- अवैध रूप से की जा रही थी सोनोग्राफी,बिना अनुमति बना था अस्पताल भवन, कलेक्टर के निर्देश पर हुई कार्यवाही।
- दैनिक घटती–घटना की लगतार खबर के बैकुंठपुर का शर्मा हॉस्पिटल हुआ सील।
- शर्मा हॉस्पिटल को सील करने में प्रशासन के लगे कुल 10 ताले,10 तालों से सील हुआ हॉस्पिटल।
- नर्सिंग होम एक्ट के तहत हुई कार्यवाही,20 हजार का लगा जुर्माना भी।
- फिलहाल तीन कमरों में हॉस्पिटल के नहीं लगा ताला,भर्ती मरीजों को अन्यत्र ले जाने तक तीन कमरों में रह सकेंगे मरीज।
- सोनोग्राफी कक्ष भी हुआ सील, मेन गेट में भी लगा ताला, 5 दिवस के भीतर मरीज अन्यत्र भेजने निर्देश।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 05 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में स्थित शर्मा हॉस्पिटल में प्रशासन ने आखिर ताला जड़ दिया। जैसी की आशंका लगातार जाहिर की जा रही थी आखिरकार वही हुआ और अब शर्मा हॉस्पिटल कब खुलेगा यह भविष्य में हॉस्पिटल के पक्ष में आने वाला निर्णय तय कर सकेगा। फिलहाल जैसा की सूत्रों का कहना है विशेष निवेदन पर एक ओपीडी कमरा को सील नहीं किया गया है क्योंकि भर्ती मरीजों को असुविधा हो सकती है वहीं 5 दिवस के भीतर भर्ती मरीजों को भी अन्यत्र भेजने का निर्देश है जो प्रशासन ने हॉस्पिटल संचालक को दिया है।
वहीं पूरे मामले में दैनिक घटती-घटना की खबर का भी असर इसे माना जा सकता है क्योंकि लगातार शर्मा हॉस्पिटल की अनियमितता को लेकर दैनिक घटती घटना प्रमुखता से समाचार का प्रकाशन करता चला आ रहा था वह भी पूरी निष्पक्षता के साथ तथ्यों के साथ। आज का दिन तीन दशकों से भी ज्यादा समय से शहर में जिला मुख्यालय में संचालित शर्मा हॉस्पिटल के लिए अच्छा नहीं रहा और कहीं न कहीं हॉस्पिटल की अनियमितता पहली बार सभी के सामने आ सकी जो शहर निवासी संजय अग्रवाल की वजह से संभव हो सका जैसा कहा जा रहा है। हॉस्पिटल बिना नियम कायदों का पालन किए बगैर संचालित था हॉस्पिटल में जारी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी कोई अनुमति पंजीयन हॉस्पिटल के पास नहीं थे जो लगातार जारी प्रशासन की जांच और स्वास्थ्य विभाग की जांच से समाने आ सका। किस तरह क्षेत्र सहित जिले के मरीजों से लोगों के जान से खिलवाड़ कर रहा था शर्मा हॉस्पिटल यह भी सामने आ सका। मिली जानकारी के अनुसार प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही करते हुए शर्मा अस्पताल व शर्मा नर्सिंग होम सील कर दिया, शिकायतकर्ता संजय अग्रवाल के द्वारा कई बिंदुओं पर शिकायत की गई थी, जिसमें सारे बिंदुओं प्रमाणित पाए जाने की भी खबर है जिस आधार पर प्रशासन कार्यवाही कर पाने में सफल रहा, एसडीएम समेत भारी पुलिस बल के साथ सारा प्रशासनिक अमला कार्यवाही करने पहुंचा था, मीडिया कर्मियों को अंदर जाने से रोक दिया गया था जबकि मीडिया कर्मी कवरेज करने जाते तो कार्यवाही और भी निष्पक्ष तरीके से की जा सकती थी, पर मीडिया कर्मियों को क्यों रोका गया यह भी बड़ा सवाल है, वैसे नर्सिंग होम एक्ट एवं पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत पूरी कार्यवाही की गई। साथ ही भारी जुर्माना भी ठोका गया हर कमरे और हर मशीन को किया सील, कोरिया जिले के इतिहास में पहली बार दिखाई दी इतनी बड़ी कार्यवाही।
शर्मा अस्पताल के खिलाफ कई बार हुई थी शिकायत पर पहली बार किसी ने कार्यवाही करने की दिखाई हिम्मत
शर्मा हॉस्पिटल जो जिला मुख्यालय में लगभग तीन दशकों से भी ज्यादा समय से संचालित था और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करता चला आ रहा था जो फिलहाल कार्यवाही जो हुई है उससे प्रमाणित भी होता है को लेकर पहली बार प्रशासन हरकत में देखा गया और हिम्मत जुटाता देखा गया जो कार्यवाही के रूप में सामने आ सका। हॉस्पिटल और उसकी अनियमितता मनमानी कई गैर जरूरी सुविधाओं को लेकर जो हॉस्पिटल में संचालित थे को लेकर कई बार शिकायत सामने आई थी लेकिन आज तक तीन दशकों तक किसी ने हिम्मत नहीं जुटाई थी इस बार देखा गया की किसी ने हिम्मत जुटाई और कार्यवाही को संभव बनाया।
आखिर कितने दिन बंद रहेगा शर्मा अस्पताल?
कार्यवाही जो जांच के बाद हुई उसके बाद शर्मा हॉस्पिटल सील कर दिया गया। शर्मा हॉस्पिटल किंतने दिनों के लिए सील किया गया यह भी बात सामने नहीं आ सकी है। अब शर्मा हॉस्पिटल में लगा ताला कब खुलेगा,कब हॉस्पिटल पूर्व की तरह संचालित होगा यह बड़ा सवाल है। हॉस्पिटल कब तक फिर खुलेगा यह सभी के मन में शहर में एक प्रश्न देखा गया।
35 साल में पहली बार हुई कार्यवाही
तीन दशकों से भी ज्यादा समय से शर्मा हॉस्पिटल जिला मुख्यालय में संचालित है, हाल की कार्यवाही में यह सामने आया की हॉस्पिटल के पास पंजीयन नहीं है, हॉस्पिटल के पास भवन जिसमे हॉस्पिटल संचालित है उसका नगर पालिका से निर्माण को लेकर अनापत्ति नहीं है, भवन जिस भूमि पर बना है वह डायवर्सन भी नहीं कराया गया है, इस तरह देखा जाए तो हॉस्पिटल आवश्यक जरूरी प्रारंभिक योग्यता भी हॉस्पिटल संचालन की नहीं रखता था और फिर भी संचालित था। पैंतीस वर्ष बाद यह बात सामने आई और कार्यवाही हुई यह बड़ी बात मानी जा रही है।
क्या भारतीय जनता पार्टी अभी भी इन्हें विधायक व सांसद प्रत्याशी बनाएगी?
शर्मा हॉस्पिटल संचालक फिलहाल भाजपा के चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक हैं।वहीं वह लोकसभा सहित विधानसभा से खुद को बैकुंठपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी भी बनवाने के जुगाड में लगे हुए थे। अब सवाल यह उठता है की शर्मा हॉस्पिटल संचालक के विरुद्ध हुई बड़ी कार्यवाही के बाद क्या भाजपा उन्हे उम्मीदवार बनाती है, जबकि जिन कारणों से हॉस्पिटल पर कार्यवाही हुई है वह क्षेत्र सहित आम जनता के जान से खिलवाड़ का मामला है।
क्या आईएस बेटी का एप्रोच भी नहीं आया काम?
हॉस्पिटल संचालक की बेटी भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं, माना जा रहा है अभी तक कई मामले में वह हॉस्पिटल के लिए ढाल बन जाया करती थीं जब कोई मामला हॉस्पिटल को लेकर उठता था और उस समय वह अपने प्रभाव पहचान से हॉस्पिटल पर होने वाली कार्यवाही रुकवा पाती थीं, इस बार कार्यवाही संभव हो गई और क्या उनकी पहुंच पकड़ काम नहीं आई यह भी सवाल उठ रहा है।
क्या भारतीय जनता पार्टी अब आरोप तय होने के बाद भी डॉक्टर राकेश शर्मा को बनाए रखेगी जिला संयोजक चिकित्सा प्रकोष्ठ?
डॉक्टर शर्मा साथ ही शर्मा हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगने के बाद हॉस्पिटल की जांच हुई और प्रशासन ने जांच के बाद पाया की हॉस्पिटल लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहा है। हॉस्पिटल संचालक भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक हैं और अब उनके ऊपर गंभीर आरोप हैं ऐसे में क्या भाजपा गंभीर मामले में आरोपित किए गए प्रथम दृष्टया प्रथम जांच अनुसार को पद पर पार्टी के बनाए रखती है या पूर्व के कई उदाहरणों की तरह उन्हे आरोप मुक्त होने तक पद मुक्त करती है। वैसे भाजपा अनुशासन के लिए जानी जाती है इसलिए यह प्रश्न इस समय जायज है।
क्या प्रशासन आपराधिक प्रकरण दर्ज कराएगा या नहीं?
मामले में जबकि हॉस्पिटल साथ ही संचालक पर स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर गड़बड़ी का आरोप लगा है लोगों के जान से खिलवाड़ का आरोप लगा है देखना है की क्या प्रशासन डॉक्टर के विरुद्ध अपराधिक मामला दर्ज करा पाता है। वैसे बताया जा रहा है की जांच में जितना कुछ पता चल सका है उसके अनुसार अपराधिक मामला बनता है।
डॉ राकेश शर्मा एवं उनके सहयोगियों के द्वारा एक पत्रकार के साथ की गई एक दिन पहले मारपीट
इसी मामले में कवरेज करने पहुंचे एक या दो पत्रकार के साथ एक दिन पहले डॉक्टर के सहयोगी हॉस्पिटल संचालक के सहयोगी ने हॉस्पिटल परिसर के पास ही मारपीट भी की है यह भी बात सामने आ रही है। मारपीट करने के बाद जब गलती का एहसास हुआ और मामला बढ़ता नजर आया एक वरिष्ठ पत्रकार ने मामले में समझौता कराया माफी मंगवाई यह भी बात सामने आ रही है।वैसे बताया जा रहा है जिन पत्रकारों के साथ मारपीट हुई वह बड़े दिलवाले थे और उन्होंने मारपीट को माफी मांगने मात्र के बाद भुला दिया माफी दे दी।