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बैकुण्ठपुर@आखिर नए डीपीएम कब संभालेंगे पदभार क्या पुराने डीपीएम से ही चलता रहेगा विभाग?

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  • आखिर डीपीएम की आय से अधिक संपत्ति बढ़ने का क्या है राज?
  • सलाहकार को किसकी अनुशंसा पर बनाया गया था डीपीएम?
  • डीपीएम पद से हटाने के बाद भी सारे दस्तावेज क्या कर रहे डॉक्टर प्रिंस जायसवाल के पास?
  • कांग्रेसी नेता ने किया डॉक्टर प्रिंस जायसवाल का शिकायत और की हटाने की उन्होंने की मांग।

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 05 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में सलाहकार के पद पर नियुक्त डॉक्टर प्रिंस जायसवाल को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है जिसके अनुसार उन्हे डिपीएम के पद पर कार्य करने का मौका दिया जा रहा है जबकि उन्हे डीपीएम पद से या उस पद की जिम्मेदारियों से पृथक कर दिया गया और नए डीपीएम को कार्यभार देने की बात हो चुकी थी फिर भी प्रभारी डीपीएम प्रिंस जायसवाल ही अभी तक प्रभार में बने हुए हैं जो कई सवालों को जन्म देने वाला मामला बनता नजर आ रहा है। मामले में सवाल यह है जब डॉक्टर प्रिंस जायसवाल सलाहकार पद पर नियुक्त थे या पदस्थ थे तब उन्हे डीपीएम पद पर किसने अनुशंसा कर बैठाया जबकि उन्हे या उनकी बजाए इस पद पर किसी अन्य को कार्य करना था वहीं डॉक्टर प्रिंस जायसवाल की संपत्ति हाल फिलहाल में काफी बढ़ी हुई सामने आई है जो भी चर्चा का विषय बनी हुई है जो की उनकी ही आय के अनुरूप ज्यादा ही है।
डॉक्टर प्रिंस जायसवाल को फिलहाल डीपीएम पद से हटाया जा चुका है जैसी की जानकारी सामने आ रही है लेकिन फिर भी बताया जा रहा है की डीपीएम से संबंधित समस्त दस्तावेज उन्हीं के पास उपलब्ध हैं और बताया जा रहा है की वही फिलहाल जिम्मेदारी निभा भी रहे हैं। डॉक्टर प्रिंस जायसवाल को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (अल्पसंख्यक विभाग) के प्रदेश सचिव मनप्रीत सिंह साहनी ने छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य सेवाएं के संचालक को पत्र लिखकर डीपीएम के पद से हटाए गए प्रिंस जायसवाल के खिलाफ शिकायत की है। शिकायत के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को 7 दिवस के अंदर जांच कर जांच प्रतिवेदन भेजने के निर्देश जारी किए है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (अल्पसंख्यक विभाग) के प्रदेश सचिव मनप्रीत सिंह साहनी ने अपनी शिकायत में बताया है कि  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कोरिया जिले में जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम)  के पद पर आपसी साठगांठ कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा बिना आदेश के काम कराया जा रहा एवं पद का दुरूपयोग किया जा रहा, उन्होंने आगे लिखा है कि राज्य आदेश के तहत् मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी- भरतपुर में आदेश के तहत् प्रभारी डी०पी०एम० ने पद ग्रहण किया गया। लेकिन बैकुन्ठपुर में प्रभारी डी.पी.एम. को पद ग्रहण नही कराया जा रहा है। इसके पीछे डॉ० प्रिंस जायसवाल (आर एम एन सी एच+अ)जिला सलाहकार के द्वारा अपने रसूख पैसे के बल पर राज्य सरकार एवं जिला अधिकारियों की मिली भगत है। जिसके कारण प्रभारी डी.पी.एम. को पद ग्रहण नहीं कराया जा रहा है और संविदा कर्मचारी हो कर राकेश वर्मा के ऊपर आज दिनांक तक पद ग्रहण न करने के बाद भी कोई कार्यवाही नही हो पा रही है। गौरतलब है कि आदेश जारी होने के बाद भी कलेक्टर कोरिया और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की मिलीभगत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) की राशि को एवं भष्ट्राचार को छुपाया जा रहा है जो कि एक जांच का विषय है। उन्होंने कोरिया जिले में जांच टीम बैठा कर निष्पक्ष जांच कराई, उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि मामले की जांच किये जाने की कार्यवाही कर डी.पी.एम. के पद से भष्ट्राचारी जिला सलाहकार डॉ. प्रिंस जायसवाल को तत्काल हटाया जाए।
मिशन संचालक ने दिए निर्देश
कांग्रेस के प्रदेश सचिव मनप्रीत शाहनी की शिकायत के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखा है पत्र के उन्होंने लिखा हैं कि  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कोरिया में जिला कार्यक्रम प्रबंधक के आदेश को दरकिनार करते हुए पद का दुरूपयोग करते हुये पद नहीं छोड़ने की शिकायत छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग रायपुर से पत्र प्राप्त हुआ है।अतः उक्त प्रकरण की जाँच कर जाँच प्रतिवेदन कार्यालय को 07 दिवस के भीतर प्रेषित करना सुनिश्चित करें।
सीएमएचओ है संविदा कर्मी के अधीन
शिकायत के बाद पहली बार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक ने जांच कर जांच प्रतिवेदन के निर्देश तो दिए है पर कोरिया में सीएमएचओ एक कदम भी प्रिंस जायसवाल के बगैर नही चलते है, कलेक्टर कार्यालय हो या रायपुर कहीं भी आगे आगे प्रिंस उसके पीछे पीछे सीएमएचओ को चलते देखा जा सकता है, किसी भी प्रकार का शासकीय पत्राचार सीएमएचओ बिना प्रिंस की इजाजत के कुछ नही करते है। यहां तक कि वो अपना चेम्बर छोड़ उसी के चेम्बर में बैठकर काम करते देखे जा सकते है। इसलिए निष्पक्ष जांच कर जांच प्रतिवेदन भेजे जाने को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है।
सारे दस्तावेज प्रभारी डीपीएम के पास
सीएमएचओ कार्यालय के सूत्र बताते है कि जनवरी 2023 से अब तक जितनी भी डीएमएफ और एनएचएम में खरीदी हुई है उसकी सारी फ़ाइल प्रिंस के ही पास है एनएचएम का वो ही डीपीएम,  लेखपाल और बाबू का काम एक ही व्यक्ति कर रहा है यहां की एक भी फ़ाइल किसी को देखने तक नही दिया जा रहा है, जिससे तय है कि भ्रस्टाचार की जड़े काफी गहरी है ,जबकि प्रिंस जायसवाल को सरकार अन्यत्र हटाया नही जा सकता तब तक निष्पक्ष जांच सभव नही है।
नही दी जा रही आरटीआई में जानकारी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी प्रदान नही की जा रही है। कई दर्जनों आवेदन राज्य सूचना आयोग के पहुंच चुके है और सुनवाई जारी है। इसके अलावा सिर्फ ये ही एक शिकायत नही है ऐसी कई शिकायतें जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंची हुई है जिस पर किसी भी तरह की कार्यवाही नही की का रही है।


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