मुंबई,04 नवम्बर 2023 (ए)। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो गई है। लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। यहां पांच में से चार परिवारों में कम से कम एक व्यक्ति गले में खराश, खांसी, आंखों में जलन से पीडि़त है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शहर में वायु प्रदूषण के स्तर पर स्वत: संज्ञान लिया है। एक दिवसीय विश्व कप मैचों के लिए पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
सिविक अथॉरिटी वायु प्रदूषण फैलाने वालों पर सख्ती कर रही है और शहर की सभी प्रमुख सड़कों की धुलाई कर रही है।
राज्य और राजधानी मुंबई, नागपुर का नारंगी शहर, पुणे की सांस्कृतिक राजधानी, छत्रपति संभाजीनगर का पर्यटन केंद्र या नासिक में मानसून के अंत और अक्टूबर की शुरुआती सर्दियों के बाद से वायु प्रदूषण की स्थिति काफी हद तक यही है।
प्रदूषण से जैसे ही मुंबई के लोगों का दम घुटना शुरू हुआ, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) सतर्क हो गया। बीएमसी ने मुंबई में 6,000 से अधिक निर्माण स्थलों को प्रमुख प्रदूषक के रूप में पाया और 20 अक्टूबर को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई उपायों का आदेश दिया।
जिसमें एंटी-स्मॉग गन, निर्माण स्थलों पर छिड़काव, विशेष उल्लंघनकर्ताओं को पकड़ने के लिए दस्ते, प्रतिदिन 650 किलोमीटर की सभी प्रमुख सड़कों को पुनर्नवीनीकृत पानी से साफ कराना आदि शामिल हैं।
7,000 लोगों के बीच लोकल सर्किल सर्वेक्षण से पता चला कि मुंबई में 78 प्रतिशत परिवारों में एक व्यक्ति वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों से पीडि़त है। 44 प्रतिशत ने आंखों में जलन का अनुभव किया, 85 प्रतिशत ने निर्माण स्थलों को और 62 प्रतिशत ने वाहनों के उत्सर्जन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
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