- कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने पदभार ग्रहण करते ही अपने परिवार के सदस्य को बनवाया जिला शिक्षा अधिकारी:सूत्र।
- ऐन चुनाव पूर्व गृह जिले में कराई पोस्टिंग,पोस्टिंग के बाद उठ रहे सवाल,क्या चुनाव प्रभावित करने का यह कोई तरीका तो नहीं?
- शिक्षा विभाग में हैं हजारों की संख्या में कर्मचारी,क्या उन्हे प्रभावित करने गृह जिले में ही जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया?
- कोरिया जिला शिक्षा अधिकारी पद पर कोरिया निवासी अधिकारी की पोस्टिंग ऐन चुनाव से पूर्व..पोस्टिंग सवालों के घेरे में।
- इकलौते विकासखंड शिक्षा अधिकारी जिन्हे स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी सूची में बनाया जिला शिक्षा अधिकारी।
- विकासखंड शिक्षा अधिकारी बने अभी हुआ नहीं था लंबा समय,सीधे बने जिला शिक्षा अधिकारी।
- कई वरिष्ठ जिले में ही बैठे हैं कतार में,वरिष्ठ छोड़कर जूनियर को मिली जिम्मेदारी।
- शेष अगले अंक में क्रमशः प्रकाशित
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 07 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ लगातार अपने आदेशों निर्देशों को लेकर सुर्खियों में बना चला आ रहा है और विभाग में नियम कायदे ताक पर रख दिए गए हैं यह लगातार देखा जा रहा है। शिक्षक पदोन्नति मामला हो,तबादला मामला हो या फिर सूरजपुर जिला शिक्षा अधिकारी का निलंबन मामला और फिर बहाली मामला हो ऐसे कई मामलों ने विभाग की छवि धूमिल कर दी है और अब एक नया मामला सामने आया जो एक नए आदेश के समाने आने के बाद नजर आ रहा है जिसके अनुसार कई जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी विभाग ने बदल दिए हैं और अब उन जिलों में नए अधिकारी कार्य करते देखे जायेंगे इसी आदेश में एक नाम को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है जो कोरिया जिले के शिक्षा अधिकारी बनाए गए अधिकारी का नाम है जिसके बाद यह माना जा रहा है की शिक्षा विभाग में नियम कायदों को ताक पर रख दिया गया है और चुनाव पूर्व अब अपने अपने स्तर पर चुनाव प्रभावित कर सकने वालों को नया नया प्रभार दिया जा रहा है जो जारी आदेश से समझा जा सकता है। स्कूल शिक्षा विभाग में 6 अक्टूबर को एक आदेश जारी किया है जिसके अनुसार बैकुंठपुर कोरिया जिला निवासी विकासखंड शिक्षा अधिकारी खड़गवां को कोरिया जिले का जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया है।
जिन्हे यह जिम्मेदारी मिली है उनके बारे में बताया जा रहा है की वह वर्तमान जिलाध्यक्ष कोरिया कांग्रेस कमेटी के परिवार से आते हैं बताया जा रहा है की वह जिलाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी कोरिया के भतीजे हैं। अब ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है की कहीं उन्हे जिला शिक्षा अधिकारी बनाने के पीछे चुनाव प्रभावित करना उद्देश्य तो नहीं। ऐन चुनाव के समय गृह जिले में विभाग का सबसे बड़ा पद उन्हे ऐसे ही मिल गया यह मानने कोई भी तैयार नहीं है। सभी का कहना है की गृह जिले में ऐन चुनाव के समय प्रभार दिया जाना वह भी विभाग प्रमुख का यह एक योजना के तहत माना जा सकता है। वैसे जानकारों का भी कहना है की जिन्हे जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया है कोरिया का उनका चूंकि गृह जिला है कोरिया और ऐसे में चुनाव के समय ऐसा प्रभार देना कहीं न कहीं योजना का ही हिस्सा है,जो चुनाव को प्रभावित करने से जोड़कर माना जा सकता है। वैसे जिन्हे कोरिया जिले का प्रभार शिक्षा विभाग का मिला है उनके परिवार के कई सदस्य शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं वहीं कई सदस्य कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर रहे हैं जबकि उनकी पोस्टिंग स्कूलों में है और वह कभी स्कूल गए ही नहीं,नए जिला शिक्षा अधिकारी बने वह भी गृह जिले में प्रभार पाने वाले अधिकारी के कोरिया जिला प्रभारी बनने से उनके परिवार के ही विभाग में पदस्थ सदस्यों को सहूलियत होगी उनका स्कूलों को तरफ जाना और कम होगा जो पहले से ही नही के बराबर है ऐसा माना जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी बनकर निष्पक्ष काम कर पाएंगे नए जिला शिक्षा अधिकारी यह भी संभव नही नजर आता क्योंकि उन्हे निष्पक्ष बनकर काम करने के लिए सबसे पहले उन्हे स्कूल भेजना होगा जो उनके परिवार के सदस्य हैं स्कूल की बजाए कहीं न कहीं संलग्न हैं। वैसे स्कूल शिक्षा विभाग का यह आदेश अपने आप में कोरिया जिला शिक्षा अधिकारी को लेकर अनोखा आदेश है जिसमे ऐन चुनाव के वक्त गृह जिले में एक अधिकारी को पोस्टिंग दी गई है और वह भी ऐसे अधिकारी को जिनके परिवार का राजनीतक दल से जुड़ाव है वह भी सत्ताधारी दल से,समाचार सूत्र जनित सूचनाओं के आधार पर है।
विकासखंड खड़गवां के हाल ही में बने थे विकास खंड शिक्षा अधिकारी,लंबी छलांग बने गृह जिले के जिला शिक्षा अधिकारी
कोरिया जिले में जिस विकास खंड शिक्षा अधिकारी को जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया है उन्हे हाल ही में कुछ समय पहले विकासखंड शिक्षा अधिकारी के पद पर पदोन्नति मिली थी,अभी उन्हे विकासखंड शिक्षा अधिकारी का कार्य करते ज्यादा समय हुआ भी नहीं हुआ था की उन्हे जिला शिक्षा अधिकारी गृह जिले का बना दिया गया,उनकी यह लंबी छलांग अनुभव और उनके कार्यकुशलता की वजह से संभव हुई है ऐसा नहीं माना जा रहा है। वैसे जिला शिक्षा अधिकारी बनने के लिए अनुभव का आंकलन किया जाता है जो इस मामले में नहीं किया गया।
इकलौते विकासखंड शिक्षा अधिकारी जिन्हे मिला जिला शिक्षा अधिकारी का पद, वह भी अपने गृह जिले का जिला शिक्षा अधिकारी बनने का जारी सूची में मौका
स्कूल शिक्षा विभाग ने जो सूची जारी की है जिसके अनुसार कई जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी बदले गए हैं उसमे कोरिया जिले का जिन्हे जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया है वह इकलौते ऐसे जिला शिक्षा अधिकारी होंगे जिन्हें विकासखंड शिक्षा अधिकारी से जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया है वह भी गृह जिले का। शेष अन्य नाम जो शामिल है उसमे कोई प्राचार्य है कोई संचालक कोई सहायक संचालक है,कोई अन्य सूची में विकासखंड शिक्षा अधिकारी नहीं है जो सूची अनुसार देखा जा सकता है और जिससे स्पष्ट होता है की कहीं न कहीं मामला जुगाड तंत्र का जरूर है।
गृह जिले में जिला प्रमुख विभाग बनना ऐन चुनावी साल में बड़ी बात
चुनाव के समय देखा जाता है की बड़े अधिकारियों सहित विभाग के जिला प्रमुखों को लेकर यह देखा जाता है की उनका कार्यस्थल उनका गृह जिला तो नहीं है,अधिकारियों के मामले में यह ज्यादा ध्यान देने वाला विषय होता है और यह माना जाता है की बड़े अधिकारी यदि चुनाव के वक्त अपने गृह जिले में रहते हैं तो वह चुनाव को प्रभावित कर पाते हैं,उसके बावजूद कोरिया जिले के जिला शिक्षा अधिकारी बनाए गए अधिकारी जिनका गृह जिला है कोरिया और उन्हे कोरिया का प्रभार मिलना बड़ी बात है। वह विभाग के जिला प्रमुख होंगे अब चुनाव तक और शायद आरोप भी उनपर लगेंगे ऐसी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि उनका परिवारिक इतिहास राजनीति से जुड़ा हुआ है और जिस दल से उनके परिवार का जुड़ाव है वह दल सत्ता में है। माना जा रहा है की उनका राह आसान नहीं रहने वाला क्योंकि उन्हे चुनाव के समय डाक मत पत्रों की भी जिम्मेदारी मिलेगी और वह उसे प्रभावित कर पाने में सफल होंगे और इसी वजह से उनका विरोध होगा जो तय माना जा रहा है।