बैकुण्ठपुर@भूपेश बघेल से प्रभावित है जनता क्या भूपेश की मजबूरी में देगी अंबिका का साथ?

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  • क्या बैकुंठपुर विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी पड़े अकेले संगठन अपना ही राग अलाप रहा?
  • कोरिया में भाजपा संगठन नहीं कर पा रहा प्रत्याशी के लिए सही ढंग से कम।
  • जिलाध्यक्ष चला रहे परिवारवाद पत्नी अंजली जायसवाल को बनाया था जिला कार्यकारणी सदस्यवह भी अभी तक नही दिखी प्रचार अभियान में।
  • जंबो भाजपा जिला कार्यकारणी के अधिकांश सदस्य भी नही हैं चुनावी मैदान में।
  • कई मोर्चा,प्रकोष्ठ के माध्यम से सैकड़ों लोगों की कार्यकारणी सिर्फ कागज में बनी है:सूत्र।
  • क्या सिर्फ खानापूर्ति किया गया था कार्यकारणी बनाने में या जिलाध्यक्ष की कार्यशैली के कारण अधिकांश पार्टी पदाधिकारी कार्यकर्ता नही आ रहे नजर?
  • अलग थलग नजर आ रहे भाजपा नेताप्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े भी जनसंपर्क में अकेले दिखलाई दे रहे हैं।
  • बाहर से आने वाले नेताओ को भी जिलाध्यक्ष नही दे रहे तवज्जो,हुई है शिकायत:सूत्र।
  • बैनर पोस्टर से लेकर सोशल मीडिया पोस्ट में भी दिख रहा जिलाध्यक्ष का हस्तक्षेप।
  • क्या सिर्फ रेवा यादव की टीम दिला पायेगी जीत…लोगो ने दिखाया 25 हजार से जीतने का सपना।

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 06 नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। बैकुंठपुर में भाजपा प्रत्याशी भैया लाल राजवाड़े अकेले पड़ गए हैं अकेले के दम पर ही वह चुनाव मैदान में देखे जा रहे हैं और यदि जीत मिलती भी है तो उन्हें अकेले के दम पर मिलेगी संगठन का काम बिल्कुल भी प्रत्याशी को जीत दिलाने में या मजबूती प्रदान करने में नहीं दिख रहा, यही वजह है कि भाजपा प्रत्याशी अकेले ही क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं और सभी के पास जाकर निवेदन व विनती कर रहे हैं और अपने पक्ष में मतदान करने की गुहार लगा रहे हैं पर वही संगठन के मुखिया सिर्फ झूठी वाह-वाही  ही लेने में परेशान है। कुछ नेता जो विधायक का खाब देखे बैठे हैं वह भी चाह रहे हैं की प्रत्यासी को हर का सामना करना पड़े ताकि अगले बार उनका नंबर लग सके उनका यह सोचना है कि यदि इस पर प्रत्याशी जीत गया तो अगले बार भी उनका नंबर नहीं लगेगा और वह कहीं ना कहीं अपने किसी परिवार के सदस्य को मौका दिला देंगे। यही वजह है कि काम किसी और प्रत्याशी का कर रहे हैं पर उनका ध्यान बैकुंठपुर के प्रत्याशी को हराने में है।
बैकुंठपुर में भाजपा प्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े के बहाने भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा खुद का प्रचार प्रचार किया जा रहा है ऐसा देखने को मिलता है,यदि भाजपा प्रत्याशी के पोस्टर बैनरो पर नजर डाला जाए तो यह बात स्पष्ट तौर पर देखने को मिल रहा है। जबकि दूसरे विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी का चेहरा ही जनता के सामने पोस्टरो मे नजर आ रहा है,जिलाध्यक्ष द्वारा लोकसभा में खुद को प्रत्याशी के तौर पर पेश करने की बात भी सामने आ रही है,और इसी बहाने उनके द्वारा खुद का प्रचार किया जा रहा है। ऐसा पार्टी के कार्यकर्ताओं का ही मानना है। जिलाध्यक्ष लोकसभा चुनाव लड़ने का सपना देख रहे हैं।
भाजपा संगठन नही कर पा रहा प्रत्याशी के लिए ठीक ढंग से काम
भाजपा का संगठन प्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े के लिए ठीक ढंग से काम नही कर पा रहा है,बतलाया जा रहा है कि भाजपा को जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल ने अपने पुत्रों के साथ हाईजैक कर लिया है जिससे कि कई पदाधिकारी काम करने नही आ रहे हैं,पटना क्षेत्र के कार्यकर्ता अखिलेश गुप्ता ने भी जिलाध्यक्ष पर प्रायवेट लिमिटेड कंपनी की तरह काम करने का आरोप लगाते हुए पिछलो दिनों इस्तीफा दे दिया है और गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर लिया है।
जिलाध्यक्ष पर लगा था परिवारवाद का आरोप,पत्नी जिला कार्यकारणी सदस्य तो पुत्र है युवा मोर्चा का जिला महामंत्री,भाजपा के किसी कार्यक्रम में नही आई नजर
भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल पर परिवार वाद का आरोप भी लग चुका है,भाई विपिन बिहारी जायसवाल ने भी उन पर संगठन को लेकर पूर्व में आरोप लगाया था,विपिन जायसवाल की पार्टी कार्यक्रम में गैर मौजूदगी भी जिलाध्यक्ष के कारण ही है, ऐसा बतलाया जाता है। जिलाध्यक्ष द्वारा पत्नी को जिला कार्यकारणी सदस्य बनाया गया है,जबकि पुत्र को भारतीय जनता युवा मोर्चा का जिला महामंत्री बनवा कर युवा मोर्चा को अपने काबू में किया गया है। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि जिलाध्यक्ष ने परिवार वाद चलाकर पत्नी को पद तो दे दिया लेकिन पार्टी कार्यक्रम से लेकर वर्तमान चुनावी समय में भी वह सक्रिय नही है।जंबो जिला कार्यकारणी के अधिकांश सदस्य व मोर्चा प्रकोष्ठ के सदस्य भी नही आ रहे नजर
भाजपा जिलाध्यक्ष ने कार्यकारणी मे कई लोगो को शामिल किया था इसके साथ ही मंडल स्तर पर भी टीम बनाई गई थी,भाजपा में अनेक मोर्चा व प्रकोष्ट के माध्यम से भी कार्यकारणी बनाई गई है लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसी टीम कही नजर नही आ रही है,भाजपा कार्यालय में आयोजित बैठको में भी गिनती के लोगो की मौजूदगी रहती है,भाजपा जिला टीम से लेकर मंडल व मोर्चा,प्रकोष्ट के चयनित पदाधिकारियों का चुनाव मे हिस्सा ना लेना भी आश्चर्यजनक है। पार्टी के कुछ नेताओ की माने तो जिलाध्यक्ष की कार्यशैली के कारण भी नाराजगी कार्यकर्ताओं में है जिसका असर चुनाव मे देखने को मिल रहा है, जिलाध्यक्ष द्वारा कार्यकर्ताओ को फटकार लगाना व अपशब्द बोलना अब भाजपा प्रत्याशी के लिए हानिकारक हो रहा है।
प्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े भी जनसंपर्क में अकेले दिखलाई दे रहे
भाजपा प्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े को उनके फेसबुक पेज के माध्यम से सक्रिय देखा जा रहा है,हर जगह वे देर रात तक संपर्क कर रहे हैं जनता को उनका समर्थन भी मिल रहा है,कुछ जगह पर वे ही लोग साथ दिखलाई दे रहे हैं जिनके कारण जनता आक्रोशित थी। यही गलती उन्हे भारी ना पड़ जाए। पटना क्षेत्र के दौरे में मंडल अध्यक्ष कपिल जायसवाल की सक्रियता देखने को मिली थी जबकि अन्य क्षेत्रो में उनकी सभांए अकेले ही हो रही है,कई बड़े नेता ग्रामीण क्षेत्रो से दूरी बनाकर रखे हुए हैं।
क्या जनाधार विहीन भाजपा जिलाध्यक्ष ने दिलाई है भैयालाल को टिकट?
भाजपा जिलाध्यक्ष की कार्यशैली कार्यकर्ताओ से लेकर पदाधिकारियों को तक पसंद नही है,भैयालाल राजवाड़े को टिकट मिलने के बाद से लेकर कई बार जिलाध्यक्ष ने टिकट दिलाने में श्रेय लेने की कोशिश भी की है,ऐसी चर्चा भी है कि यदि भैयालाल राजवाड़े को जीत मिलती है तो इसका श्रेय लेने भी जिलाध्यक्ष आगे रहेंगे जबकि हार का ठीकरा किसी अन्य पर फोड़ दिया जाएगा। जिलाध्यक्ष सिर्फ कहीं कहीं प्रत्याशी के साथ दौरा कर खानापूर्ति कर खुद को व्यस्त साबित कर रहे हैं,जबकि उनका काम हर क्षेत्र का दौरा कर संगठन पदाधिकारी कार्यकर्ता को जिम्मेदारी सौपना होता है। जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल की पहचान एक जनाधार विहीनी भाजपा नेता के रूप मंे की जाती है,यही कारण है कि चुनावी राजनीति में उनकी पत्नी व पुत्र को हार का सामना करना पड़ा है। बतलाया जाता है कि जिलाध्यक्ष की हवा हवाई बाते कार्यकर्ताओ को रास नही आती है, लेकिन मजबूरी वश कुछ कार्यकर्ता काम रहे हैं, जिलाध्यक्ष के कार्यशैली की शिकायत प्रदेश स्तर पर भी की गई है ऐसा सूत्रो का कहना है।
क्या सिर्फ पूर्व प्रतिनिधि दिला पांएगे जीत,लोगो ने दिखाया है भारी मतो से जीतने का सपना?
भाजपा प्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े के लिए उनके पूर्व प्रतिनिधी रेवा यादव सक्रिय रूप से काम रहे हैं,होटल व्यवसायी होने के बाद भी वे व्यवसाय छोड़कर ग्रामीण क्षेत्र में मेहनत कर रहे है,लेकिन उनका अकेले मेहनत करना क्या भैयालाल राजवाड़े को जीत दिला पाएगा यह एक विचारणीय प्रश्न है। सूत्रो का कहना है कि कुछ समर्थको ने भैयालाल राजवाड़े को 25 हजार से जीत का सपना दिखा कर ओवर कांफीडेंस मे लाकर खड़ा कर दिया है जबकि मुकाबला पिछली बार की तरह कांटे का है।
बैकुंठपुर में निकाली रैली,अनेक भाजपा पदाधिकारी रहे नदारद
भाजपा संगठन की कमजोरी का ही आलम है कि रविवार को भाजपा प्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े के द्वारा बैकुंठपुर में रैली निकाली गई थी,भैयालाल राजवाड़े रथ मंे जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल एवं जिला उपाध्यक्ष शैलेश शिवहरे के साथ सवार थे, कुछ और कार्यकर्ता भी रथ मे सवार थे। रैली प्रेमाबाग परिसर से निकाली गई जो कि बस स्टैंड से होकर कुमार चैक व ओड़गी नाका तक गई उक्त रैली में भी बैकुंठपुर के कई भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता नदारद थे, कई महिला कार्यकर्ता पदाधिकारी तो थीं लेकिन एक बार पुनः जिलाध्यक्ष की पत्नी गैर मौजूद रहीं जिससे सवाल खड़ा होता है कि क्या जिलाध्यक्ष ने सिर्फ परिवार वाद के कारण उनको पद दिया था।
सक्रिय हुए शैलेश शिवहरे कितना पड़ेगा असर
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष शैलेश शिवहरे इस बार टिकट की दौड़ में भी शामिल थे, उनको अंतिम तक टिकट मिलने का उम्मीद था,कई महीने से वे तैयारी कर रहे थे और ग्रामीणो से संपर्क कर रहे थे,लेकिन टिकट भैयालाल राजवाड़े को ही दी गई,जिसके बाद लग रहा था कि शैलेश शिवहरे इस बार काम नही करेंगे लेकिन उनकी सक्रियता चुनावी मंचो में देखी जा रही है। बैकुंठपुर मे उनकी पहचान एक बड़े भाजपा नेता के तौर पर है उनके काम करने का असर निश्चित ही चुनाव पर पड़ेगा ऐसा लोगो का मानना है।
खल रही विजय राजवाड़े की कमी कैसे होगी पूरी
भाजपा प्रत्याशी भैयालाल राजवाड़े पांचवी बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं,संगठन हर बार उनके चुनाव में अपेक्षाकृत खरा नही उतरता है। लेकिन भैयालाल राजवाड़े के लिए मजबूती से उनके पुत्र विजय राजवाड़े के द्वारा काम किया जाता था,गत वर्ष बीमारी के कारण विजय राजवाड़े का निधन हो चुका है, जिसकी कमी भी भैयालाल राजवाडे़ एवं उनके समर्थको को कहीं ना कहीं महसूस होता है। अपने दो पुत्रों को खोने की कमी का एहसास भी भैयालाल राजवाड़े द्वारा कराया जाता है, भैयालाल राजवाड़े ने अपने दो पुत्रो विजय राजवाडे एवं अजय राजवाडे को खो दिया हैं, जनता का समर्थन देखकर वे अपने दिवंगत पुत्रो को याद कर भावुक भी हो जाते हैं।


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