बैकुण्ठपुर@बैकुंठपुर विधानसभा के पटना क्षेत्र में जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में हुआ विलय या कांग्रेस को जोगी कांग्रेसियों ने किया हाइजैक?

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  • बैकुंठपुर विधानसभा के पटना क्षेत्र में जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में हुआ विलय या कांग्रेस को जोगी कांग्रेसियों ने किया हाइजैक?
  • पटना 84 के अधिकांश कद्दावर कांग्रेसी नहीं दिखे टिकट मिलने के जश्न में,जश्न में जोगी कांग्रेस से वापसी करने वाले हुए शामिल।
  • विधायिका को पुन: टिकट मिलने के बाद आतिशबाजी में भी चंद लोगों की उपस्थिति।
  • क्या दल बदलू नेताओं के भरोसे पटना ८४ से बढ़त की आस?
  • विगत विधानसभा चुनाव में जिसने स्वयं नहीं छुआ १० हजार का आंकड़ा, वे ६० हजार वोटों को साधने का कर रहे थे दावा।
  • कांग्रेस से एक महिला दावेदार का सोशल मीडिया में धमकाने वाला अंदाज भी कांग्रेस के लिए चिंता का विषय।

बैकुण्ठपुर 25 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में बैकुंठपुर क्षेत्र क्रमांक ३ सबसे हाई प्रोफाइल सीट बना हुआ है। क्षेत्र के कद्दावर कांग्रेसियों की मंशा को नजरअंदाज करते हुए और सर्वे रिपोर्ट को धता बताते हुए पार्टी ने एक बार पुनः विधायिका अंबिका सिंह देव को मैदान में उतारा है। इसके बाद से ही खुले तौर पर कलह सामने दिखाई देने लगा है। जब पार्टी ने काफी देर करते हुए टिकट की घोषणा की तो यह तय हो गया कि पार्टी द्वारा अन्य दावेदारों को केवल लंबे समय तक अंधेरे में रखा गया, जबकि टिकट पहले से तय था। चुनाव नतीजे में क्या होगा और ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो भविष्य के गर्त में छुपा हुआ है, परंतु टिकट मिलने के बाद खुशी में जश्न मानने वाले केवल चंद लोगों की उपस्थिति ने काफी हद तक आईना साफ करके रखा है। एक ओर जहां वर्तमान विधायक को टिकट मिलने पर चंद कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर जश्न मनाया, वहीं दूसरी ओर टिकट के अन्य दावेदारों के घर हजारों की उपस्थिति भीड़ ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। गौरतलब बात यह है कि वर्तमान विधायक को टिकट मिलने के बाद जो लोग जश्न मनाते दिखे, उनमें से अधिकांश लोग विगत विधानसभा उपचुनाव में जोगी कांग्रेस में शामिल थे। यहां तक की विगत चुनाव में जोगी कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी और उनके समर्थकों के अलावा कोई भी फ्रेम में नजर नहीं आया। सोचने वाली बात यह है कि पटना 84 क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, जहां राज्य स्तर के कांग्रेस पदाधिकारी निवासरत हैं। परंतु हालात बयां करते हैं कि वर्तमान विधायिका के पक्ष में केवल वही लोग नजर आ रहे हैं जो कुछ समय पहले तक जोगी कांग्रेस के सिपहसालार थे। इसीलिए यह सोचनीय है कि वर्तमान में पटना क्षेत्र में जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में विलय हुआ या जोगी कांग्रेसियों ने पटना 84 के कांग्रेस को ही हाईजैक कर रखा है।

दलबदलू नेताओं के भरोसे पटना 84 से बढ़त की आस,कहीं मुंगेरीलाल के हसीन सपने तो नहीं?
विगत चुनाव में जब अजीत जोगी ने जोगी कांग्रेस का गठन किया था, तो पूरे बैकुंठपुर विधानसभा से केवल पटना 84 के चंद नेताओं ने जोगी कांग्रेस का दामन थामा था और इन्होंने ही वर्तमान विधायिका के खिलाफ विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। जिस कारण प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता आने और बैकुंठपुर से कांग्रेस की विधायक बनने के बाद इन जोगी कांग्रेसियों से वर्तमान विधायिका की दूरी जग जाहिर थी। मौका मिलते ही एक दूसरे को कोसना इनका शगल था। परिस्थितियों बदली और अब हालात यह है कि वर्तमान विधायिका के साथ पटना क्षेत्र में केवल वही नजर आ रहे हैं, जो पिछले विधानसभा चुनाव में जोगी कांग्रेस के साथ थे। और वे कांग्रेसी जिन्होंने तन मन धन से पार्टी के प्रत्याशी को जिताने में अपना योगदान दिया, वह किसी फ्रेम में नजर नहीं आ रहे। इस बात की पुष्टि तब हुई जब वर्तमान विधायिका को ही पुन: बैकुंठपुर विधानसभा से कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया गया, टिकट की घोषणा के वक्त वह पटना क्षेत्र में ही थी और पटना क्षेत्र के सारे कद्दावर कांग्रेसी भी क्षेत्र में ही थे। परंतु टिकट मिलने की खुशी का जश्न मनाने में और आतिशबाजी में केवल जोगी कांग्रेस के नुमांइदे ही नजर आए। जिन्होंने वर्तमान में पुनः दल बदल कर कांग्रेस प्रवेश कर रखा है, एवं वर्तमान विधायिका के हितैषी बने हुए हैं। आलम यह है कि अब पटना ८४ के ६० हजार वोटों को साधने की जवाबदारी इन्हीं दलबदलु नेताओं के भरोसे है। क्योंकि जैसे हालात निर्मित हुए हैं, लगता नहीं की सीनियर कांग्रेसी झोला झंडा उठाने वाले हैं।
विगत विधानसभा चुनाव में जिसने स्वयं नहीं छुआ 10 हजार का आंकड़ा वे 60 हजार वोटों को साधने का कर रहे थे दावा
विगत विधानसभा चुनाव में जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी रहे नेता जिन्होंने वर्तमान विधायिका के खिलाफ ही जाकर चुनाव लड़ा था, और पूरे विधानसभा क्षेत्र में लगभग 9000 वोट लेकर सिमट गए थे। उन्होंने बड़े जोर शोर से पटना 84 को साधने का बीड़ा उठाया है। और वर्तमान विधायक के सबसे खासमखास बने हुए हैं। वर्तमान विधायक के टिकट मिलने की खुशी में अपुष्ट सूत्रों के अनुसार इन्होंने हनुमान मंदिर में 101 किलो लड्डुओं का भोग भी लगाया, जो क्षेत्र के लिए चर्चा का विषय भी बना। सूत्रों की माने तो कई कद्दावर कांग्रेसी जो टिकट की दौड़ में भी थे, उन्हें यह बात नागवार गुजरी है। वहीं दूसरी ओर लोग चुटीले अंदाज में मजा भी ले रहे हैं, की जिसने स्वयं विधानसभा चुनाव लड़कर 10 हजार का आंकड़ा नहीं छुआ वह 60 हजार वोटो को साधने का दावा चंद नौसीखिए कांग्रेसियों के भरोसे कैसे कर सकता है? गौरतलब बात यह है कि उनकी टीम में वही लोग शामिल हैं, जिन्होंने पिछले चुनाव में जोगी कांग्रेस का प्रचार प्रसार किया था और वर्तमान विधानसभा चुनाव के पूर्व अपने से सटे कार्यकर्ताओं को इन्होंने अलग-अलग कांग्रेसी विंग के विभिन्न कार्यकारिणी में स्थान भी दिलाया है। अब उन्हीं कार्यकर्ताओं के भरोसे इन्हें कितनी सफलता मिलेगी यह आने वाला वक्त बताएगा।
कांग्रेस से एक महिला दावेदार और समर्थकों का सोशल मीडिया में धमकाने वाला अंदाज भी कांग्रेस के लिए चिंता का विषय
बैकुंठपुर विधानसभा के लिए एक अन्य कांग्रेसी महिला जो वर्तमान में बैकुंठपुर जनपद पंचायत की उपाध्यक्ष हैं अपने समाज के वोटो की संख्या के आधार पर इन्होंने भी अपनी दावेदारी प्रस्तुत की थी। और अंत तक इनका भी नाम पैनल में बरकरार था। इन्हें उम्मीद थी कि समाज के वोटों की संख्या के आधार पर और वर्तमान विधायक के खराब सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इन्हें टिकट मिल सकता है। परंतु उनके अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न समारोह के फोटो जिसमें कई राजनीतिक पार्टियों के लोग शामिल होते थे, उन्हें बड़े नेताओं को दिखाकर इस महिला दावेदार को भाजपा समर्थित सिद्ध किया गया और इनकी टिकट की दावेदारी को कमजोर किया गया। सूत्रों के अनुसार इस महिला दावेदार ने अपने खिलाफ साजिश रचने का सारा आरोप पटना क्षेत्र के उन कांग्रेसी नेताओं पर मढ़ा है, जो वर्तमान विधायिका के खासमखास बने हुए हैं। सोशल मीडिया में वर्तमान में इनका एक धमकी भरे अंदाज वाला पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें इन्होंने स्पष्ट लिखा है कि आज आप साजिश कर जीत गए हो, लेकिन कल क्या होगा आपको अंदाजा नहीं है। मतलब वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष किसी बड़े खेल की तैयारी में है, और हो ना हो साहू समाज के नेतृत्व की लालसा के मद्देनजर जहां विगत चुनाव में साहू समाज ने भाजपा से दूरी बना ली थी, कहीं इस बार समाज का भाजपा प्रेम खुल कर ना सामने आ जाए।


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