- अंतिम समय तक टिकट की दौड़ में शामिल रखने समर्थकों को कहा आभारी हूं आपका।
- कांग्रेस से तय हुए प्रत्याशी अधिवक्ता रमेश सिंह को भी टिकट मिलने पर बधाई दी विनय उपाध्याय ने,दी जीत दर्ज करने शुभकामनाएं।
- दावेदारों की दौड़ से बाहर हुए किसी दावेदार की सहृदयता,सहजता से पार्टी निर्णय को लेकर स्वीकार्यता कम ही देखने को मिलती है।
- विनय उपाध्याय ने पेश की ऐसी मिशाल राजनीति से जुड़े लोगों के लिए दी एक नई सीख।
-रवि सिंह-
एमसीबी/चिरमिरी 21 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। राजनीति के अक्सर देखा गया है की अपनी महत्वाकांक्षा सबसे ऊपर रखते हैं राजनीति से जुड़े अधिकांश लोग वहीं पार्टी के हित अहित से भी ऐसे लोग ज्यादा मतलब नहीं रखते और उनका अंतिम उद्देश्य उनका निज स्वार्थ होता है जिससे अधिकांश बार पार्टी को नुकसान भी होता है। ऐसा कम देखने को मिलता है की कोई पार्टी से जुड़ा नेता पार्टी हित को सर्वोपरि मानकर चलता हो वहीं वह पार्टी के हर निर्णय पर अपनी सहज सहमति देता हो यह खासकर उस मामले में देखा जाता है जब कोई किसी पार्टी से जुड़ा नेता कार्यकर्ता किसी चुनाव में पार्टी से किसी चुनाव के लिए टिकट का दावेदार हो। पार्टी से टिकट की चाह रखने वाले नेताओं को अक्सर देखा गया है की वह पार्टी से खुद के लिए ही अंतिम समय तक किसी चुनाव में टिकट के दावेदार बने रहते हैं और टिकट उन्हे मिल गया तो सब कुछ वह ठीक मानते हैं लेकिन यदि उनका नंबर कटा वह पार्टी से या तो खुलेआम बगावत कर जाते हैं या फिर वह भीतरघात करते हैं जिसका पार्टी को ही नुकसान झेलना पड़ता है। कम ही लोग देखे जाते हैं जो किसी चुनाव में यदि खुद को दावेदार मानते हैं और अंतिम समय तक प्रयास करते हैं वहीं यदि उन्हे पार्टी अवसर नहीं देती वह इसे सहज स्वीकार करते हैं और पार्टी से जिसे मौका मिला होता है उसे वह किसी भी तरह विजय दिलाने में जुट जाते हैं।
किसी दल से खुद के लिए किसी चुनाव में उम्मीदवारी मांगने वाले अकेले नहीं होते उनके समर्थक भी होते हैं जो उनके लिए पार्टी में एक संदेश देने का प्रयास करते हैं की उनके पीछे उनका समर्थन है और यदि मौका मिला तो वह जी जान लगा देंगे और जीत सुनिश्चित कर देंगे ऐसे कार्यकर्ताओं समर्थकों को भी अधिकांश बार यह देखा गया है की ऐसे लोग तब भूल जाते हैं जब उनकी दावेदारी उम्मीदवारी में नहीं बदल पाती और वह खुद को अलग करते हैं लेकिन उन समर्थकों को लेकर कोई निर्णय नहीं लेते उन्हे कोई संदेश धन्यवाद नहीं देते जिनकी वजह से उनकी दावेदारी उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल हुई होती है और वह कहीं न कहीं पार्टी के ही ऐसे उम्मीदवार के निशाने पर आ जाते हैं जिसे पार्टी मौका दे देती है उन्होंने जिसका समर्थन किया है उसको छोड़कर,ऐसे में ऐसे समर्थक कहीं के नहीं रह जाते उन्हें पार्टी का वह उम्मीदवार भी हाशिए पर रखता है जिसे पार्टी मौका देती है। जबकि होना यह चाहिए की किसी दल से जुड़े और उस दल से यदि किसी चुनाव में उम्मीदवारी की तलाश है और वह असफल रहती है तो खुद कोई निर्णय अकेले लेने की बजाए उन समर्थकों की राय जरूर ऐसे नेता को लेनी चाहिए जिन समर्थकों के दम पर वह उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल हुआ है, वहीं दावेदारी असफल रहती है तो समर्थकों को धन्यवाद देकर आभार प्रकट कर उन्हे अपने निर्णय के लिए स्वतंत्र कर देना चाहिए, वहीं भरसक प्रयास करना चाहिए की दावेदारी जिसकी पार्टी ने उम्मीदवारी में बदली है उसके साथ मिलकर पार्टी हित मे काम किया जाए वहीं समर्थकों से भी ऐसा ही आहवान किया जाए जो स्वस्थ राजनीति कही जा सकती है। वैसे ऐसा होता कम ही है ऐसा देखने सुनने में भी कम ही आता है फिर भी एक हालिया उदाहरण समाने आया है जिसने स्वस्थ राजनीति का पाठ लोगों के सामने रखा है।
उदाहरण समाने आया है जिसने स्वस्थ राजनीति का पाठ लोगों के सामने रखा है
यह उदाहरण मनेंद्रगढ़ विधानसभा से कांग्रेस पार्टी से विधानसभा चुनाव 2023 में अपनी दावेदारी कर रहे कांग्रेस नेता इंजिनियर विनय उपाध्याय ने पेश किया है जिन्होंने अपनी दावेदारी समाप्त किए जाने को लेकर पार्टी हित में फौसला लेते हुए सहृदयता पेश की है और जिस दावेदार को पार्टी ने प्रत्याशी उम्मीदवार बनाया है उन्हे उन्होंने शुभकामनाएं प्रेषित की हैं जीत की वहीं उन्हे बधाई भी दी है, वह यहीं नहीं रुके उन्होंने उनके प्रति भी आभार प्रकट किया है जिन्होंने उन्हे अंतिम समय तक टिकट की दौड़ में बनाए रखा जिन्होंने उन्हे समर्थक बनकर हौसला दिया उनका साथ दिया उनका भी वह आभार प्रकट करना नहीं भूले और उन्हे यह कहकर धन्यवाद दिया की आपका आभार जो आपने मुझे अंतिम दौर तक टिकट की दौड़ में शामिल रखा। इंजिनियर विनय उपाध्याय ने ऐसा करके यह साबित कर दिया की उन्हे पार्टी का निर्णय स्वीकार है वह अपने समर्थकों को भी संदेश देकर एक तरह से स्वतंत्र निर्णय लेने स्वतंत्र कर दिए की वा पार्टी हित मे काम करें और पार्टी प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करें। उनके निर्णय की हर तरफ प्रशंशा हो रही है और उन्हे लोग खासकर पार्टी के लोग एक सहृदय व्यक्तित्व का धनी मान रहे हैं उन्हे साधुवाद भी दे रहे हैं।
इंजिनियर विनय उपाध्याय अंतिम दौर तक थे मनेंद्रगढ़ से कांग्रेस पार्टी से टिकट के दावेदार,टिकट न मिलने से नहीं हुए निराश,आभार सहित शुभकामनाएं उन्होंने प्रेषित की
इंजिनियर विनय उपाध्याय मनेंद्रगढ़ विधानसभा से इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी से दावेदारी कर रहे थे टिकट के लिए। उनकी दावेदारी अंतिम समय तक पार्टी में बनी रही लेकिन वह सफलता में तब्दील नहीं हो सकी।उन्होंने इसके बावजूद पार्टी हित में पार्टी का निर्णय सहजता से स्वीकार किया वहीं उन्होंने घोषित प्रत्याशी को बधाई शुभकामनाएं भी प्रेषित की,उन्होंने अपने समर्थकों को भी धन्यवाद दिया उनके प्रति आभार प्रकट किया और सोशल मिडिया पर उन्हे यह कहकर संबोधित किया की वह आभारी हैं की उन्हे अपने समर्थकों के बल पर पार्टी ने अंतिम दौर तक टिकट की दौड़ में शामिल रखा।
राजनीति में इंजिनियर विनय उपाध्याय के द्वारा पेश किया गया यह उदाहरण कभी कभी ही देखने को सुनने को मिल पाता है
इंजिनियर विनय उपाध्याय ने राजनीति क्षेत्र के लिए राजनीति से जुड़े लोगों के लिए एक बड़ा उदाहरण छोड़ दिया है,महत्वाकांक्षा स्वयं की बड़ी नहीं पार्टी हित सर्वोपरि है कार्यकर्ता समर्थक रीढ़ हैं सम्मान के काबिल हैं यह उन्होंने साबित किया। उन्होंने अपनी दावेदारी समाप्त किए जाने के निर्णय को कोई मुद्दा नहीं बनाया बल्कि उन्होंने पार्टी के निर्णय को स्वीकार किया समर्थकों को भी संदेश दिया की पार्टी ही महत्वपूर्ण है वहीं उन्होंने समर्थकों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनकी दावेदारी को पहले खुद स्वीकार किया फिर पार्टी फोरम तक उसको मजबूती से पहुंचाया।