- रूठों को मनाने कांग्रेस प्रत्याशी की नई रणनीति,नए नए तरीके कर रहीं इजाद।
- पटना को नगर पंचायत बनाए जाने को लेकर था जिनका विरोध उन्हे ही बता रहीं हैं नगर पंचायत के विचार का सूत्रधार।
- जल्दबाजी में सूत्रधार के उपनाम में भी कर दिया बदलाव,सिंह से सिंहदेव की दे डाली उपाधि।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 29 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। बैकुंठपुर।बैकुंठपुर विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी जो वर्तमान विधायक भी हैं की चुनाव को लेकर हड़बड़ाहट देखी जा रही है जिसमे उनसे गलतियां भी हो रही हैं। कांग्रेस प्रत्याशी अपने पक्ष में कांग्रेस जनों सहित क्षेत्र के मतदाताओं को करने के लिए नए नए तरीके इजाद कर रही हैं जो कहीं पर रूठों को मनाने के हिसाब वाले हैं तो कहीं पर वह आगे के लिए नई नई उम्मीद लोगों में जगाना चाहती हैं जिससे लोग उनके पक्ष में आ सकें। इस बीच वह गलतियां भी कर रहीं हैं जिससे उनका अभियान असफल होता नज़र भी आ रहा है,ऐसा ही एक उनका प्रयास सामने आया है जिसमे उन्होंने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पटना क्षेत्र निवासी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता को मनाने का प्रयास किया है जिसमे उन्होंने उन्हे श्रेय देने की कोशिश करते हुए उन्हें अपने पक्ष में लाने का प्रयास किया है और श्रेय भी उस मामले में जिस मामले में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष का हमेशा विरोध देखा गया है और जो आज भी कायम है वहीं इस दौरान कांग्रेस प्रत्याशी ने उनके उपनाम में भी बदलाव कर दिया है और उन्हे सिंहदेव की उपाधि दे डाली है। कांग्रेस प्रत्याशी की यह हड़बड़ाहट फिलहाल लोगों के बीच चर्चा का विषय है और लोग इसे जल्दबाजी की गलती मान रहे हैं और यह कहते सुने जा रहे हैं की शायद ही यह तरीका कारगर साबित हो क्योंकि नाराज को मनाने के चक्कर में उसका नाम ऐसे मामले में शामिल बता देना जिसका वह विरोध करता हो इसका विपरीत ही प्रभाव पड़ेगा जो तय है।
एक सोशल मिडिया बैनर जिसमे कांग्रेस प्रत्याशी की हड़बड़ाहट नजर आई
कांग्रेस प्रत्याशी की हड़बड़ाहट एक सोशल मिडिया बैनर को लेकर दिखी,बैनर में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वरिष्ठ कांग्रेस नेता यवत सिंह को खुद के समर्थन में लाने का प्रयास देखा जा रहा है जिसमे उन्हे पटना को नगर पंचायत घोषित कराए जाने के लिए सूत्रधार बताया जा रहा है जबकि यवत सिंह नगर पंचायत के विरोध में थे हैं और शायद रहेंगे भी। कांग्रेस प्रत्याशी का बैनर यह बताता है की वर्ष ,2003 में यवत सिंह ने ही पटना को नगर पंचायत बनाए जाने की मांग की थी जो अब संभव पा रहा है वहीं जो वर्तमान विधायक के कार्यकाल की उपलद्धि है।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के बहाने अपनी उपलब्धि बताने का भी एक प्रयास है विधायक का,कांग्रेस प्रत्याशी का
सोशल मीडिया के एक बैनर के अनुसार बैकुंठपुर विधायक साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी यह भी बताना चाहती हैं की पटना नगर पंचायत की घोषणा उनके कार्यकाल उनके अथक प्रयास का नतीजा है ,वहीं वह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष को इसका सूत्रधार इसलिए बता रही हैं जिससे वह भी गदगद हो जाएं और पटना क्षेत्र के लोगों को भी यह समझ में आ जाए की सूत्रधार यवत सिंह थे घोषणा विधायक की देन है और दोनो में बेहतर सामंजस्य है।
सोशल मिडिया पोस्ट पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष को मनाने एक प्रयास,श्रेय देकर उन्हें पक्ष में करने का उपक्रम
सोशल मिडिया में कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष को एक श्रेय दे रहीं हैं,जिसमे वह उन्हे पटना को नगर पंचायत बनाए जाने के पीछे सूत्रधार बता रही हैं,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वर्तमान में नाराज चल रहे हैं विधायक सहित कांग्रेस प्रत्याशी से ,माना जा रहा है श्रेय में उन्हे उलझाकर विधायक साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी अपने पक्ष में करना चाहती हैं और यह एक उपक्रम मात्र है रूठे हुए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष को मनाने का।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष यवत सिंह का उपनाम भी सोशल मीडिया में बदला गया दी गई सिंहदेव की उपाधि
विधायक साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष यवत सिंह को सोशल मीडिया में श्रेय देने का प्रयास किया है,यह उन्हे मनाने का प्रयास है यह सभी मान रहे हैं,वहीं इस बैनर में यवत सिंह को सिंहदेव की उपाधि दे दी गई है यह हड़बड़ी का मामला है या उपाधि ही दी गई यह भी आपस में चर्चा कर रहे लोग,वैसे इसे हड़बड़ी में गड़बड़ी का मामला ही माना जा रहा है।नगर पंचायत पटना मामले में यवत सिंह थे जब सूत्रधार,उनके बिना अकेले विधायक ने क्यों ग्रामीणों से कर लिया आभार स्वीकार,यह भी पूछ रहे लोग
नगर पंचायत पटना के लिए विधायक यवत सिंह को सूत्रधार बता रही हैं वहीं वह उन्हे श्रेय देने की कोशिश कर रही हैं,वहीं नगर पंचायत की घोषणा को लेकर पटना में जब आभार प्रकट करने का कार्यक्रम आयोजित हुआ तब यवत सिंह न तो मंच पर नजर आए और न सामने की कतार में ,भाजपा नेताओं के साथ विधायक ने ग्रामीणों का आभार स्वीकार किया वरिष्ठ कांग्रेसियों को भी उन्होंने याद नहीं किया,बताया जाता है कार्यक्रम आभार का भी उनके ही कुछ खास समर्थकों ने आयोजित किया था जिसमे विधायक की सहमति थी और अन्य किसी कांग्रेस नेता को बुलाने की मनाही,हुआ भी वैसा ही बड़ी उपलब्धि जिसे आज विधायक चुनाव के वक्त यवत सिंह के नाम से जोड़ रही हैं यही बात उन्हे आभार ग्रहण करते समय क्यों नहीं समझ में आई याद आई क्यों नहीं उन्होंने यवत सिंह को भी सम्मान सहित बुलाया यह लोग पूछ रहे हैं,लोगों का कहना है की यह चुनावी मामला है विधायक को पद में रहते हुए आभार लेने के दौरान वरिष्ठ नेताओं की याद नहीं आई अब वह उन्हे याद करके उन्हें मनाने की कोशिश कर रही हैं जबकि जब पद में थीं मंच पर वह अकेले ही रहना पसंद करती आईं यह भी बात लोग कह रहे हैं।
पांच साल की उपेक्षा के बाद याद आई यवत सिंह की विधायक को
बैकुंठपुर विधायक की सोशल मीडिया बैनर जिसमे यवत सिंह को लेकर उन्हे मनाने को लेकर एक श्रेय उन्हें देने का प्रयास किया गया है को लेकर अब यह भी बात सामने आ रही है की पांच साल की उपेक्षा के बाद विधायक को उनकी याद आई है वरना पांच सालों में उनके पास जाकर कभी विधायक उनका हाल चाल लेने का प्रयास नहीं की