बैकुण्ठपुर /एमसीबी@जिला विभाजन के बाद पहला चुनाव संपन्न होगा अव्यवस्थाओं के बीच,ऐसी संभावनाओं को मिल रहा बल

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  • मतदान दलों में संलग्न कर्मचारियों का प्रशिक्षण हुआ संपन्न,दल के पूरे सदस्यों से अभी तक उनकी नहीं हुई मुलाकात।
  • पूर्व के चुनावों में अंतिम प्रशिक्षण में तय हो जाता था दल,दल के सारे सदस्य आपस में हो जाते थे परिचित
  • इस चुनाव में दल के कर्मचारी अभी तक आपस में अनजान,कई दलों के कर्मचारियों को किस दल में होंगे सदस्य मालूम ही नहीं
  • दूरस्थ क्षेत्र में कब जायेंगे मतदान दलों में संलग्न कर्मचारी,अभी तक यह भी बात स्पष्ट नहीं
  • दूरस्थ क्षेत्रों के लिए पहले हुआ करता था एक दिन रिजर्व दिवस,इस बार वह भी स्थिति स्पष्ट नहीं
  • मतदान दलों के कर्मचारियों को मतदान दिवस के एक दिन पूर्व करनी पड़ती है तैयारी,इस बार देर से पहुचेंगे कर्मचारी ऐसी भी संभावना
  • वाहन खराब होना,दल रवानगी में समय लगाना कई परिस्थिति आती है चुनाव में सामने उसको लेकर भी नहीं है जिला निर्वाचन सतर्क
  • मतदान दल के कर्मचारी पहली बार हो सकते हैं चुनाव में परेशान ऐसी संभावना नजर आती नजर आ रही
  • मला कोरिया एमसीबी जिले में संपन्न होने वाले विधानसभा चुनाव से जुड़ा हुआ,दो जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी आपसी तालमेल बिठा पाने में अभी तक साबित नजर आ रहे असफल

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर/एमसीबी 13  नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। विभाजित जिला कोरिया जिससे अलग होकर एक नया जिला एमसीबी बना है में कुल तीन विधानसभा आती हैं।कोरिया जिले में वैसे तो एक ही विधानसभा है लेकिन एक विधानसभा का आधा हिस्सा कोरिया जिले में शामिल है वहीं एमसीबी जिले में दो विधानसभाएं आती हैं वहीं कोरिया जिले की एक विधानसभा का कुछ हिस्सा एमसीबी जिले में आता है। जिला विभाजन हुआ नवीन जिला गठित हुआ एक जिले के लोग नाराज हुए एक के प्रसन्न हुए यह भी देखने को मिला लेकिन अब दो जिलों में विधानसभा चुनाव के दौरान दिक्कत आती नजर आ रही है जो अभी से समझ में आने लगी है। दो जिलों की तीन विधानसभाओं में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस बार सबसे ज्यादा मतदान दल में संलग्न कर्मचारी परेशान होंगे इसकी भी संभावना नजर आ रही है क्योंकि जिले का विभाजन ऐसा हुआ है की एक जिले के कर्मचारी को दूसरे जिले में मतदान दल में संलग्न होकर मतदान कराने जाना है। विभाजन में एक जिले में शामिल विधानसभा का हिस्सा दूसरे जिले का हिस्सा है ऐसे दो विधानसभा भी हैं तीन विधानसभाओं के जिले में । वहीं इस बार मतदान कार्य में संलग्न कर्मचारियों को प्रशिक्षित तो कर दिया गया है लेकिन उन्हे किस दल में जाना है या उनके दल में कौन कौन कर्मचारी शामिल होंगे यह उन्हे नहीं मालूम जबकि बताया जाता है की मतदान दलों के प्रशिक्षण के अंतिम प्रशिक्षण में यह तय हो जाता है की दल में शामिल चार सदस्य कौन कौन होंगे लेकिन इस बार कुछ दलों को छोड़कर अधिकांश को पता ही नहीं है की उनका पूरा दल कहां है। माना जा रहा है ऐसा पहली बार हो रहा है जब मतदान दल के कर्मचारी असमंजस में हैं। दो जिलों में जाकर मतदान कराना और ऐसी व्यवस्था इसका मूल है यह भी माना जा रहा है और दो जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी आपसी सामंजस्य स्थापित नहीं कर पा रहे हैं यह भी इसकी वजह मानी जा रही है।
कर्मचारियों को कब जाना है सामग्री का उठाव कहां से करना है रिपोर्टिंग कब करनी है उन्हे कुछ भी नहीं बताया गया है जबकि अब मतदान को केवल कुछ ही दिन बचे हैं। कर्मचारियों की माने तो उन्हे प्रशिक्षण के दौरान बताया गया है की अंतिम जानकारी उन्हे वॉट्सऐप के माध्यम से दे दी जाएगी जबकि कुछ कर्मचारियों का यह भी कहना है की कब सूचना मोबाइल में आएगी यह भी नहीं बताया गया है जबकि कुछ कर्मचारियों का घर ऐसी जगहों पर है जहां आज भी मोबाइल में सिग्नल की समस्या है। किस साधन से उन्हे सामग्री उठाव केंद्र पहुंचना है यदि वह अन्य जिलों से आयेंगे यह भी उन्हे नहीं बताया गया है। कुल मिलाकर इस बार विभाजित कोरिया जिले में चुनाव अव्यवस्था के बीच संपन्न होगा यह नजर आने लगा है। कर्मचारियों का कहना है की कई विधानसभा के कई क्षेत्र ऐसे हैं की यदि वहां सामग्री का उठाव करके के जिला मुख्यालय से निकला जाए तो दिनभर का समय लगना तय है क्योंकि कई दल एक वाहन में सवार होते हैं और ऐसे में एक एक दल को मतदान दल केंद्र में छोड़ते हुए कई बार अंतिम मतदान केंद्र जो एक ही वाहन में सवार होता है देर शाम पहुंच पाता है और उसे उस दिवस कोई काम करने का समय नहीं मिलता जिस दिन वह पहुंच पाता है। वाहन का खराब होना भी वजह बनती है जब मतदान दल कभी कभी देर से मतदान केंद्र पहुंच पाते हैं और इस चुनाव में दो जिलों का प्रशासन इन संभावनाओं पर निरुत्तर है मौन है जो देखा जा रहा है।
अव्यवस्था के बीच संपन्न होगा कोरिया एमसीबी जिले का विधानसभा चुनाव,संभावना अभी से आने लगी नजर
कोरिया एमसीबी जिले की तीन विधानसभाओं के चुनाव में इस बार अव्यवस्था का आलम देखने को मिल सकता है मतदान दल के कर्मचारियों के मामले में यह माना जा रहा है। एक जिले के कर्मचारी दूसरे जिले में मतदान कराने जायेंगे और इस बीच उन्हे प्रशिक्षण अलग अलग जिले में प्रदान किया जा रहा है। विधानसभाओं का भी क्षेत्र ऐसा है की एक विधानसभा का कुछ क्षेत्र अलग जिले में है कुछ अलग जिल में। कर्मचारी कैसे बांटे जाएंगे यह भी तय करना आसान नहीं है। कुल मिलाकर कौन कर्मचारी किस विधानसभा में जायेगा यह बता दिया गया है लेकिन वह किस तरह जायेगा कहां से सामग्री उठाएगा उसे मालूम नहीं है। अन्य जिले जाना है सामग्री उठाने तो किस साधन से जाना है अपना साधन होगा या व्यवस्था निर्वाचन आयोग करेगा यह भी तय नहीं है। कब पहुंचना है कब सामग्री उठाव करना है सब कुछ अभी तक तय नहीं है।
कर्मचारी असमंजस में हैं रिजर्व दिवस की भी व्यवस्था शायद नहीं,जबकि दूरस्थ क्षेत्र में हैं कई मतदान केंद्र
जैसा बताया जा रहा है की गिनती के दलों को एक दिन पूर्व मतदान केंद्र भेजा जाएगा जिन केंद्रो को दूरस्थ माना जा रहा है जबकि कई ऐसे भी मतदान केंद्र हैं जो दूरस्थ हैं लेकिन उन्हे दूरस्थ की श्रेणी में नहीं रखा जा रहा है। मतदान दलों के लिए एक दिन पूर्व भी काफी काम होता है जो उन्हे सम्पन्न करना होता है और यदि वह अपने मतदान केंद्र तक 12 बजे दोपहर तक पहुंच पाते हैं तभी वह सभी कार्य बेहतर कर पाते हैं,यदि विलंब होता है उनके लिए दिक्कत होती है। कम मतदान केंद्रों को रिजर्व दिवस के लिए चयनित किया गया जबकि अधिकांश दूरस्थ ही हैं मतदान केंद्र यदि एक जिले से दूसरे जिले जाकर सामग्री भी उठाना है कर्मचारियों को और मतदान केंद्र जाना है दूसरे जिले के। ऐसे में अधिक से अधिक मतदान दलों को एक दिन पूर्व भेंजने से ही सही तरीके से मतदान कार्य संपन्न हो पाएगा ऐसा माना जा रहा है वरना कर्मचारियों को परेशान ही होना पड़ेगा ऐसा माना जा रहा है।
वाहन खराब होने की भी होती है संभावना,इसलिए भी रिजर्व दिवस जरूरी ऐसा भी माना जाता है
मतदान दलों को लेकर जाने वाले वाहन कई बार खराब भी होते हैं और मतदान दल के कर्मचारी परेशान होते हैं, इसलिए भी एक दिन पूर्व मतदान दलों को भेजना जिसमे एक रिजर्व दिवस शामिल हो ऐसा करना उचित रहता है ऐसा माना जाता है। वरना ऐसी स्थिति आने पर कर्मचारी सही ढंग से काम नही कर पाते क्योंकि उन्हे समय पर नही पहुंच पाने के कारण कई काम जल्दबाजी में करना पड़ता है जिसमे गलतियों की संभावना होती है।
मतदान दलों का आपसी परिचय प्रशिक्षण के अंतिम दिवस होता आया है,इस बार अभी तक दल के पूरे कर्मचारी आपस में परिचित नहीं
पहले के चुनावों में मतदान दलों के कर्मचारियों के प्रशिक्षण के अंतिम दिवस सभी कर्मचारी एक मतदान दल के आपस में परिचत करा दिए जाते थे आपसी सामंजस्य उनके बीच स्थापित कर दिया जाता था। यह पहला चुनाव होने जा रहा है जब अभी तक कर्मचारियों का आपसी परिचय नहीं हुआ है जो एक दल में हैं। अब उनका आपसी परिचय कब होगा यह संशय बना हुआ है। पहले परिचय होने के कारण आपस में एक दल के कर्मचारी आपसी संपर्क नंबर आपस में बांट लिया करते थे और सामग्री उठाव के दिन वह एक साथ पहुंच पाते थे एक दूसरे को ढूंढना नहीं पड़ता था। इस बार किस दल के कर्मचारी उन्हे कहां मिलेंगे,उन्हे आपस का संपर्क नंबर कहां से मिलेगा उन्हे कुछ नहीं मालूम। अभी भी मतदान दल के कर्मचारी जान नहीं पाए हैं की उन्हे किन किन के साथ एक केंद्र में जाना है। कुल मिलाकर यह भी एक असफलता है जिले के वरिष्ठ अधिकारियों का जो निर्वाचन कार्य संपन्न कराने में लगे हुए हैं
किसे कहां से उठानी है सामग्री सभी को इसकी भी जानकारी नहीं
कोरिया जिले के अधिकांश कर्मचारियों को विधानसभा क्रमांक 1 में भेजा जा रहा है चुनाव संपन्न कराने वहीं इसी जिले के कुछ को जिनका विधानसभा क्रमांक 1 है उन्हे अन्यत्र भेजा जा रहा है। कोरिया जिले के कई कर्मचारियों को जिन्हे विधानसभा क्रमांक 1 में जाना है उन्हे यह तो मालूम है की उन्हे किस विधानसभा में जाना है लेकिन सामग्री उठाव को लेकर सभी कर्मचारियों को स्थिति स्पष्ट नहीं है। कुछ को भेजा जा रहा है क्रमांक 1 विधानसभा में लेकिन उन्हे सामग्री उठाने कहां जाना है यह नहीं बताया गया है लेकिन कुछ के आदेश में ही यह लिखा है की एमसीबी जिले से सामग्री उठाना है। अब इसको लेकर भी असमंजस है कर्मचारियों में,कुछ का मानना है की उनके आदेश में सामग्री उठाव जिला नहीं लिखा है अन्य में लिखा है इसका मतलब उन्हे कोरिया जिले से सामग्री मिलेगी और उन्हे सोनहत क्षेत्र भेजा जाएगा वहीं कुछ जिन्हे एमसिबि जिला बुलाया गया है आदेश में लिखा गया है उन्हे भरतपुर क्षेत्र भेजा जाएगा यह तय है। अब क्या एक ही विधानसभा के लिए अलग अलग जिले से सामग्री बांटी जाने वाली है और वापस भी अलग अलग जिले में की जानी है यह संशय बना हुआ है।
दो जिला निर्वाचन अधिकारी मिलकर भी अभी तक कैसे संपन्न होगा चुनाव बेहतर तरीके से तय नहीं कर पाए
माना जा रहा है की दो जिलों में बंटने और एक दूसरे जिले में कर्मचारियों के चुनाव संपन्न कराने जाने की स्थिति थी तो टीम ऐसी बनानी थी जिसमे एक जिले के ही कर्मचारी एक जिले के किसी विधानसभा के भेजे जाते जबकि अभी की स्थिति यह बताती है की अलग अलग जिले और विधानसभा के कर्मचारियों को मिलाकर टीम बनाई जा रही है और जिनका प्रशिक्षण भी अलग अलग जिले में हो रहा है। कुल मिलाकर माना जा रहा है की दो जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी आपसी सामंजस्य स्थापित नहीं कर पा रहे हैं और इसीलिए ऐसी स्थिति सामने आ रही है और अभी तक कर्मचारियों के बीच संशय की स्थिति बनी हुई है।
सुबह सुबह कर्मचारी कैसे पहुचेंगे दूसरे जिले सामग्री उठाने,जबकि कई के पास चार पहिया वाहन नहीं ठंड का है मौसम,वहीं किराए पर चलने वाली गाड़ियां चुनाव कार्य में संलग्न
एक जिले के कर्मचारी दूसरे जिले से सामग्री उठाव करेंगे,उन्हे सुबह सुबह दूसरे जिले के सामग्री वितरण केन्द्र तक पहुंचना है,अभी ठंड का मौसम है ऐसे में कर्मचारियों को चार पहिया वाहन की जरूरत होगी वहीं सभी के पास चार पहिया वाहन नहीं है वहीं किराए पर चलने वाले वाहन लगभग चुनाव कार्य में लगे हुए हैं ऐसे में कर्मचारी सुबह सुबह कैसे पहुचेंगे दुसरे जिले इसकी भी व्यवस्था क्या प्रशासन करेगा यह भी तय नहीं है।
पहली बार चुनाव कार्य में अनुभवी चुनाव संचालक की कमी देखी जा रही है
माना जा रहा है की पहली बार दो जिलों के चुनाव में किसी अनुभवी चुनाव संचालक की कमी महसूस की जा रही है। इस बार दो जिलों में विभाजित हो चुके दो जिले पहले एक ही थे और कभी ऐसी अव्यवस्था चुनाव प्रशिक्षण साथ ही आगे की कार्यवाहियों को लेकर संशय वाली नहीं देखी गई थी,यह पहला मौका है जब माना जा रहा है की योग्य संचालक का अभाव है इसलिए अभी तक स्थिति मतदान दलों के कर्मचारियों के सामने स्पष्ट नहीं है।


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