अंबिकापुर@दिव्यांग होकर भी दिव्यांगों की सेवा करने वालीं रीता अग्रवाल दिल्ली में सम्मानित

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अंबिकापुर 08 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। दिव्यांग होकर भी दिव्यांगों की सेवा करने वालीं रीता अग्रवाल को दिल्ली में सम्मानित किया गया है।लोक सेवा ऑडिटोरियम में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान अंबिकापुर की निवासी रीता को छत्तीसगढ़ की शेरनी नाम से भी नवाजा गया।
गांधी जी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के अवसर पर दिल्ली में दिव्यांगजन सम्मान समारोह सेमिनार एवं कवि सम्मेलन का आयोजन लोक सेवा मंडल के ऑडिटोरियम में किया गया था। कार्यक्रम में वे दिव्यांगजन सम्मानित किए गए जो दिव्यांग होते हुए भी लगातार दिव्यांगों की सेवा समर्पित भाव से करते हैं।इस कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से लगभग 40 दिव्यांगों को सम्मानित किया गया जिसमें छत्तीसगढ़ अंबिकापुर से रीता अग्रवाल जो जन्म से दिव्यांग है को भी उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।वे दिव्यांगों के अधिकार के लिए हमेशा प्रयास करती हैं, उन्हें बेहतर शिक्षा प्रदान करना एवं समय-समय पर उनको किसी भी प्रकार की समस्या से निजात पाने में सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहती हैं। वे दिव्यांगजन जो परिवार से व समाज से किसी भी प्रकार का सहयोग प्राप्त नहीं करते हैं उनका वैवाहिक आयोजन भी सामाजिक सहयोग से उनकी संस्था के द्वारा किया जाता है।मानसिक दिव्यांगों को सड़क से रेस्क्यू करके उन्हें आवास पुनर्वास की सुविधा प्रदान करते हुए उचित देखभाल करने एवं मानसिक अवसाद से बाहर निकालने हेतु समर्पित भाव से कार्य करना उनके प्रमुख कामों में हैं।मानसिक दिव्यांगों को समय-समय पर मानसिक स्थिति को समझ कर उनसे बात करके उनकी काउंसलिंग करके उनको समझाना और भली भांति उनसे सकुशल व्यवहार कर उन्हें एक सामान्य जीवन देने का वे प्रयास करती हैं और उनके प्रयास से कई दिव्यांगों का जीवन बदल चुका है।कार्यक्रम के दौरान मंच से रीता अग्रवाल को छत्तीसगढ़ की शेरनी नाम से नवाजा गया। कार्यक्रम का आयोजन लोक सेवक मंडल व अनाम स्नेह परिवार द्वारा किया गया ।कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में धर्मेंद्र प्रधान कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रीउपस्थित थे।रीता ने बताया कि कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न प्रकार के दिव्यांगजन उपस्थित थे जो दिव्यांग होते हुए भी सामान्य से बेहतर जीवन व्यतीत करते हैं इस तरह के आयोजन से दिव्यांगों को एक दूसरे से प्रेरणा प्राप्त होती है जो जीवन में आगे बढ़ने में सहायक साबित होती है। कार्यक्रम के आयोजन करता नारायण यादव थे जो स्वयं भी दोनों हाथों से दिव्यांग हैं।


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