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खड़गवां,@ग्राम पंचायतों में ठेकेदार करा रहे निर्माण कार्य

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गुणवत्ता को किया जा रहा दरकिनार और जेब भरने का चल रहा है खेल
-राजेन्द्र शर्मा-
खड़गवां,04 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले एवं एमसीबी जिले के खड़गवां विकासखण्ड अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतो में चल रहे निर्माण कार्यों में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अनुविभागीय अधिकारी की संलिप्तता से नकारा नहीं जा सकता है जिसका प्रमाण खड़गवां मुख्य मार्ग पर राजेन्द्र यादव के घर के सामने लाखों रुपए के रिटर्निंग वाल और सूचना पटल प्रमाणित कर रहे हैं।
क्योंकि ग्राम पंचायतों में ठेकेदारी हावी है ग्राम पंचायत में ठेकेदारी करने वाले ठेकेदार ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारी ही इस्टीमेट तैयार कराते हैं ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अनुविभागीय अधिकारी से टी एस भी कराते हैं ये सब प्रक्रिया पूर्ण कराकर ही निर्माण कार्य कि स्वीकृति भी ठेकेदार के द्वारा कराई जाती है और निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत तो सिर्फ और सिर्फ सील और सिक्का लगाने तक ही सिमित रहती है ।अब सवाल उठता है कि ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के द्वारा निमार्ण कार्य का निरीक्षण नहीं किया जाता है? ये अधिकारी निरीक्षण क्यों करें इनके द्वारा ही तो निर्माण कार्यों का इस्टीमेट अधिक से अधिक राशि का इस्टीमेट तैयार किया जाता है और ठेकेदार के द्वारा गुणवत्ता विहीन सामाग्री एवं बिना मापदंड के धड़ल्ले से अधिकारियों के सह पर निर्माण कार्य किया जाता है। अगर निर्माण कार्य में किसी ने शिकायत की या निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है तो ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारी उस ठेकेदार को तत्काल उसके मुंह बंद करने के लिए दबाव बनाते हैं ठेकेदार से अधिकारी द्वारा ये भी कहा जाता है की कुछ पैसे ले देकर मिपटाओ सूत्रों से ये भी जानकारी मिल रही है इस तरह ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में पदस्थ अधिकारी निर्माण कार्यों में कर रहे हैं हिस्से दारी।
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारी इसलिए नहीं करते निर्माण कार्यों का निरीक्षण
क्योंकि इन्हीं अधिकारियों को निर्माण कार्य का मेजरमेंट करना है इन्हीं को सत्यापन भी करना है इसलिए ठेकेदार के द्वारा किया गया निर्माण कार्य का मेजरमेंट 100 प्रतिशत पूरा किया जाता है और यही निर्माण कार्य अगर निर्माण एजेंसी स्वयं निर्माण कार्य कराए तो उसके अच्छे गुणवत्ता युक्त निर्माण कार्य की राशि के मेजरमेंट की राशि में कटौती कर दी जाती है। और निर्माण कार्य में कई कमियां भी निकाली जाती है इस तरह निर्माण एजेंसी को परेशान किया जाता है जिससे निर्माण एजेंसी निर्माण कार्यों को ना करें और ठेकेदारी प्रथा हावी रहे? इस तरह से पिछले बारह सालों से एक ही स्थान पर पदस्थ रहते हुए इस तरह से ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारी ग्राम पंचायतों के में अपनी पैठ बना चुके हैं इस लिए निर्माण कार्यों में अपनी हिस्से दारी कर गुणवाा विहीन निर्माण कार्यों को अंजाम देकर मोटी रकम का बंदरबांट किया जाता रहा है इस तरह के खेल से किसी को शक भी नहीं होता है कि किसी तरह निर्माण कार्य की राशि में बंदरबांट का खेल चल रहा है इस कार्यालय में जब से इन अनुविभागीय अधिकारी की पदस्थापना हुई है तब से लेकर आज तक जितने भी सी सी सडक पुल पुलिया नाली निर्माण चकर टाइल्स सड़क निर्माण कार्य भवन निर्माण कार्य बिना उपयोग के रिटर्निंग वाल आदि कोई भी निर्माण कार्य गुणवत्ता युक्त नहीं बना है सी सी सडक तो दो माह से तीन माह में ही धाराशाही हो गई है इस से ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में पदस्थ अधिकारी के कार्य पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं? इसमें एक कहावत सही साबित हो रही है कि सांप भी मर जाएं और लाठी भी ना टूटे ? इस संबंध में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग उप संभाग के अनुविभागीय अधिकारी से संपर्क कर जानकारी चाही तो उन्होंने ने मोबाइल रिसीव नहीं किया।


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