बैकुण्ठपुर@छजगा से कांग्रेस में वापसी करने वाले दानिश रफीक को मिली बैकुंठपुर विधानसभा की जिम्मेदारी बनाए गए प्रभारी

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अब पूर्ण रूप से दानिश रफीक संभालेंगे बैकुंठपुर विधायक को जीत दिलाने की कमान।
दानिश रफीक का बैकुंठपुर विधानसभा में पहले से ही था हस्तक्षेप लेकिन था पर्दे के पीछे से,अब खुल के दिखेंगे सामने घटती घटना ने भी जताया था पहले अंदेशाघटती-घटना की खबर पर एक बार और लगी मुहर।
दानिश के कंधे पर मुस्लिम वोट को साधने सहित विधायक को जिताने की जिम्मेदारी।
दानिश रफीक के चाहने वाले बैकुंठपुर के पटना क्षेत्र में ज्यादा।
मुस्लिम मतदाताओं को साधने कांग्रेस की रणनीति,क्या होगी कारगर,क्या अन्य समुदाय से उठ चुका कांग्रेस का विश्वास?

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 11 नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। आखिरकार बैकुंठपुर विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने कांग्रेस पार्टी ने अपना आखिरी पत्ता खोल दिया है जो पत्ता दानिश रफीक के नाम का पत्ता है, दैनिक घटती-घटना ने पहले ही संभावना जताई थी की बैकुंठपुर विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी की टिकट मिलने से लेकर उनकी जीत सुनिश्चित करने तक की जिम्मेदारी दानिश रफीक ही सम्हालेंगे जो होता नज़र आ रहा है और छजगा से हाल ही में कांग्रेस में वापसी किए दानिश रफीक को बैकुंठपुर विधानसभा की जिम्मेदारी दे दी गई। दानिश रफीक अब बैकुंठपुर विधायक साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी की जीत की कमान सम्हालेंगें। इसके पीछे की वजह भी यह मानी जा रही है की छजगा से कांग्रेस में शामिल हुए लोग जो आज बैकुंठपुर विधायक साथ ही प्रत्याशी के सबसे खास हैं वह ऐसा चाहते थे क्योंकि उन्हें अपने नेतृत्व के रूप में छजगा से ही कोई नेतृत्व चाहिए था इसलिए उन्हे यहां की जिम्मेदारी दी गई। बैकुंठपुर के कांग्रेस पदाधिकारियों सहित पार्टी कार्यकर्ताओं पर विधायक प्रत्याशी साथ ही छजगा से कांग्रेस में बैकुंठपुर में शामिल हुए लोग विश्वास नहीं कर पा रहे हैं इसलिए उनकी मांग थी जिसके कारण ऐसा हुआ और दानिश रफीक अब यहां मुख्य भूमिका में होंगे।
बता दें की कांग्रेस ने पहले ही यह बैकुंठपुर विधानसभा में साबित कर दिया है की उन्हे अपने पुराने वरिष्ठ कांग्रेसियों पर विश्वास नहीं है कार्यकर्ताओं पर उसे विश्वास नहीं है जिसके कारण तीन बड़े नेताओं को कांग्रेस ने विधानसभा से बाहर का रास्ता दिखा दिया। बैकुंठपुर से बड़े नेताओं को कांग्रेस ने विधायक की मांग पर बाहर भेजा यह भी माना जा रहा है क्योंकि प्रत्याशी की मांग पर ही राजनीतिक दल ऐसे निर्णय लेते हैं। अब देखना है की दानिश रफीक जो अंबिकापुर के रहने वाले हैं वह कांग्रेस के लिए कितना फायदेमंद साबित होते हैं। वैसे बैकुंठपुर विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं को लेकर कांग्रेस गंभीर नजर आ रही है और यह भी एक वजह है की दानिश रफीक हो बैकुंठपुर की जिम्मेदारी दी गई है जिससे वह मुस्लिम मतदाताओं को साधने में सफल हो सकें यही रणनीति कांग्रेस की है।
दानिश रफीक पहले से ही बैकुंठपुर विधानसभा में रख रहे थे दखल,अब वह पर्दे के पीछे से बाहर निकलकर सम्हालने वाले हैं जिम्मेदारी
दानिश रफीक पहले से ही पर्दे के पीछे से बैकुंठपुर विधानसभा में दखल रख रहे थे,वह वर्तमान विधायक की टिकट मिलने से लेकर उनकी जीत की जिम्मेदारी पहले ही ले चुके थे लेकिन कांग्रेस उन्हे उचित समय पर पर्दे से बाहर निकालने वाली थी वैसा देखने को भी मिला। दानिश रफीक को एकाएक जिम्मेदारी दी गई ऐसा कहना गलत होगा वह पर्दे के पीछे से लगे हुए थे आकार बैठकें कर रहे थे जो सुनने को मिल रहा था। अब कांग्रेस ने जब बैकुंठपुर विधानसभा के वरिष्ठ कांग्रेसियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया उन्होंने दानिश रफीक को बैकुंठपुर में आगे कर दिया और पर्दे से बाहर कर दिया। दानिश रफीक कांग्रेस प्रत्याशी के लिए अब मुस्लिम मतदाताओं को साधने वाले हैं यह माना जा रहा है।
पटना बैकुंठपुर क्षेत्र में दानिश रफीक के सबसे ज्यादा चाहने वाले, छजगा से कांग्रेस में शामिल होने वाले लोगों की मांग भी थी दानिश रफीक को मिले जिम्मेदारी
जैसा की सूत्रों का कहना है की दानिश रफीक को चाहने वाले सबसे ज्यादा पटना और बैकुंठपुर क्षेत्र में हैं और उनकी मांग थी कि दानिश रफीक को विधानसभा की जिम्मेदारी मिले और वैसा हुआ भी,सबसे ज्यादा मांग छजगा से कांग्रेस में शामिल होने वालों की थी क्योंकि वह खुद छजगा से कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
मुस्लिम मतदाताओं को कांग्रेस के पक्ष में करके कांग्रेस प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने की मिली है दानिश रफीक को जिम्मेदारी
दानिश रफीक को बैकुंठपुर विधानसभा की जिम्मेदारी इसलिए भी मिली है क्योंकि कहीं न कहीं बैकुंठपुर क्षेत्र के मुस्लिम मतदाता वर्तमान विधायक से नाराज चल रहे थे वहीं विधायक की वर्तमान प्रत्याशी हैं। कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मुस्लिम मतदाताओं को साधने की उन्हे जिम्मेदारी मिली है ऐसा सूत्रों का कहना है और मुस्लिम मतदाताओं को भविष्य के लिए विश्वास में लेना है यह भी सूत्रों का कहना है।विधानसभा में क्या मुस्लिम मतदाताओं पर ज्यादा ध्यान देने की कोशिश कर रही कांग्रेस और कांग्रेस प्रत्याशी?..क्या अन्य समुदाय से कम समर्थन मिलने का संकेत?
बैकुंठपुर विधानसभा में कांग्रेस पार्टी द्वारा अंबिकापुर के दानिश रफीक को कांग्रेस प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है।कांग्रेस मुस्लिम मतदाताओं को लेकर कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती यह इसकी वजह मानी जा रही है,मुस्लिम मतदाता कुछ प्रतिशत भाजपा के पक्ष में जाने की उम्मीद है जो भी एक वजह है की दानिश रफीक को बैकुंठपुर की जिम्मेदारी दी गई है। माना जा रहा है कांग्रेस मुस्लिम मतदाताओं को लेकर ज्यादा गंभीर है यह भी दानिश रफीक की नियुक्ति मामले में माना जा रहा है।क्या गैर मुस्लिम समुदाय से कांग्रेस को कम समर्थन मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है दानिश रफीक की नियुक्ति के बाद यह भी सवाल उठ रहा है। वैसे कुछ भी हो को आंशका घटती घटना में पहले ही जाहिर की थी की बैकुंठपुर विधायक के सारथी विश्वासपात्र इस चुनाव में दानिश रफीक होंगे वही उनके लिए अग्रणी भूमिका में चुनाव संचालन करेंगे वह बात सच साबित हुई जो नियुक्ति के बाद समझा जा सकता है। बैकुंठपुर के कांग्रेसियों पर इसे प्रत्याशी के अविश्वास से भी जोड़कर देखा जा रहा है।


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