अम्बिकापुर@सरगुजा में उपमुख्यमंत्री की जीत राह आसान नहीं,भाजपा प्रत्याशी के साथ हो सकती है कड़ी टक्कर

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  • छत्तीसगढ़ का रहा है इतिहास जब-जब कोई भी पंचायत मंत्री बना उसकी हार देखी गई,क्या इस टोटके को खत्म कर पाएंगे भावी मुख्यमंत्री?
  • मुसलमानों का भी विरोध दिख रहा भावी मुख्यमंत्री के खिलाफ…भावी मुख्यमंत्री का पूरा परिवार उतरा प्रचार में
  • भाजपा प्रत्याशी को अंबिकापुर से उनके समाज का भी नहीं मिल रहा पूरा समर्थन
  • राजेश अग्रवाल को भाजपा से प्रत्याशी तय होने के बाद एक दावेदार ने किया पार्टी प्रचार से किनारा,एक अन्य भी प्रचार से हुए किनारे
  • कहीं भाजपा की रणनीति के तहत तो जारी नहीं हुआ मुस्लिम युवा मंच का विरोध कर समाज को तोड़ने का प्रयास
  • बढी भावी मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव की चुनौती…मुस्लिम युवा मंच ने तरजीह नहीं मिलने पर लिया खुलकर विरोध करने का निर्णय
  • वायरल पत्र में मुस्लिम युवा मंच की नाराजगी से क्या भावी मुख्यमंत्री कि जीत पर संशय?
  • मुस्लिम युवा मंच के भावी मुख्यमंत्री के विरोध को उप मुख्यमंत्री के लिए गैर मुस्लिम समुदाय समर्थन से भी जोड़कर देखा जा रहा है…
  • मुस्लिम समुदाय का विरोध देखकर अन्य समुदाय उप मुख्यमंत्री के समर्थन में आ जाए यह भी विरोध का एक मतलब निकाला जा रहा है

विशेष संवाददाता –
अम्बिकापुर,06 नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। विधानसभा चुनाव की सरगर्मी अपने पुरे सवाब पर है लोग अपने-अपने चुनावीं प्रचार में जोर-शोर से लग चुके है व खूब पसीना भी बहा रहे है पर जब से कांग्रेस ने भाजपा ने अपने उम्मीदवरों की अंतिम सूची जारी कर दी है तो वही नामांकन प्रक्रिया तक हो चुकी है उसके बाद भी शहर के लोकप्रीय श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष व सरगुजा के दिग्गज नेता शफ़ी अहमद किसी भी कार्यक्रम में ना दिखाई दिए ना ही किसी कार्यक्रम में शिरकत की है, अभी तक वे दुरी बनाये रखा है किसी प्रचार-प्रसार में अभी तक नही दिखाई दिए है इसका मुख्य कारण भटगाँव विधानसभा में सर्वे सूची में सबसे ऊपर नाम होने के बाद भी उनको टिकट ना दे के पारश नाथ राजवाड़े को टिकट दे दिया गया ये बोल कर की यहाँ राजवाड़े समाज के लोग अधीक हैं जबकी भटगाँव विधानसभा में शफ़ी अहमद पिछले एक दशक से सक्रिय राजनीति में शामिल रहे है और तो और वहाँ की जनता की एक ही पुकार थी अबकी बार सफ़ी अहमद को उम्मीदवार बनाया जाए…जनता के दिलों में राज करने वाले प्रत्यासी को टिकट ना मिलने से भटगाँव के कई बडे नेता व कार्यकर्ता काभी नाराज चल रहे है। दिग्गज नेता का कार्यक्रमों में शामिल ना होना ये टीएस सिंह देव के लिए खतरे की घंटी तो नहीं है । अब एक और चुनौती बाहर निकल कर आ रही है अम्बिकापुर में छतीसगढ़ मुस्लिम युवा मंच ने भी टीएस सिंह देव का विरोध कर दिया है। टीएस सिंहदेव के विरोध में मुस्लिम युवा मंच के विरोध को एक अलग तरीके से भी माना जा रहा है जिसमे यह माना जा रहा है की हो सकता है की गैर मुस्लिम मतदाताओं को कांग्रेस की तरफ आकर्षित करने का यह एक तरीका हो क्योंकि गैर मुस्लिम समुदाय का ध्रुवीकरण भाजपा की तरफ होने से रोका जाए। वैसे बात जो भी हो उप मुख्यमंत्री के लिए इस बार चुनाव आसान नहीं नजर आ रहा है और उनका पूरा परिवार रिश्तेदार चुनावी प्रचार में जुटे हुए हैं।
समाज का कोई भी मांग नहीं हुई पूरी कर रहे…होगा पुरजोर विरोध
छतीसगढ़ मुस्लिम युवा मंच ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है की तकिया शरीफ अम्बिकापुर में छतीसगढ़ मुस्लिम युवा मंच अम्बिकापुर ने जो बैठक की गई थी उसमें सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया गया है की आगामी विधान सभा चुनाव अम्बिकापुर के लिये इस बार हमारा संगठन छतीसगढ़ मुस्लिम युवा मंच के सभी कार्यकर्ता और सदस्य केवल अम्बिकापुर मे कांग्रेस विधायक का विरोध करेंगे और वोट इस बार भाजपा को देंगे, और जो नहीं देना चाहते भाजपा को वह नोटा में देंगे,मुस्लिम मतदाता की ताकत दिखाओ मुहिम समिति के बैनर तले आगामी 08 नवंबर से मुस्लिम बाहुल्य इलाको में घर-घर जाकर मतदाताओ को जागरूक करेंगे और परचे बांटकर विधायक की तमाम विफलतायें बताएँगे ज्ञात हो की टीएस सिंहदेव के द्वारा पिछले पंद्रह वर्षों में हमारे समाज का कोई भी मांग पूरा नहीं किया गया,ना ही समुदाय के लिए कुछ ऐसा काम किया हो जिससे समुदाय को लाभ मीला हो, जिससे तमाम मुस्लिम मतदाता काफी गुस्से मे है और न ही अपने शहर अम्बिकापुर का विकाश या कोई नया काम हुआ ।
छतीसगढ़ के स्वास्थ मंत्री होते अपने शहर के मेडिकल कॉलेज में स्पेसलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति नही कर पाए
स्वास्थ्य मंत्री होते हुवे भी मेडिकल कॉलेज में न्यूरोसर्जन नहीं है, किडनी रोग विशेषज्ञ नहीं है,ना ही मेडिकल कॉलेज का कायाकल्प हो सका आज भी वही जर्जर भवन,स्टाफ की कमी,अस्पताल की दुर्दशा देखने के बाद अपने आप पर भरोसा नही होता है की हमारे विधानसभा के केबीनेट मंत्री का ये शहर अपने दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। लोगों में नाराजगी लगातार बढ़ रही है जिससे टीएस सिंहदेव के लिए यह चुनाव आसान नही है।
सड़को की हालत बद से बद्तर
सरकारी अस्पताल रोड,शहर के मुख्य मार्गों में हर जगह बडे गढ़े, सब जर्जर हालत में है, और बड़े ओहदे में होते हुये भी समुदाय के लिए एक भी कोई ऐसा काम नही किए जिससे लाभ मील सके । काम नही तो वोट नही का निर्णय लिया गया। तमाम पिछले चुनावी आंकड़े की भी समीक्षा किया गया और ये पाया गया की मुस्लिम वोटर कांग्रेस के परंपरागत वोटर है जो एक मुश्त 25 से 30 हजार वोट कांग्रेस को जाता था उसके बाद भी हमारे मुस्लिम समाज की उपेक्षा किया गया और संभाग मे एक मुस्लिम विधायक के लिये शीट की मांग की गई थी जिसे बाबा द्वारा पूरा नहीं किया गया।
अम्बिकापूर विधानसभा के सभी जगह
जा कर नुक्कड़,नाटक व अपील की जाएगी,टीएस सिंह देव का होगा विरोध

14 नवंबर से जगह जगह नुक्कड़ सभा करके लोगो को जागरूक करने का काम भी करेंगे और अधिक से अधिक वोट करने के लिये जनता से अपील करेंगे और जीतने भी साड़ी कंबल बटा है उसे लोगों के द्वारा अपील कर निवेदन करेंगे की वे अपने घर से निकाल कर जला देंगे या निर्वाचन अधिकारी से शिकायत करेंगे, पर कांग्रेस समर्थित उमीदवार को किसी भी सूरत में अपना वोट नही दें।
छत्तीसगढ़ के इतिहास में आज तक
कोई पंचायत मंत्री दूसरी बार चुनाव नहीं जीत सका,क्या यह टोटका सही है यह इसे तोड़ेंगे भावी मुख्यमंत्री?
छत्तीसगढ़ के इतिहास में आज तक कोई भी पंचायत मंत्री दूसरी बार चुनाव नहीं जीत सका है, कहने का मतलब जो भी पंचायत मंत्री बना वह दूसरा चुनाव जरूर हारा,इस बार टी एस सिंहदेव भी पंचायत मंत्री की जिम्मेदारी निभा चुके हैं क्या वह इस टोटके को तोड़ेंगे यह भी सवाल है। वैसे उन्होंने एक वर्ष पहले यह पद त्याग दिया था तब उनकी नाराजगी की बात सामने आई थी,क्या यही वजह थी उन्होंने पंचायत मंत्री का पद छोड़ दिया था,वैसे वर्तमान में जो पंचायत मंत्री हैं वह भी अच्छी स्थिति में चुनाव में नहीं हैं और देखना है की क्या टी एस सिंहदेव ने पहले ही पंचायत विभाग छोड़कर समझदारी दिखाई थी।
टी एस सिंहदेव का पूरा परिवार नाते रिश्तेदार भी उतरे उनके चुनाव प्रचार में…सभी कर रहे जी तोड़ मेहनत
टी एस सिंहदेव जो वर्तमान में उप मुख्यमंत्री भी हैं इस बार उनकी अपने विधानसभा में स्थिति बेहतर नहीं मानी जा रही है वर्तमान स्थिति अनुसार,इस बार उनका पूरा परिवार नात रिश्तेदार चुनाव प्रचार में काफी मेहनत कर रहे हैं,देखना है उनकी मेहनत कितनी सार्थक साबित होती है।
समाज के लोग भी टी एस सिंहदेव के पक्ष में नहीं आ रहे नजर यह भी उनके लिए मुश्किल वाला मामला
टी एस सिंहदेव के समर्थन में इस बार उनके खुद का समाज भी नजर नहीं आ रहा है जो उनके लिए मुश्किल वाला मामला साबित हो रहा है। समाज से ही समर्थन नहीं मिलना यह कहीं न कहीं बड़ी विफलताओं में से एक मानी जा रही है।
भाजपा प्रत्याशी की भी मुश्किलें कम नहीं,भाजपा के दो बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार से कर लिया है किनारा
भाजपा प्रत्याशी के लिए भी चुनाव आसान नहीं है,दो भाजपा नेता जो खुद टिकट के दावेदारों में शामिल थे उन्होंने चुनाव प्रचार अभियान से खुद को किनारे कर लिया है। उनका कहना है की वह पार्टी के साथ तो हैं लेकिन वह सक्रिय रहकर काम नहीं करने वाले ऐसे में भाजपा प्रत्याशी के लिए अंबिकापुर शहर में खुद के लिए समर्थन जुटा पाना मुश्किल भरा मामला है क्योंकि वह मूलतः शहर के निवासी नहीं हैं वह विधानसभा के ही अन्य क्षेत्र के निवासी हैं।
मुस्लिम युवा मंच क्या सच में करेगा टी एस सिंहदेव का चुनाव में बहिष्कार, या बहिष्कार एक रणनीति भावी मुख्यमंत्री के लिए
समर्थन की मुस्लिम युवा मंच का बहिष्कार पत्र सामने आया है जो उप मुख्यमंत्री के विपक्ष में मुस्लिम समुदाय के मत को करने के पत्र है। यह पत्र आते ही यह बात समझी जा रही है की मुस्लिम मतदाता जो कांग्रेस के परंपरागत मतदाता हैं जो अन्य दलों में समर्थन नहीं देते एकतरफा कांग्रेस को ही उनका समर्थन मिलता है क्या वह सच में इस बार कांग्रेस प्रत्याशी के विपक्ष में मतदान करेंगे,वैसे इस पत्र को लेकर यह भी माना जा रहा है की अन्य समुदाय गैर मुस्लिम समुदाय का समर्थन कांग्रेस प्रत्याशी को मिल सके भाजपा का गैर मुस्लिम ध्रुवीकरण अप्रभावित हो सके यह भी पत्र का एक उद्देश्य हो सकता है।


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