- पुरे सोनहत में सिर्फ एक व्यक्ति के घर में केन्द्रीय मंत्री के जाने से पार्टी कार्यकता नाराज-सूत्र
- पुरे पांच सालों तक कार्यकर्ताओं की सूध न लेने वाली ठेकेदार की धर्मपत्नी केन्द्रीय मंत्री के दौरे में दिखी साथ?
- स्थानीय कार्यकर्ताओं के मुताबिक ठेकेदार राजाराम व पत्नी का राजवाड़े समाज में ही है जमकर विरोध।
- सबसे बड़ा सवाल क्या पूर्व मंत्री भैयालाल ने अपने चहेते ठेकेदार को सत्ता की मलाई खाने फिर चली है चाल?
- सबसे बड़ा सवाल क्या पूर्व मंत्री भैयालाल ने अपने चहेते ठेकेदार को सत्ता की मलाई खिलाने फिर चली है चाल,किया है केंद्रीय मंत्री के साथ?
-रवि सिंह-
कोरिया/सोनहत 17 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। गत दिवस भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र के सोनहत क्षेत्र में भाजपा की विधायक प्रत्याशी केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह का आगमन हुआ, केन्द्रीय मंत्री के आगमन पर सोनहत के विभिन्न चौक चौराहे पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा फूल माला, पटाखों,व नगाड़े से भव्य स्वागत किया गया। रेणुका सिंह के आगमन पर कार्यकर्ताओं का उत्साह देखने लायक रहा वहीं युवा मोर्चा ने भी ताकत दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और सैकड़ों की संख्या में बाईक की रैली निकाली, एक दिवसीय केन्द्रीय मंत्री के स्वागत कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने भाजपा की सदस्यता भी ली और स्वागत का कार्यक्रम देर रात तक सोनहत क्षेत्र में चला।परंतु अंतिम समय में केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह सोनहत में मसहूर ठेकेदार व पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े के संरक्षण में भाजपा के सरकार में लगभग सौ एकड़ जमीन के मालिक बने व क्षेत्र में जमकर ठेकेदारी करके करोड़ों कमाने वाले ईकलौते चहेते राजाराम राजवाड़े के निवास स्थान पुसला में पहुची। जहां उनका स्वागत किया गया।यह इस दौरे का पहला आयोजन रहा जिसमें केन्द्रीय मंत्री को किसी व्यक्ति के घर में जाना पड़ा। केंद्रीय मंत्री के वहां जाने मात्र से सोनहत क्षेत्र के कार्यकर्ता नाराज दिखे और उन्हे यह आभास होने लगा की फिर उन्हे उक्त ठेकदार के अधीन ही रहकर पार्टी का झंडा उठाना पड़ेगा वहीं उक्त ठेकेदार पूर्व मंत्री भईयालाल राजवाड़े जो बैकुंठपुर विधानसभा से प्रत्याशी हैं की सह पर उनके सहयोग से भरतपुर सोनहत क्षेत्र की भाजपा प्रत्याशी से जुड़ जायेगा और फिर कर्मठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी चालू हो जायेगी और क्षेत्र में उसका ही दबदबा हो जाएगा। उक्त ठेकेदार के घर केंद्रीय मंत्री का जाना कार्यकर्ताओं को नागवार गुजरा और वह मायूस नजर आए।
ठेकेदार राजाराम व पूर्व जिपं उपाध्यक्ष ओमेश्वरी का क्षेत्र में नहीं है कोई वर्चस्व
जानकारी के अनुसार जिस ठेकेदार के निवास पर केंद्रीय मंत्री का आगमन हुआ उनका सोनहत क्षेत्र में कोई वर्चस्व नहीं है, यह उनके निवास स्थान पर आयोजित कार्यक्रम में भी देखने को मिला जहां हजारों की आबादी वाले गांव में पचास की संख्या में भी लोगों को ठेकेदार व उनकी पत्नी नहीं जूटा पाए मौके पर उपस्थित भीड़ में काफीले की भीड़ को छोड़ कर गांव के तीस से अधिक लोग उपस्थित नहीं थे जो उनके जनाधार को साबित करता है। वैसे बताया जाता है की पूर्व भाजपा शासनकाल में उक्त ठेकेदार द्वारा केवल ठेकेदारी की गई है पार्टी कार्यक्रमों से पार्टी की मजबूती से उसका कोई लेना देना नहीं रहा है न ही कार्यकर्ताओं को ही उसने कभी तव्वजो दिया है इसलिए उसके यहां संख्या कम नजर आई जब केंद्रीय राज्यमंत्री घर पहुंची।संगठन कार्यकर्ताओं सहित राजवाड़े समाज व अन्य जनता में भी फूटा गुस्सा:सूत्र
केन्द्रीय मंत्री के पुरे कार्यक्रम के दौरान जिस तरह से पूर्व जिपं उपाध्यक्ष ओमेश्वरी राजवाड़े भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह के साथ देखी गई, सूत्रों के अनुसार सोनहत मण्डल के सैकड़ों पदाधिकारी व कार्यकर्ता भारी नाराज हुए क्यों कि ओमेश्वरी राजवाड़े जब पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े के आशीर्वाद से टिकट पाकर भाजपा से चुनाव लड़कर बहुत मुश्किल से जीत पाई थी। सरकार भाजपा की थी तो ओमेश्वरी राजवाड़े जिपं की उपाध्यक्ष भी बनी लेकिन जनप्रतिनिधि के रूप में चुनी गई ओमेश्वरी क्षेत्र के लिए या समाज अर्वा विकास के क्षेत्र में कोई काम नहीं की इनकी उपलब्धि स्वयं की घर गाड़ी जमीन बनाने तक सीमित रही तथा पार्टी व कार्यकर्ताओं का भी कभी साथ नहीं दिया सिर्फ दो-चार चेले चपाटियों की बजाए, जबकि इनके पति राजाराम राजवाड़े जो कभी कंमाडर जैसी गाड़ी चलाते थे आज फार्च्यूनर जैसी महंगी गाड़ियों में घुमते है। इनके रैवए से अब क्षेत्र में राजवाड़े समाज के लोगों ने भी अपनी नाराज़गी जताई तो वहीं ओमेश्वरी राजवाड़े के केंद्रीय मंत्री भाजपा प्रत्याशी के साथ घुमने से क्षेत्र की जनता भी भारी गुस्से में देखी गई।
भाजपा के पूरे विपक्षी कार्यकाल में गायब रहने वाले क्या सत्ता की मलाई के लिए हुए सक्रिय
सूत्रों की मानें तो केन्द्रीय मंत्री के दौरे में सबसे आगे रहने वाली ओमेश्वरी राजवाड़े व अपने निवास पर स्वागत करवाने वाले ठेकेदार राजाराम राजवाड़े जबसे भाजपा की सरकार गई तब से पार्टी व कार्यकर्ताओं के विपरीत समय में पुरे पांच सालों तक गायब रहे कभी किसी आयोजन के लिए कोई सहयोग नहीं किया, न ही किसी कार्यकर्ता का हाल चाल पूछा यहां तक कि सत्तारूढ़ पार्टी के गलत नीतियों के खिलाफ एक शब्द तक नहीं बोला और आज चुनाव के समय आते ही सीधे प्रत्याशी के करीबी बनकर घुमने लगे, कुछ कार्यकर्ताओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि जब पिछले पांच सालों में पार्टी कोई धरना प्रदर्शन,या विरोध प्रदर्शन करती थी या किसी भाजपा कार्यकर्ता के साथ सत्ता दल के लोग अत्याचार व परेशान करते थे तब कभी इन मलाई खाने वाले लोगों ने अपनी सक्रियता नहीं दिखाई और न ही कभी कांग्रेसी विधायक का विरोध किया लेकिन आज फोटो खिंचवाने आगे आ गये और जिन कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस से दुश्मनी ली, सरकार के गलत नीतियों का विरोध किया, विधायक के टारगेट में रहे वो सक्रिय लोग किनारे हो गये।
सबसे बड़ा सवाल क्या पूर्व मंत्री भईयालाल ने अपने चहेते ठेकेदार को सत्ता की मलाई खाने फिर चली है चाल?
सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि जब तक भईयालाल राजवाड़े विधायक और मंत्री रहे तब तक कभी पार्टी का झंडा न उठाने वाले चहेते व्यक्ति को जमकर मलाई खिलाया ऐसे में फिर से पूर्व मंत्री भईयालाल कोई अपनी नई चाल तो नहीं चल रहे यह सवाल कार्यकर्ताओं के अंदर भी है क्योंकि उन्हें इस बात का डर है कि सारी दुश्मनी, और लड़ाई कांग्रेसियों से उन्होंने लड़ी अब जिस तरह से पूर्व में होता रहा फिर तो वहीं न हो जाए कि भाजपा सरकार आते ही रेणुका सिंह के चुनाव जीतते ही सोनहत में फिर से सत्ता के मलाई खाने वाले ठेकेदार राजाराम व ओमेश्वरी राजवाड़े मालिक न बन जाए नहीं तो आम कार्यकर्ता हाशिए पर चले जाएंगे और चापलूसी करने वाले मौज उड़ायेंगे।
भाजपा प्रत्याशी की राह आसान नहीं
ऐसे में अगर भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह ने खराब छवि के लोगों, ठेकेदार किस्म के सत्ता की मलाई खाने वाले लोगों से दूरी नहीं बनाई तो भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ताओं से चुनाव से पहले दुरी बन जाऐगी, यह उनके लिए बड़ी चुनौती बन सकता है क्योंकि सक्रिय कार्यकर्ताओ ने विपक्ष की भूमिका में क्षेत्र में जिस तरह से बुथ से लेकर मण्डल तक के लोगों को संगठित कर संपर्क में रखा है समर्थन न मिलने पर राह कठिन हो सकती है।