- अभी भी नेताओं की गोद में बैठे हैं पार्टी के खिलाफ खुलकर बात करने वाले तथाकथित युवा, संगठन और अनुशासन की माला जपने वाले जिलाध्यक्ष पर भी उठ रही उंगली।
- आखिर कैसे चुप हैं जिलाध्यक्ष ऐसे गंभीर मामले पर?
- ऐसे कार्यकर्ताओं के सक्रिय रहने से गिर रहा अन्य कार्यकर्ताओं का मनोबल,कार्यकर्ता अब संशय में क्या उनका काम केवल झंडा ढोना।
- मलाई खाना और सत्ता का सुख भोगना पार्टी विरोध में बड़े नेताओं के विरोध में बयान देने वालों की किस्मत,सोच रहे कार्यकर्ता।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 18 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के बैकुंठपुर विधानसभा से भईयालाल राजवाड़े को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है, भाजपा ने भईयालाल राजवाड़े को लगातार पांचवीं बार यह मौका दिया है वहीं यह मौका उन्हे कार्यकर्ताओं की मंशा भांपकर मिला है यह भी बताया जा रहा है। भईयालाल राजवाड़े को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में शुरुआत के दौरान उत्साह देखने को मिला और कार्यकर्ताओं को लगने लगा था की उनके पांच साल के वनवास का, विपक्ष में रहने का दौर खत्म होने जा रहा है और उन्हे फिर उनका विधायक मिलेगा और सत्ता में उनकी धमक होगी लेकिन जिस तरह भईयालाल राजवाड़े के आसपास स्वार्थी और मतलब परस्त लोग जिनका काम केवल स्वार्थ सिद्ध करना है शेष उन्हे न तो पार्टी की जीत हार से मतलब है न ही उन्हे पार्टी को लेकर कोई चिंता है उनकी मौजूदगी होने लगी अब कार्यकर्ता उदास दिखने लगे हैं और कहीं न कहीं कार्यकर्ताओं को लगने लगा है की कहीं भईयालाल राजवाड़े फिर तो उसी राह पर तो नहीं निकल पड़े हैं जिस राह पर चलने की वजह से ही कार्यकर्ता उनसे पिछले चुनाव में दूर हुए थे और हार हुई थी उनकी।भईयालाल राजवाड़े को लेकर यह बात तो सभी जानते हैं और कार्यकर्ता भी मानते हैं की वह जब जब चुनाव जीत सके सत्ता का उन्हे सुख मिला उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को कभी तवज्जो नहीं दी न ही उनके दुख सुख को जानने का प्रयास किया उनकी जीत जब जब हुई उनके आस पास गिने चुने लोगों की ही भीड़ दिखी हमेशा पार्टी को नीचे से ऊपर लाने वाले कार्यकर्ता उनके हाशिए पर ही रहे। वहीं उनके साथ भाजपा के कुछ बड़े पदाधिकारी जरूर सटे रहे और उन्होंने जमकर लाभ कमाया लेकिन जमीनी कार्यकर्ताओं को लेकर उनका रुख कभी सकारात्मक नहीं रहा बशर्ते उनके साथ वह लोग जरूर सटे नजर आए जिन्हे केवल लाभ से मतलब रहा और जिन्होंने लगातार भाजपा सहित भाजपा नेताओं के लिए सार्वजनिक रूप से गलत बयानी की,अन्य दलों के लोग भी भईयालाल राजवाड़े को उनके कार्यकाल के दौरान प्रिय रहे जबकि भाजपा के कार्यकर्ताओं को उन्होंने कभी खुद के करीब नहीं आने दिया। हाल में सलमान अहमद नाम के एक भईयालाल राजवाड़े समर्थक का बयान जो एक टीवी न्यूज का हिस्सा है काफी वायरल हुआ है जबकि सलमान अहमद नाम का उक्त युवक भईयालाल राजवाड़े के पिछले कार्यकाल में उनका काफी करीबी था वहीं वह भाजयुमो का पदाधिकारी भी रह चुका था फिर भी टीवी न्यूज चैनल में उसने भाजपा पार्टी का छत्तीसगढ़ में कोई योगदान विकास में नहीं बताया बशर्ते उसने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की ही बड़ाई की वहीं वह भाजपा सहित प्रधानमंत्री की बुराई ही करता देखा गया। अभी जबसे भईयालाल राजवाड़े को टिकट मिला है तब से वह फिर भईयालाल राजवाड़े के साथ सक्रिय दिख रहा है जो कार्यकर्ताओं को नागवार गुजर रहा है और कार्यकर्ता मायूस हैं की क्या फिर ऐसे मतलब परस्त ही भईयालाल राजवाड़े के इर्द गिर्द रहेगें क्या उन्हे फिर विपक्ष जैसा ही महसूस होने वाला है यदि भईयालाल राजवाड़े चुनाव जीतते हैं कार्यकर्ता इसी उधेड़ बुन में हैं। कार्यकर्ताओं को इसकी आशंका इसलिए भी नजर आ रही है क्योंकि सलमान अहमद जैसे कई लोग हैं जो भईयालाल राजवाड़े से सटे नजर आ रहे हैं वहीं इस मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष भी मौन हैं अन्य बड़े पदाधिकारी भी मौन हैं।
क्या भाजपा जिलाध्यक्ष इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़कर स्पष्ट करेंगे की कार्यकर्ता प्रथम होगा पार्टी?
क्या भाजपा जिलाध्यक्ष इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़कर स्पष्ट करेंगे की कार्यकर्ता प्रथम होगा पार्टी और विधायक के लिए पार्टी का, या वह भी इस मामले में पुरानी ही स्थिति को लेकर तैयार हैं और मतलब परस्तों से भईयालाल राजवाड़े घिरे रहेंगे उन्हे इस मामले में कुछ नहीं कहना वह ठान चुके हैं। भईयालाल राजवाड़े के प्रचार प्रसार में जुटे लोग फिर वही हैं जिन्हे लेकर पिछले चुनाव में कार्यकर्ताओं सहित जनता ने उन्हें अस्वीकार किया था। स्वेक्षानुदान सूची अनुसार भईयालाल राजवाड़े से लाभ लेने वाले भी अपनी तस्वीर भईयालाल राजवाड़े के साथ साझा कर रहे हैं और कार्यकर्ता कहीं न कहीं मायूस मायूस नजर आ रहे हैं जिलाध्यक्ष भाजपा भी मौन हैं कार्यकर्ताओं को लेकर कुछ भी आश्वासन उनके पास नहीं है जबकि अनुशासन और पार्टी में पार्टी लाइन की बात वह लगातार करते हैं लेकिन भईयालाल राजवाड़े से जुड़े स्वार्थी लोगों को लेकर उनकी चुप्पी बरकरार है।जिलाध्यक्ष भाजपा के किसी निर्णय का भाजपा कार्यकर्ता इंतजार कर रहे हैं और वह निर्णय यह हो की स्वार्थ सिद्ध करने के उद्देश्य से ऐन चुनाव के समय भईयालाल राजवाड़े के इर्द गिर्द मंडराने वाले ऐसे लोग कम से कम प्रतिबंधित किए जाएं जिनका पार्टी प्रधानमंत्री को लेकर बयान सकारात्मक नहीं है। कार्यकर्ता चाहते हैं की जो प्रधानमंत्री को बुरा भला कह रहा हो भाजपा में रहकर मालदार होकर भी भाजपा के पन्द्रह साल को उपलब्धियों भरा नहीं बता रहा हो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के प्रति जिसकी आस्था हो वह कतई पार्टी से दूर किया जाए क्योंकि वह अपना मत भी पार्टी प्रत्याशी को नहीं देने वाला ऐसे में वह अन्य का मत पार्टी के पक्ष में लाने का प्रयास करेगा यह असंभव है। अब देखना है जिलाध्यक्ष भाजपा क्या निर्णय लेते हैं और भईयालाल राजवाड़े के आसपास से किस तरह ऐसे लोगों को हटाते हैं जिनका खुद का ही कोई सिद्धांत नहीं है जी जो रंग बदलने में माहिर हैं।
भईयालाल राजवाड़े फिर कर रहे हैं पुरानी गलती,पार्टी विरोधी लोग भईयालाल के इर्द गिर्द जमा लिए डेरा
बैकुंठपुर से भाजपा प्रत्याशी भईयालाल राजवाड़े फिर वही गलती कर रहे हैं जो वह पहले भी कर चुके हैं जिसका खामियाजा भी वह चुनाव में हार का सामना कर भुगत चुके हैं। भईयालाल राजवाड़े को जैसे ही भाजपा ने प्रत्याशी बनाया वैसे ही यह देखने को मिलने लगा की उनके सबसे करीब ऐसे लोग जा खड़े हुए जो पार्टी विरोधी हैं पार्टी के ही प्रधानमंत्री के लिए जिनके पास अच्छे शब्द नहीं हैं जबकि वह भाजपा कार्यकाल में ही फले फूले हैं। ऐसे लोगों के जमावड़े के बाद भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता अब असमंजस में हैं वहीं उन्हे भय है अभी से की भईयालाल राजवाड़े के चुनाव जीतते ही यह लोग उनके सबसे करीब हो जायेंगे वहीं यह लोग बाकी कार्यकर्ताओं को किनारे कर देंगे। कार्यकर्ताओं की यदि मंशा समझी जाए तो उनका सोचना गलत नहीं है,यह भईयालाल राजवाड़े की बड़ी गलती ही कही जाएगी की वह उन्हे तव्वजो दे रहे हैं जिनका पार्टी से पार्टी के नफा नुकसान से कोई लेना देना नहीं है वह केवल अपने स्वार्थ के लिए जुड़े हैं और स्वार्थ पूर्ति कर वह निकल जायेंगे बाद में पार्टी को ही उनके लिए बदनाम होना पड़ेगा वहीं कर्मठ कार्यकर्ता उनके सामने बौने हो जायेंगे वह ही सर्वे सर्वा हो जायेंगे। अब देखना है की भईयालाल राजवाड़े आगे क्या करते हैं और पुरानी गलती दुहराते हैं या फिर इस बार कम से कम उन्हे दूर करते हैं खुद से जो केवल स्वार्थ वश उनसे जुड़े हैं पार्टी के लिए जो घातक हैं।
भाजपा जिलाध्यक्ष कोरिया क्या भाजपा प्रत्याशी को पार्टी विरोधी लोगों से दूर रहने देंगे हिदायत,यह भी सवाल है कार्यकर्ताओं का
भाजपा कोरिया जिलाध्यक्ष खुद को अनुशासन का सही पालन करने वाला और कराने वाला पार्टी हित में मानते हैं।।इस बार बैकुंठपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी जिन्हे बनाया गया है वह सबसे ज्यादा करीब भी जिलाध्यक्ष भाजपा के ही हैं वहीं भाजपा प्रत्याशी के इर्द गिर्द स्वार्थी पार्टी विरोधी लोगों का जमावड़ा वह भी देख सुन रहे हैं कार्यकर्ताओं की व्यथा वह भी सुन समझ रहे हैं,अब देखना है की लगातार पार्टी में अनुशासन की बात करने वाले भाजपा जिलाध्यक्ष भाजपा प्रत्याशी को चुनाव के दौरान अनुशासन सीखा पाते हैं की नहीं वह क्या पार्टी विरोधी लोगों को भाजपा प्रत्याशी से दुर रहने हिदायत देंगे प्रत्याशी को भी ऐसा ही करने हिदायत देंगे यह सवाल उठ रहा है। भाजपा जिलाध्यक्ष को पार्टी से जुड़े और पार्टी का साथ छोड़ चुके लोगों को एक करके यह चुनाव जीतना है अब देखना है वह कैसे ऐसा कर पाते हैं क्योंकि अभी ताजा स्थिति में तो कार्यकर्ता भाजपा प्रत्याशी से दुर हो रहे हैं स्वार्थी पार्टी विरोधी प्रत्याशी के साथ चल रहे हैं।
भाजपा की बुराई,भाजपा से ही प्रधानमंत्री की बुराई करने वाले भाजपा शासन में खायेंगे मलाई यह भी सोच रहे कार्यकर्ता
भाजपा कार्यकर्ता बैकुंठपुर विधानसभा में काफी सोच में डूबे हुए हैं, उनको भाजपा प्रत्याशी के इर्द गिर्द फिर वही लोग नजर आ रहे हैं जो भाजपा विरोधी हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विरोधी हैं। भाजपा कार्यकर्ता यह सोचकर चिंतित हैं की फिर वही लोग भाजपा में मलाई खाने आगे आ गए हैं जिनका काम भाजपा को कोसना ही रहा है। अब भाजपा कार्यकर्ताओं को इस बात का आश्वासन कौन देगा की पहले कार्यकर्ता फिर स्वार्थी का नंबर विधायक बनने के बाद प्रत्याशी के समक्ष लगेगा क्योंकि भाजपा जिलाध्यक्ष सहित संगठन भी इस मामले में मौन है और कहीं न कहीं इससे कार्यकर्ताओं की चिंता बढ़ी हुई है।
भईयालाल राजवाड़े को काफी सोच विचार कर इस बार करना होगा चुनाव प्रचार,स्वेक्षानुदान मामले में भी फिर विपक्ष होगा हमलावर
भईयालाल राजवाड़े को इस चुनाव में काफी सोच विचार कर चुनाव प्रचार में उतरना होगा क्योंकि उन्हे कार्यकर्ताओं का विश्वास ज्यादा जितना होगा,इस बार विपक्ष फिर उनके पूर्व कार्यकाल के स्वेक्षानुदान मामले को उठाएगा जिसकी संभावना बन रही है वहीं स्वेक्षानुदान मामले में जिनके कारण वह बदनाम हुए थे उन्हे खुद से उन्हे दूर रखना होगा। स्वार्थी लोगों से दूर रहना होगा ,पार्टी विरोधी लोगों से दूर रहना होगा वहीं उन्हे उनसे भी दूर रहना होगा जिन्हे लोग पीठ पीछे हटते ही नापसंद करते हैं खासकर पार्टी के ही कार्यकर्ता।