- जीत की रणनीति बनाने लगा रहे हैं पूरा जोर,नहीं छोड़ रहे कोई कोर कसर।
- भाजपा प्रत्याशी के जातिगत जनाधार को साधने साहू समाज को कांग्रेस के पक्ष में लाने भी सम्हाल रहे जिम्मा,सूत्र
- साहू समाज की पिछली नाराजगी को बनाने की तैयारी में हैं मुद्दा,पिछली नाराजगी साहू समाज की जगी तो भाजपा प्रत्याशी को होगा नुकसान।
- क्या साहू समाज बिहारीलाल राजवाड़े के कहने पर कांग्रेस पार्टी का देगा साथ?
- क्या पिछली नाराजगी को साहू समाज के कांग्रेस के पक्ष में भुना पाएंगे बिहारीलाल राजवाड़े?
- पटना क्षेत्र में कांग्रेस लगभग तय प्रत्याशी फिलहाल पिछड़ती नजर आने लगीं,भाजपा प्रत्याशी क्षेत्र में निकले आगे।
- क्या अकेले बिहारीलाल राजवाड़े के भरोसे कांग्रेस की लगभग तय प्रत्याशी पटना क्षेत्र में बना पाएंगी बढ़त?
- कांग्रेस के पटना क्षेत्र के अधिकांश कार्यकर्ता मौन साधे हुए,बिहारीलाल राजवाड़े अकेले कर रहे मेहनत।
- बिहारीलाल राजवाड़े के भी राजनीतिक भविष्य से जुड़ा हुआ है यह विधानसभा चुनाव।
- जीत मिली बढ़ेगा कद मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी,हार हुई क्षेत्र में नहीं है जनाधार होगा साबित
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 17 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। बैकुंठपुर विधानसभा से कांग्रेस पार्टी अपना उम्मीदवार वर्तमान विधायक को ही बनाएगी यह लगभग तय माना जा रहा है,कांग्रेस की लगभग तय प्रत्याशी का लगातार जारी प्रचार प्रसार भी इसकी पुष्टि करता है की उन्हे संकेत मिल चुका है और वह निश्चित रूप से प्रत्याशी होंगी इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से वहीं अब उन्हे क्षेत्र में भ्रमण के दौरान अपने लिए समर्थन मांगते देखा जा रहा है और वह पूरी सिद्दत से अपना प्रचार कर रही हैं लेकिन उन्हे प्रचार के दौरान वह समर्थन फिलहाल नहीं दिखते मिल रहा है जैसा उन्हे मिलना चाहिए जैसा समर्थन सरकार के कामकाज को लेकर उन्हे मिलना चाहिए यहां तक की उनके साथ कांग्रेस पार्टी के ही ज्यादातर नेता कार्यकर्ता नजर नहीं आ रहे हैं और उनका काफिला लगातार छोटा नजर आता जा रहा है।
बात पटना क्षेत्र की यदि की जाए तो पटना क्षेत्र में उन्हे ज्यादा संघर्ष करते देखा जा रहा है एक तरफ इस क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी का जातिगत जनाधार काफी मजबूत है वहीं इस क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के पिछले कार्यकाल की उपलब्धियां भी उनकी मदद कर रही हैं जो कहीं न कहीं उन्हे कांग्रेस प्रत्याशी से आगे बनाए हुए है। पटना क्षेत्र जिसे राजनीति की भाषा में पटना चौरासी क्षेत्र भी कहा जाता है इस क्षेत्र में कांग्रेस विधायक के साथ एक ही कांग्रेस नेता ज्यादा मेहनत करते नजर आ रहे हैं ,यह नेता हैं बिहारीलाल राजवाड़े जो फिलहाल पूरे क्षेत्र में अकेले ही कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं उन्हे जीत दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। पटना क्षेत्र में शेष कांग्रेसी नेता कांग्रेस संगठन विभिन्न मोर्चा विभिन्न विभाग कांग्रेस पार्टी का मौन धारण कर बैठा है वहीं उनका मौन ऐसा है जैसे उन्हे न तो चुनाव की चिंता है न जीत हार की फिक्र, कुल मिलाकर ऐसा लग रहा है उनके लिए न तो कोई चुनाव है न पार्टी की जीत हार से ही उन्हे मतलब है,क्षेत्र में बिहारीलाल राजवाड़े ही एकमात्र नेता है कांग्रेस में जिन्हे जीत की चिंता है और वह इसके लिए अकेले डटे हुए हैं।
क्या बिहारीलाल राजवाड़े के लिए यह चुनाव बड़ी चुनौती पूर्ण है?
बिहारीलाल राजवाड़े के लिए भी माना जाता है की यह चुनाव बड़ी चुनौती है वहीं उनके लिए यह चुनाव उनका पूरा राजनीतिक भविष्य तय करेगा क्योंकि उन्होंने विधायक को क्षेत्र के बढ़त दिलाने की ठानी है वहीं यदि वह ऐसा कर पाते हैं तो वह अपना जनाधार भी साबित कर पाएंगे जो उनके लिए भविष्य में पार्टी के हिसाब से काम आएगा वहीं यदि वह ऐसा नहीं कर पाते उनका राजनीतिक जीवन बुरी तरह प्रभावित होगा जनाधार विहीन नेताओं में उनकी गिनती शुरू हो जाएगी जो उनके राजनीतिक भविष्य के लिए अच्छा नहीं होगा। कांग्रेस प्रत्याशी की जीत उन्हे हो सकता है आगे पार्टी से प्रत्याशी बनने का मौका दे वहीं हार उन्हे कभी प्रत्याशी नहीं बनने का बुरा परिणाम इसी चुनाव में दे देगी ऐसा माना जा रहा है लेकिन वह जिस तरह लगे हुए हैं मेहनत कर रहे हैं उन्हे देखकर लोगों का भी कहना है की उनकी मेहनत उनके खुद के पिछले चुनाव में किए गए मेहनत से ज्यादा है और वह अत्यधिक मेहनत कर रहे हैं। बिहारीलाल राजवाड़े कांग्रेस की लगभग तय प्रत्याशी के लिए हर तरह से जीत सुनिश्चित करने के प्रयास में लगे हैं और वह हर वह प्रयास करते देखे जा रहे हैं जिससे प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित हो सके।
क्या भाजपा प्रत्याशी के जातिगत जनाधार का भी काट ढूंढ रहे हैं?
इसी बीच ऐसी भी खबर सूत्रों के हवाले से आ रही है की बिहारीलाल राजवाड़े भाजपा प्रत्याशी के जातिगत जनाधार का भी काट ढूंढ रहे हैं जो भाजपा प्रत्याशी की पहली बड़ी बढ़त होगी चुनाव में उसके लिए वह अब पिछले चुनाव से पहले नाराज हुए भाजपा प्रत्याशी से साहू समाज को फिर से उनकी नाराजगी याद दिलाने के जुगाड में हैं और जल्द ही वह इसको लेकर कुछ प्रयास सार्थक करते नजर आने वाले हैं।माना जा रहा है की भाजपा प्रत्याशी की पिछली हार साहू समाज की नाराजगी के कारण हुई थी और उस नाराजगी को ताजा करने का जिम्मा बिहारीलाल राजवाड़े ने लिया है। वैसे साहू समाज की नाराजगी यदि बिहारीलाल राजवाड़े जगा पाए वह निश्चित रूप से भाजपा प्रत्याशी की पहली जातिगत बढ़त चुनाव की कांग्रेस प्रत्याशी के लिए बराबर कर पाएंगे और यह यदि हो पाया यह कांग्रेस प्रत्याशी के हिसाब से बड़ी कामयाबी होगी। वैसे देखना यह भी है की साहू समाज फिर से भाजपा प्रत्याशी का विरोध करता है जबकि पिछले विरोध के बावजूद भाजपा प्रत्याशी की हार तय करने के बाद भी साहु समाज को वह महत्व वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विधानसभा में नहीं मिला जो उसको मिलना था देखा जाए तो साहू समाज किसी महत्वपूर्ण पद तक नहीं पहुंच पाया जिले सहित विधानसभा से जबकि पूर्व भाजपा विधायक पूर्व मंत्री सहित भाजपा के कार्यकाल में साहू समाज को प्रदेश स्तर पर विधानसभा से पद प्रदान किया गया था और समाज से प्रतिनिधित्व करने का प्रदेश स्तर पर मौका दिया गया था।
क्या साहू समाज सत्ताधारी दल के लिए सबसे महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है?
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विधायक बैकुंठपुर के कार्यकाल में साहू समाज जहां पहले था वहीं नजर आया यह कहीं एहसाह वह नहीं कर पाया की उसकी मदद से सरकार बन पाई या विधायक ही जीतकर आईं। साहू समाज फिलहाल सत्ताधारी दल के लिए सबसे महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है क्योंकि यही वह समाज है जिसका जनाधार भाजपा प्रत्याशी के जातिगत जनाधार के या तो बराबर है या उसके आसपास है। वैसे माना यह जा रहा है की साहू समाज इस बार अलग ही मानसिकता के साथ चुनाव में अपनी भागीदारी निभाने आगे आएगा वह किसी के बहकावे में नहीं आएगा वह सोच समझकर निर्णय लेगा,किसी की अपनी महत्वाकांक्षा के लिए वह अपने समाज का मत बर्बाद नहीं करेगा और यदि ऐसा होता है या यह अनुमान सही है तो यह कांग्रेस प्रत्याशी के लिए अच्छी खबर नहीं है वहीं यह साहू समाज के पुराने आक्रोश को भाजपा प्रत्याशी के प्रति जगाने की कोशिश कर रहे बिहारीलाल राजवाड़े के लिए भी अच्छी खबर नहीं है क्योंकि साहू समाज इस बार अपने निर्णय के साथ आगे बढ़ने वाला है किसी अन्य की दखलंदाजी वह अपने सामाजिक मत क्षेत्र में स्वीकार नहीं करेगा ऐसा बताया जा रहा है।
साहू समाज को लेकर बिहारीलाल राजवाड़े का कांग्रेस की लगभग तय प्रत्याशी के लिए किया जा रहा प्रयास शायद ही सफल हो सूत्र
साहू समाज ने पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के विरुद्ध जाकर मतदान किया था ऐसा माना जाता है,उसके पीछे के कारण को लेकर यह बात मानी जाती है की ऐन पिछले विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पूर्व ही उस समय के भाजपा प्रत्याशी जो भाजपा से ही विधायक थे मंत्री थे ने साहू समाज को लेकर गलत टिप्पणी की थी जो साहू समाज को उनके खिलाफ ले जाने का कारण बना था,इस चुनाव में भी भाजपा ने पिछले प्रत्याशी को ही विधानसभा बैकुंठपुर से मौका दिया है,साहू समाज की नाराजगी पिछली कितनी है भाजपा प्रत्याशी को लेकर यह अभी सही तरीके से स्पष्ट भी नहीं है। वैसे कांग्रेस से लगभग तय प्रत्याशी के लिए बिहारीलाल राजवाड़े साहू समाज को साधने में लगे हुए हैं,वह समाज को भाजपा प्रत्याशी का वह कारनामा याद दिलाने की कोशिश कर रहे हैं जिसमे उन्होंने मंत्री रहते समाज के लिए कुछ गलत कहा था,वैसे साहू समाज इस बार पिछली बार की तरह गलती करने के विचार में नहीं है ऐसा बताया जा रहा है ऐसे में कहा जा सकता है की बिहारीलाल राजवाड़े का प्रयास शायद ही सफल हो क्योंकि साहू समाज खुद से ही निर्णय लेकर जो कुछ भी करना होगा करेगा।
साहू समाज को वर्तमान विधायक के कार्यकाल व सरकार के कार्यकाल में नहीं मिला विधानसभा से ऐसा कोई अवसर क्या इस के बावजूद विधायक के पक्ष में दिखाएं अपना समर्थन?
साहू समाज वर्तमान सरकार के कार्यकाल में वर्तमान विधायक के कार्यकाल में ऐसा कोई अवसर नहीं प्राप्त कर सका बैकुंठपुर विधानसभा में जो वह सामाजिक तौर पर अपनी संख्या के आधार पर निर्णायक होने के आधार पर रखता था। इसलिए यह माना जा रहा है की वह शायद ही वर्तमान विधायक के समर्थन में जायेगा। साहू समाज को उम्मीद थी की समाज से किसी सदस्य को विधानसभा क्षेत्र के किसी सदस्य को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी जो पांच सालों में नहीं मिली इसलिए उसका समर्थन वर्तमान विधायक या सरकार के तरफ बैकुंठपुर विधानसभा में जायेगा लगता नहीं।
कांग्रेस की लगभग तय प्रत्याशी के लिए साहू समाज ही हो सकता है उनके लिए उनकी जीत के असल मददगार,बिहारीलाल ने यही भांपकर साहू समाज को साधने की है तैयारी
बैकुंठपुर विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी का अपना जातिगत जनाधार काफी तगड़ा है,जातिगत जनाधार की वजह से ही उनको लेकर प्रारंभिक चुनाव परिणाम उनके पक्ष में माना जा रहा है,भाजपा प्रत्याशी के विरुद्ध यदि कांग्रेस प्रत्याशी को टक्कर में रहना है तो साहू समाज को विधानसभा में साधना होगा यही समाज एकमात्र सहारा हो सकता है कांग्रेस की लगभग तय प्रत्याशी के लिए,साहू समाज यदि पूरी तरह कांग्रेस के पक्ष में जाता नजर आएगा तभी कांग्रेस प्रत्याशी टक्कर में नजर आएंगी यही बात बिहारीलाल राजवाड़े भांप चुके हैं और वह साहू समाज को किसी भी तरह साधने में लगे हुए हैं।
कांग्रेस संगठन फिलहाल बिखरा नजर आ रहा है बैकुंठपुर विधानसभा में,एकजुटता सहित प्रयास करते केवल नजर आ रहे हैं बिहारीलाल राजवाड़े
बैकुंठपुर विधानसभा में कांग्रेस संगठन कार्यकर्ता फिलहाल बिखरे हुए नजर आ रहे हैं,एक दो को छोड़ दें तो विधायक वहीं विधायक की संभावित प्रत्याशी के साथ कोई नजर नही आ रहा है। विधानसभा में सबसे सक्रिय यदि कोई नजर आ रहा है वह बिहारीलाल राजवाड़े ही हैं जिन्हे जिनकी मेहनत देखकर लगता है की उन्हे विधानसभा में जीत की सबसे ज्यादा चिंता है शेष कार्यकर्ता अधिकांश मौन बैठे हैं शांत बैठे हैं जैसे फिलहाल उन्हे काम करने की जरूरत ही नहीं।