारा जा रहे हैं और उनसे अपने प्रत्याशी के पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं। बैकुंठपुर विधानसभा में जहां भाजपा अपने पुराने और स्थानीय कार्यकर्ताओं पर विश्वास करके चुनावी समर में जीत दर्ज करने की कोशिश कर रही है वहीं कांग्रेस की पूरी रणनीति प्रत्याशी स्वयं तैयार कर रही हैं और स्थानीय कांग्रेसियों की बजाए उन्होंने अंबिकापुर से एक नेता की नियुक्ति अपने विधानसभा में करा ली है जो उनके विश्वासपात्र हैं। कांग्रेस भाजपा में बैकुंठपुर विधानसभा में केवल अंतर इतना ही चुनाव प्रचार के दौरान समझ में आ रहा है की कांग्रेस अपने कैडर को किनारे करके चुनाव जितने के प्रयास में लगी हुई है बाहरी साथ ही हाल ही में जोगी जनता कांग्रेस से कांग्रेस में आए नेता को वह बैकुंठपुर विधानसभा का सबसे ज्यादा विश्वास पात्र अपना प्रचारक मान रही है वहीं भाजपा अपने पुराने कैडर नए कैडर के साथ चुनावी मैदान में है और वह अपनी जीत दर्ज करने में लगी हुई है।
अंबिकापुर से बैकुंठपुर विधानसभा में आकर कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए दानिश रफीक नाम के नेता को विधायक के कहने पर पार्टी ने नियुक्त किया है और फिलहाल वही उनके सबसे विश्वासपात्र हैं। दानिश रफीक का सबसे प्रमुख काम प्रत्याशी के पक्ष में मुस्लिम मतदाताओं को करना है वहीं वह विधानसभा के सभी कांग्रेसियों पर निगरानी रखेंगे साथ ही उन्हे मार्गदर्शन देंगे। वैसे दानिश रफीक हाल में कांग्रेस में शामिल हुए हैं और पहले जोगी कांग्रेस में थे और बैकुंठपुर विधानसभा में जोगी कांग्रेस से कांग्रेस में शामिल हुए नेताओं की विधायक से नजदीकी के कारण वैसे भी कार्यकर्ता नाराज हैं ऐसे में दानिश रफीक को ही प्रमुख बनाने से कार्यकर्ता कितना खुश रहेगा वह अपने बाद कांग्रेस में शामिल हुए नेता के निर्देश पर कितना सक्रिय होकर काम करेगा यह बड़ा सवाल है। वैसे परिणाम जो भी आए विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए बात श्रेय की आयेगी तो दानिश रफीक के सर सेहरा सजेगा और यदि परिणाम उलटा आया आरोप कैडर कांग्रेसियों पर लगेगा कुल मिलाकर कैडर कांग्रेसी क्या करे वह बड़ी असमंजस में है जो अंदरखाने की खबर है।
मुस्लिम मतदाताओं पर पूरी पकड़ बनाने दानिश रफीक को बुलाया गया बैकुंठपुर
सूत्रों की माने तो मुस्लिम मतदाताओं को पूरी तरह अपने पक्ष में करने के लिए दानिश रफीक को बैकुंठपुर बुलाया गया है,दानिश रफीक मुस्लिम मतदाताओं से दिनभर मुलाकात कर रहे हैं रात में भी प्रयास कर रहे हैं जैसा बताया जा रहा है वह बड़ी मेहनत कर रहे हैं। उनका प्रमुख कार्य जिम्मेदारी ही मुस्लिम मतदाताओं को किसी भी हाल में अन्यत्र जाने देना नहीं है।खुलकर पहली बार नजर आए प्रचार अभियान में,पटना क्षेत्र में भी हुए सक्रिय
दानिश रफीक पटना क्षेत्र में खुलकर अब प्रचार अभियान में जुट गए हैं,वह पटना क्षेत्र के उन सभी जगहों पर पहुंच रहे हैं जहां मुस्लिम मतदाता आबादी रहती है,बैकुंठपुर के कुछ मुस्लिम आबादी क्षेत्र में वह अपना प्रचार कर चुके और अब वह पटना क्षेत्र में प्रचार में खुलकर सामने आ चुके हैं। उनके आने का प्रभाव भी नजर आने लगा है मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में उनका ही आहवान मुस्लिम मतदाताओं को देर शाम तक मौहारी मैदान में रोकने कारगर साबित हुआ था जो सूत्रों का कहना है, जहां मुस्लिम मतदाता अपने साधनों से पहुंचे भी थे उन्हे वाहन की भी व्यवस्था नहीं दी गई थी जबकि अन्य को दी गई थी।कांग्रेस प्रत्याशी के सबसे विश्वासपात्र हैं दानिश रफीक,टिकट से लेकर जीत तक की गारंटी ली है दानिश रफीक ने,सूत्र
सूत्रों की माने तो बैकुंठपुर की कांग्रेस प्रत्याशी को दानिश रफीक पर सबसे ज्यादा विश्वास है,उनके टिकट से लेकर उनकी जीत तक की सभी जिम्मेदारी दानिश रफीक की है यह सूत्रों का कहना है,स्थानीय कांग्रेसियों में जिलाध्यक्ष के अलावा कांग्रेस प्रत्याशी किसी कांग्रेसी पर विश्वास नहीं कर पा रही हैं यह भी सूत्रों का ही दावा है।
कांग्रेस के कैडर कार्यकर्ता काम तो कर रहे हैं,लेकिन उन्हे भी आभास हो चुका है उन्हे जीत का श्रेय मिलने वाला नहीं है
कांग्रेस के कैडर कार्यकर्ता भी जान चुके हैं जैसा बताया जा रहा है की उन्हे प्रत्याशी की जीत की स्थिति में श्रेय बिल्कुल नहीं मिलने वाला। कार्यकर्ताओं को हर स्थिति में विश्वास योग्य नहीं मानकर चला जा रहा है जैसा देखने को भी मिल रहा है। कार्यकर्ता मेहनत कर रहा है और दिल से कर रहा है लेकिन भविष्य में जीत दर्ज होने की स्थिति में उसकी स्थिति भी पिछली जीत के कारण बने कार्यकर्ताओं जैसी होगी यह वह मानकर चल रहे हैं,फिर भी वह यह जानकर भी इसलिए काम कर रहे हैं की जाए तो जाएं कहां।
मैनेजमेंट गुरु माने जाते हैं दानिश रफीक
दानिश रफीक मैनेजमेंट गुरु माने जाते हैं,उन्हे पूरा अधिकार दिया गया है की मैनेज होने वालों को वह बिना किसी से पूछे ही मैनेज कर सकते हैं यह भी सूत्रों का ही दावा है। वह हर दल में सेंध लगाकर जीत का रास्ता तय करने का प्रयास करेंगे यह भी बताया जा रहा है क्योंकि कांग्रेस प्रत्याशी कांग्रेस कैडर से बिल्कुल आश्वस्त नहीं हैं की वह काम करेगा जबकि वह काम मन से कर रहा है। अब देखना है की मैनेजमेंट गुरु दानिश कितना मैनेज कर पाते हैं विपक्षियों को क्योंकि वही सबसे बड़ा जीत दर्ज करने का रास्ता मानकर कांग्रेस प्रत्याशी चल रही हैं।
मुख्यमंत्री का रात्रि विश्राम कांग्रेस नेता के होटल में नहीं कराना भी साबित कर गया कांग्रेसी नेताओ पर से कांग्रेस प्रत्याशी का विश्वास कम हुआ
मुख्यमंत्री का बैकुंठपुर रात्रि विश्राम कांग्रेस के बड़े नेता के होटल की बजाए शहर के एक अन्य होटल में तय किया गया। इसके पीछे की वजह यह मानी गई की प्रत्याशी को कांग्रेस नेता के होटल में मुख्यमंत्री का रुकना पसंद नहीं था उनकी कुछ रणनीति बाहर जाने का उन्हे भय था जिसकी वजह से अन्य होटल में मुख्यमंत्री को रात्रि विश्राम कराया गया। वैसे कई कांग्रेस नेता जो कांग्रेस प्रत्याशी के खास हैं वह कांग्रेस नेता के होटल में रुकना नहीं चाह रहे हैं जो भी सूत्रों का कहना है


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