अंबिकापुर,09 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। राजीव गांधी शासकीय स्नातकोार महाविद्यालय में हरित क्रांति के जनक प्रोफेसर एम एस स्वामीनाथन श्रद्धांजली दी गई और इनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस दौरान भूगोल विभागाध्यक्ष डा. आरके जायसवाल ने कहा कि भूगोल मनुष्य की प्रमुख आर्थिक व्यवस्था एवं विकास के प्राथमिक सेक्टर कृषि का अध्ययन करने वाला विषय है।
एमएस स्वामीनाथन ने एक ऐसी दुनिया की कल्पना के लिए लगातार काम किया जिसमें कोई भूख या गरीबी आबादी न हो। प्रोफेसर स्वामीनाथन ने भारत के लिए कृषि क्षेत्र में जिस नवीन प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग किया जिसके कारण अनाज का न सिर्फ उत्पादन बढा अपितु भंडारण के साथ-साथ निर्यात की ओर भी भारत ने कदम बढ़ाया।
इस अवसर पर विभाग के प्राध्यापक डॉ अनिल सिन्हा ने कहा कि प्रोफेसर स्वामीनाथन ने न सिर्फ कृषि उत्पादनों में वृद्धि के लिए वैज्ञानिक तरीके बताएं अपितु कृषि-पर्यावरण अनुकूल तकनीक, खाद्य उपलधता, जैव विविधता संरक्षण के लिए भी महान काम किया।
विश्व में भारत को खाद्यान्न शक्ति के रूप में स्थापित करने में उनकी भूमिका अतुलनीय है।
विभाग की प्राध्यापक दीपिका स्वर्णकार ने कहा कि स्वामीनाथन ने हरित क्रांति की मूल नींव रखी थी जिसके परिणाम स्वरूप भारत में धान, गेंहू के साथ-साथ सभी फसलों की उत्पादन मात्रा में आशातीत बढ़ोतरी हुई।
यही कारण है कि भारत सरकार ने उनकी सेवाओं के आधार पर अनेकानेक सम्मान व पुरस्कार से नवाजा था।
भूगोल स्नातकोार परिषद के छात्र पंकज तिवारी ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला तथा उन्हें भारत रत्न दिए जाने पर देश का सम्मान बढ़ने की बात कही।
कु. स्वाति ने कृषि नवाचारों व उत्पादन को बढ़ावा देने के योगदान के साथ किसानों के हितों की वकालत करने वाला वैज्ञानिक बताया। इस अवसर पर भूगोल विभाग के ओमकार कुशवाहा तथा छात्रों में भी अपने विचार रखे।
व्याख्यान वाला का संचालन बृजेश कुमार पांडे ने किया तथा धन्यवाद किया भूगोल परिषद की अध्यक्ष कु. चंचल गुप्ता ने किया। इस अवसर पर भूगोल विभागों की समस्त स्नातकोार छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
Check Also
कोरबा@ युवती पर प्राणघातक हमला
Share चाकू मारकर बदमाश फरारकोरबा,24 नवम्बर 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर में पूजा करने …