- वेदांती तिवारी को भरतपुर-सोनहत एवं योगेश शुक्ला को मनेंद्रगढ़ विधानसभा का पर्यवेक्षक बना गया।
- बैकुंठपुर विधानसभा के दो दिग्गज कांग्रेसी अब अलग अलग विधानसभा में जाकर करेंगे पार्टी की जीत के लिए काम।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 09 नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले या यह कहें बैकुंठपुर विधानसभा के दो दिग्गज कांग्रेसियों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने फिर झुनझुना पकड़ा दिया है,दोनो दिग्गज बैकुंठपुर विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के प्रबल दावेदार थे और उन्हे प्रत्याशी तो नहीं बनाया गया लेकिन उन्हे अलग अलग विधानसभाओं की जिम्मेदारी देकर फिलहाल उनके विधानसभा से पार्टी ने विदा कर दिया और अब वह अलग अलग विधानसभाओं में जाकर पार्टी प्रत्याशी की जीत के लिए काम करेंगे। जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी सहित रनई जमींदार योगेश शुक्ला जो कद्दावर कांग्रेसी नेता हैं जिनका बैकुंठपुर विधानसभा में अच्छा खासा जनाधार है इन दोनो को विधानसभा चुनाव संपन्न होने तक अलग अलग विधानसभा का पर्वेक्षक पार्टी ने बनाया है। वेदांती तिवारी जहां भरतपुर सोनहत विधानसभा की जिम्मेदारी संभालेंगे वहीं योगेश शुक्ला को मनेंद्रगढ़ का परवेक्षक पार्टी ने बनाया है।
माना जा रहा है की दोनो चूंकि दावेदार थे टिकट के और दोनो पार्टी से कहीं न कहीं नाराज थे क्योंकि पार्टी ने उन्हे दावेदार नहीं बनाया इसलिए दोनो की बैकुंठपुर विधानसभा से विदाई की गई है जिससे वह पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध जाकर काम न कर सकें वहीं ऐसा भी माना जा रहा है की हो सकता है की पार्टी की प्रत्याशी के कहने पर दोनो को अन्य विधानसभा की जिम्मेदारी दी गई है क्योंकि दोनो प्रत्याशी को नुकसान न पहुंचा पाएं यह प्रत्याशी की मंशा रही होगी।वैसे इसी तरह पार्टी ने मनेंद्रगढ़ के वर्तमान विधायक को भी रायपुर भेज दिया है वहां भी पार्टी को नुकसान का अंदेशा था या यह कहें प्रत्याशी को नुकसान का अंदेशा था जिसके कारण उन्हें विधानसभा से ही बाहर भेज दिया गया। कोरिया जिले के दो कद्दावर कांग्रेस नेताओं को लेकर भी ऐसा ही माना जा रहा है की उन्हे भी प्रत्याशी या संगठन के शीर्ष नेताओं के कहने पर ही विधानसभा से बाहर भेजा गया है। वैसे जिन नेताओं को कोरिया से अन्य विधानसभाओं के लिए परवेक्षक बनाया गया है दोनो का अब बैकुंठपुर विधानसभा के कांग्रेसी मंचों पर नहीं दिखना क्षेत्र की जनता को कहीं न कहीं खलेगा जरूर वहीं उनके समर्थकों को भी इस बात का मलाल होगा उन्हे भी मंचों पर उनकी अनुपस्थिति से ऐसा लगेगा जैसे वह नेतृत्व विहीन हो गए हैं।
क्या असंतुष्ट कांग्रेसियों को कांग्रेस ने अलग अलग ठिकाना दिया?
वैसे बैकुंठपुर विधानसभा के लिए भी परवेक्षक की नियुक्ति की गई है जिसमे पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजकुमार केशरवानी को बैकुंठपुर विधानसभा की जिम्मेदारी दी गई है। राजकुमार केशरवानी खुद मनेंद्रगढ़ से दावेदार थे उनकी भी दावेदारी अस्वीकार हुई है इसलिए उन्हे भी मलाल है। कुल मिलाकर देखा जाए तो असंतुष्ट कांग्रेसियों को कांग्रेस अलग अलग ठिकाना देती नजर आ रही है जिससे वह कोई नुकसान न पहुंचा सकें। वैसे कद्दावर नेताओं को खासकर टिकट के दावेदार रहे नेताओं को ही पार्टी अधिकांश जगह परवेक्षक बना रही है और इसके पीछे की मंशा साफ नजर आ रही है की उन्हे उनके विधानसभा से दूर रखना है। अब देखना है की कांग्रेस को इसका कितना फायदा मिल पाता है क्योंकि कांग्रेस के लिए यह चुनाव मुश्किलों वाला साबित हो रहा है एक तरफ भाजपा मजबूती से खड़ी नजर आ रही है वहीं प्रचार अभियान के बीच में कांग्रेस परवेक्षक नियुक्त कर रही है जिससे साफ जाहिर है मामला डैमेज कंट्रोल से जुड़ा हुआ है।
प्रत्याशियों को मिल सकता है इन नेताओं का फायदा
वैसे वेदांती तिवारी का फायदा जहां भरतपुर सोनहत क्षेत्र के प्रत्याशी को मिलेगा क्योंकि जिला पंचायत उपाध्यक्ष होने के नाते वह खुद को वहां के लोगों के सामने अपना बता सकेंगे वहीं योगेश शुक्ला जो मंच पर एक कुशल और ओजस्वी वक्ता माने जाते हैं जिनका फायदा भी मनेंद्रगढ़ कांग्रेस प्रत्याशी को मिलेगा क्योंकि वह योजनाओं और कांग्रेस की नीतियों के बखान के लिए बेहतर वक्ता माने जाते हैं जिन्हे जनता सुनना पसंद करती है। बैकुंठपुर के मंचो पर अब दो अच्छे कांग्रेसी वक्ता नहीं नजर आयेंगे इसका पार्टी को फायदा होगा या नुकसान यह आने वाला परिणाम बताएगा लेकिन दोनो की रवानगी पार्टी ने तय कर दी है।
नई टीम के भरोसे पर चल रही कांग्रेस प्रत्याशी बैकुंठपुर के लिए यह चुनाव कैसा परिणाम देता है?
बैकुंठपुर में अब कुल मिलाकर नए जिलाध्यक्ष पुराने जिलाध्यक्ष सहित जोगी कांग्रेस से शामिल हुए नए नए नेता कांग्रेस मंच की शोभा होंगे और पूरा चुनाव संचालन उन्ही के जिम्मे होगा। वैसे कांग्रेस प्रत्याशी फिलहाल सबसे ज्यादा विश्वास इन्हीं लोगों पर कर पा रही हैं ऐसी भी खबरें समाने आ रही हैं। जोगी कांग्रेस से कांग्रेस में शामिल हुए लोग फिलहाल चुनाव संचालन में अग्रणी भूमिका में हैं वहीं पार्टी के पुराने कार्यकर्ता लगभग किनारे हैं अपनी रोजी रोटी के कामों में लगे हुए हैं। अब देखना है की नई टीम के भरोसे पर चल रही कांग्रेस प्रत्याशी बैकुंठपुर के लिए यह चुनाव कैसा परिणाम देता है। कांग्रेस प्रत्याशी खुद भी काफ़ी मेहनत करती नजर आ रही हैं सुबह से देर रात तक उनका जनसंपर्क जारी है। पारा मोहल्ला टोला कोई जगह जाना वह नहीं छोड़ रही हैं और हर कोशिश में लगी हुईं हैं जिससे वह अपनी जीत सुनिश्चित कर सकें।