बैकुण्ठपुर@केंद्रीय राज्य मंत्री और भरतपुर सोनहत विधानसभा प्रत्याशी भी पूर्व भाजयुमो जिला अध्यक्ष कोरिया से नहीं कर पाईं किनारा…

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  • पहले ही दौरे में अंचल राजवाड़े ने घेरा उनके आस पास भी बनाया
  • जिस क्षेत्र में था उम्मीदवार रेणुका सिंह का दौरा उसी क्षेत्र के आदिवासी के साथ हुआ है धोखाधड़ी,पूर्व भाजयुमो जिलाध्यक्ष पर ही है आरोप
  • क्या भाजपा की मजबूरी हैं अंचल या फिर खुद सक्रिय दिखना हो गई है मजबूरी उनकी?
  • दो-दो विधानसभा चुनाव में अंचल राजवाड़े की प्रत्याशियों के साथ मौजूदगी भाजपा के लिए मुश्किलों वाला मामला न बन जाए
  • विपक्ष के लिए अंचल राजवाड़े ही भाजपा को घेरने का कारण न बन जाएं
  • क्या खुद आगे आकर खास बनने की कवायद करने वाले एक बड़े आरोप से घिरे पूर्व भाजयुमो जिलाध्यक्ष कोरिया को भाजपा कर पायेगी किनारे?
  • क्या अनुशासन की बात करने वाली भाजपा धोखाधड़ी के मामले में आरोपी को हर जगह रखकर चलेगी सामने?
  • क्या भाजपा के पास दो विधानसभाओं में नहीं हैं ऐसे बेदाग छवि वाले कार्यकर्ता जो जीत दिला सकें प्रत्याशी को?
  • -रवि सिंह-

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 15 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। केंद्रीय मंत्री और भरतपुर सोनहत विधानसभा प्रत्याशी भी नही बच पाई अंचल राजवाड़े से जिस क्षेत्र में था उम्मीदवार रेणुका सिंह का दौरा उसी क्षेत्र के आदिवासी के साथ हुआ है धोखाधड़ी, क्या भाजपा की मजबूरी हैं अंचल या फिर खुद सक्रिय दिखना हो गई है मजबूरी, अपने चुनावी दौरे के पहले दिन भरतपुर सोनहत क्षेत्र पहुंची भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह का भाजपाइयों ने जगह जगह जोरदार स्वागत किया, उनके दौरे में बैकुंठपुर विधानसभा प्रत्याशी भईयालाल राजवाड़े के साथ जिलाध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल भी साथ दिखे तो वहीं भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष अंचल राजवाड़े की मौजूदगी एक बार फिर चर्चा का विषय रही, भाजपा प्रत्याशी का दौरा सोनहत क्षेत्र के हुआ और सोनहत क्षेत्र के ही आदिवासी वर्ग के निवासी के साथ अंचल राजवाड़े ने फर्जी गिरी किया है,उनके साथ रहने का नुकसान रेणुका सिंह को भी उठाना पड़ सकता है। जानकारी के अनुसार भाजपा उम्मीदवार रेणुका सिंह ने दौरे की शुरुआत कटगोड़ी घाट स्थित शिव मंदिर में पूजा अर्चना के साथ किया है।
इस समय कोरिया जिले के पूर्व भाजयुमो जिलाध्यक्ष भाजपा के लिए मुसीबत का सबब न बन जाएं वह भी दो-दो विधानसभाओं में क्योंकि उनके ऊपर एक धोखाधड़ी का मामला दर्ज है जिसमे वह जमानत पर बाहर हैं वहीं भाजपा ने भी उन्हे इसी वजह से पार्टी से बाहर कर रखा है पद से भी हटा दिया है, क्योंकि भाजपा खुद को अनुशासित पार्टी साबित करती है और ऐसे में यदि एक धोखाधड़ी मामले वाले को पार्टी पद में रखती पार्टी की बदनामी होती पार्टी की किरकिरी होती इसी वजह से पार्टी ने आरोप लगने के कुछ दिनों बाद ही भाजयुमो कोरिया जिलाध्यक्ष को पूर्व जिलाध्यक्ष घोषित कर दिया और उनसे पल्ला झाड़ लिया लेकिन अब जैसे ही चुनाव नजदीक आया और पार्टी ने भईयालाल राजवाड़े सहित केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह को क्रमशः बैकुंठपुर सहित भरतपुर सोनहत विधानसभा से प्रत्याशी घोषित किया भाजयुमो पूर्व जिलाध्यक्ष सक्रिय नजर आने लगे और हर जगह वह खुद को आगे रखने लगे साथ ही उन्होंने खुद को आगे रखने के लिए सक्रिय साबित करने के लिए कैमरामैन भी रख लिया और वह तस्वीर भी साझा करने लगे,उनकी तस्वीर जैसे जैसे प्रत्याशियों के साथ सामने आने लगीं उनको लेकर विरोध के स्वर भी उठने लगे और अब पार्टी के ही अंदरखाने से यह आवाज उठ रही है की क्या परिवर्तन की बात भ्रष्टाचार की बात कर सत्ता में वापसी की तैयारी कर रही भाजपा धोखाधड़ी के आरोपियों के ही सहारे चुनाव जीतना चाहती है वह भी ऐसे विधानसभाओं से जहां आधे से ज्यादा आबादी आदिवासी समुदाय की है और पूर्व जिलाध्यक्ष भाजयुमो कोरिया पर आदिवासी समुदाय के व्यक्ति से ही धोखाधड़ी का आरोपी माना गया है।
पूर्व भाजयुमो जिलाध्यक्ष प्रत्याशी के लिए खतरा तो नहीं?
पूर्व भाजयुमो जिलाध्यक्ष का पहला विरोध अंदरूनी बैकुंठपुर विधानसभा में शुरू हुआ जहां अंदर ही अंदर पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच यह बात सुनने को मिलने लगी की उनके आगे आगे प्रत्याशी के साथ चलने से दिखने से पार्टी को नुकसान होगा उनकी उपस्थिति पार्टी कार्यक्रमों में होने से पार्टी की छवि खराब होगी धूमिल होगी क्योंकि वह जमानत पर बाहर हैं पद से भी धोखाधड़ी के आरोपों की वजह से ही हटाए गए हैं और यदि वह ऐसे ही सक्रिय नजर आते रहे आम मतदाताओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा जिसका खामियाजा भी पार्टी को भुगतना पड़ सकता है वहीं अब उन्हे केंद्रीय राज्य मंत्री भरतपुर सोनहत विधानसभा से प्रत्यासी घोषित हुई रेणुका सिंह के साथ उनके पहले दौरे में विधानसभा क्षेत्र में देखा गया है जहां भी वह आगे आगे ही खुद को रख रहे हैं उनके साथ उनके आस पास भी घेरा बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसका भी विरोध भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ता अंदर ही अंदर करते सुने गए और उनका यह विचार भी सामने आया की भरतपुर सोनहत क्षेत्र में आदिवासी समुदाय का जनाधार सबसे ज्यादा है और भाजयुमो कोरिया पूर्व जिलाध्यक्ष अंचल राजवाड़े ने इसी क्षेत्र के आदिवासी समुदाय के व्यक्ति के साथ गड़बड़ी की है और यदि इस क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के साथ नजर आए भाजपा को नुकसान होने का खतरा है।कार्यकर्ता चाहते हैं की अंचल राजवाड़े चुनाव तक प्रत्याशियों से दूर रहें
ऐसे में कार्यकर्ता चाहते हैं की अंचल राजवाड़े चुनाव तक प्रत्याशियों से दूर रहें पार्टी के कार्यक्रमों से दूर रहें क्योंकि वैसे भी उनकी पहचान पूर्व मंत्री से है मात्र और पूर्व मंत्री खुद मैदान में हैं इसलिए उन्हे अंचल राजवाड़े की मदद की दरकार नहीं है वहीं भरतपुर सोनहत क्षेत्र में भाजपा के कर्मठ साथ ही जुझारू कार्यकर्ताओं की कमी नहीं है और क्षेत्र में कम से कम अन्य विधानसभा क्षेत्र से किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत पार्टी प्रत्याशी के प्रचार के लिए बिल्कुल नहीं है जिसका जनाधार भी क्षेत्र में न हो और क्षेत्र के ही व्यक्ति से जिसने धोखाधड़ी की हो जो विपक्ष के लिए मुद्दा बन जाए और पार्टी सहित पार्टी प्रत्याशी की छवि को धूमिल कर हार का कारण बन जाए। वैसे अंचल राजवाड़े को लेकर भाजपा में स्वीकार्यता की स्थिति बिल्कुल नहीं है,भईयालाल राजवाड़े का पूर्व कार्यकाल जिन्होंने अंचल राजवाड़े के संपर्क से देखा है उनके माध्यम से देखा है वह केवल इतना मानते हैं की अंचल राजवाड़े प्रत्याशी के लिए जनाधार जोड़ने वाले साबित नहीं हो सकते हां वह एक निज सचिव की भूमिका में शासकीय कार्यालयों में संपर्क के लिए सुरक्षित कर लिए जाएं किसी प्रत्याशी द्वारा यदि जीत होती है ऐसे में किसी कार्यकर्ता को दिक्कत नही क्योंकि जीत दर्ज होने के बाद मामला प्रत्याशी के हिसाब से तय हो सकता है प्रचार के दौरान दागदार छवि प्रत्याशी के साथ न घूमे यह कार्यकर्ता चाहते हैं। वैसे अंचल राजवाड़े ने पूर्व मंत्री के साथ रहकर ही कार्यालयों में उनका रिश्तेदार बनकर परिचय बनाया था, उन्हे संघर्ष करते पार्टी के लिए लड़ते भिड़ते विपक्ष से कभी नही देखा गया जिलाध्यक्ष भाजयुमो रहते हुए भी वह किसी विरोध प्रदर्शन में खासकर पार्टी के निर्देशों पर होने वाले कभी सक्रिय नजर नहीं आए उनके जगह अन्य पार्टी पदाधिकारियों ने ही प्रदर्शन किया पार्टी का आह्वान सफल बनाया यह सभी जानते हैं।
क्या कोरिया भाजपा की मजबूरी बन चुके हैं अंचल राजवाड़े?
कोरिया जिले में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही अंचल राजवाड़े सक्रिय नजर आने लगे हैं,उनके ऊपर गंभीर मामला दर्ज है वह जमानत पर फिलहाल बाहर हैं,आजकल उन्हे हर जगह भाजपा प्रत्याशियों के साथ सबसे आगे चलते देखा जा रहा है,बैकुंठपुर भाजपा प्रत्याशी उनके रिश्तेदार हैं इसलिए वह उनसे करीब हैं उनके साथ चल रहे हैं जिसका भी विरोध हो रहा है कार्यकर्ता एक मामले में दोषी व्यक्ति के साथ सहज महसूस नहीं कर पा रहे हैं चुनाव प्रचार में वहीं अब अंचल राजवाड़े भरतपुर सोनहत विधानसभा प्रत्याशी के साथ भी आगे आगे नजर आने लगे हैं उनके पहले दौरे में अंचल राजवाड़े ने एक घेरा बनाने का प्रयास उनके इर्द गिर्द किया जिसका कार्यकर्ताओं के मन के भीतर गलत संदेश गया,भरतपुर सोनहत क्षेत्र से कार्यकर्ताओं का जो रुझान अंचल राजवाड़े को लेकर सामने आया उसके अनुसार वह अन्य क्षेत्र से समर्थक नहीं चाहते अपने क्षेत्र में वहीं कम से कम धोखाधड़ी मामले से बदनाम व्यक्ति क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी का प्रचार करे वह बिल्कुल नहीं चाहते,कार्यकर्ता जैसा कहते सुने गए उसके अनुसार यदि एक जाति समाज के मत की ही बात है तो उस जाति समाज से भी अच्छे अच्छे और स्वक्ष छवि वाले जनाधार रखने वाले कार्यकर्ता नेता भाजपा के पास मौजूद हैं उन्हे किसी बाहरी क्षेत्र से कार्यकर्ता की जरूरत नहीं है। वहीं अंचल राजवाड़े की सक्रियता और पार्टी प्रत्याशियों के साथ खुद को आगे आगे साबित करने को लेकर यह भी सवाल उठता है की क्या कोरिया भाजपा के लिए अंचल राजवाड़े मजबूरी बन गए हैं क्या भाजपा के पास विकल्प नही है राजवाड़े समाज से युवाओं का,वहीं यदि ऐसा है तो भाजपा अंचल राजवाड़े को पार्टी में पुनः बहाल क्यों नहीं करती यह भी सवाल उठ रहा है।
अंचल हैं मजबूरी भाजपा के लिए तो भाजपा बहाल क्यों नहीं करती अंचल राजवाड़े को यह भी जानना चाहते हैं कार्यकर्ता
अंचल राजवाड़े को लेकर पार्टी में जिस तरह बगावत सुनने को मिल रहा है उसी बगावत में एक बात और सामने निकलकर आ रही है,कार्यकर्ताओं का मानना है की जब अंचल मजबूरी हैं उनके बिना दो दो विधानसभा पार्टी नहीं जीत सकती बाकी कार्यकर्ताओं से यदि वह ऊपर हैं तो उन्हे पार्टी बहाल क्यों नहीं करती क्यों उन्हे पार्टी पुनः जिलाध्यक्ष भाजयुमो नहीं बनाती,कार्यकर्ताओं का कहना है पार्टी को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए की क्या वह दोषी व्यक्ति को आगे रखकर चुनाव लड़ने जा रही है या मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं की पार्टी को जरूरत है।
भाजपा अंचल मामले में क्या पार्टी का अनुशासन नियम ताक पर रख देगी
वैसे अब सवाल यह भी उठ रहा है की क्या पार्टी अंचल मामले में पार्टी का अनुशासन किनारे रख देगी क्या अनुशासन का मायने पार्टी अंचल मामले में बदल देगी,सवाल बड़ा है और देखना है की भाजपा जिलाध्यक्ष क्या निर्णय लेते हैं क्या वह अंचल राजवाड़े को रोकते हैं आगे आगे होने से पार्टी प्रत्याशियों के साथ या उन्ही को कमान देकर चुनाव लड़ते हैं।
विपक्ष के लिए मुद्दा हो सकते हैं अंचल राजवाड़े
अंचल राजवाड़े धोखाधड़ी मामले में आरोपी है जमानत पर बाहर हैं,यदि वह पार्टी के घोषित प्रत्याशियों के साथ घूमते हैं उनके लिए प्रचार करते हैं तो वह विपक्ष के लिए मुद्दा हो सकते हैं भाजपा के विरुद्ध,और वह भी बड़ा मुद्दा, बदलबो और नहीं सहबो का नारा देने वाली पार्टी अपने प्रचार के पहले ही दौर में पिछड़ जायेगी यदि अंचल साथ होगें यह माना जा रहा है।


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