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बैकुण्ठपुर@कांग्रेस से जोगी कांग्रेस,जोगी कांग्रेस से फिर कांग्रेस तक का सफर पूरा कर चुके एक नेता का क्या जोगी कांग्रेस से अभी भी मोह नहीं हुआ भंग?

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  • कांग्रेस प्रवेश कर चुके जोगी कांग्रेस नेता बिहारी लाल राजवाड़े की फेसबुक प्रोफाइल फोटो आज भी जोगी जिंदाबाद नारों से साथ है सुशोभित।
  • क्या कांग्रेस प्रवेश करने के बावजूद भी बिहारीलाल राजवाड़े कांग्रेस विचारधारा को नहीं कर पा रहे स्वीकार,फेसबुक प्रोफाइल फोटो देखकर यही लगाया जा सकता है अंदाजा।

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 03 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। कभी कांग्रेस पार्टी से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले कोरिया जिले के ग्रामीण अंचल के नेता लगातार जनपद सदस्य निर्वाचित होते आ रहे नेता बिहारी लाल राजवाड़े ने पिछले विधानसभा चुनाव के पूर्व ही कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया था और उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री के साथ जाकर उनकी पार्टी में शामिल होकर बैकुंठपुर विधानसभा से खुद को उम्मीदवार घोषित कराया था और बाद में चुनाव में वह प्रत्याशी बतौर जोगी जनता पार्टी से चुनाव लडे थे और जिसमे उन्हे हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव में मिली हार वहीं जोगी जनता पार्टी को न मिल सकी अपेक्षित सफलता जो प्रदेश की राजनीति सत्ता हासिल करने के उद्देश्य वाली सफलता से जुड़ा मामला था के बाद बिहारी लाल राजवाड़े ने पुनः कांग्रेस प्रवेश के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना शुरू किया था जिसमे सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस पार्टी ने उनके लिए दरवाजा लगभग ढाई से तीन वर्षों के अंतराल के बाद खोल दिया था और वह पुनः पार्टी में वापसी कर सके थे और आज वह जिला पदाधिकारी हैं। बिहारी लाल राजवाड़े ने इस तरह एक बार कांग्रेस छोड़कर कांग्रेस प्रत्याशी के विरुद्ध जाकर चुनाव लड़ा था और जब उन्हे हार का सामना करना पड़ा तब वह ज्यादा समय तक उस दल में नहीं रह सके जहां से उन्हें विधानसभा उम्मीदवार होने का मौका मिला था वहीं जहां से उन्हें बढ़ा हुआ कद मिला था।
आज वह कांग्रेस पार्टी में जिला पदाधिकारी हैं साथ ही वह विधायक के सबसे करीबी हैं जिन्हे अब विधायक सबसे अधिक तवज्जो भी दे रहीं हैं वहीं उनकी सक्रियता हाल फिलहाल में कांग्रेस पार्टी के लिए बढ़ी हुई देखी जा रही है और हर मंच पर कांग्रेस के वह नजर आ रहे हैं।एक तरह से देखा जाए तो उन्होंने जोगी जनता कांग्रेस को अलविदा कह दिया है यह कहना गलत नहीं होगा यदि उनकी सक्रियता की बात की जाए तो वहीं एक जानकारी उनको लेकर यह सामने आई जो यह साबित करती है की उनकी सक्रियता कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्पण जो दिखाई दे रही है वह क्या वह बनावटी है क्या वह पुनः जोगी जनता पार्टी में वापसी कर सकते हैं।जानकारी उनके फेसबुक की है जिसमे उनकी प्रोफाइल फोटो को देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है जिसमे यह माना जा रहा है की यदि उन्होंने कांग्रेस प्रवेश कर लिया है तो उनकी प्रोफाइल फोटो में आज भी जोगी जिंदाबाद के नारे और वही पार्टी का परिधान वह क्यों पहने नजर आ रहें हैं जबकि कांग्रेस पार्टी और जोगी जनता पार्टी आपस में धुर राजनीतिक विरोधी दल हैं। क्या बिहारी लाल राजवाड़े की आस्था आज भी जोगी जनता पार्टी के जुड़ी हुई है यह सवाल उनका ही फेसबुक प्रोफाइल फोटो साबित करता है।
क्या बिहारी लाल राजवाड़े सोशल मिडिया से दूर रहते हैं इस वजह से नहीं गया ध्यान?
वैसे बिहारी लाल राजवाड़े सोशल मिडिया से दूर रहते हैं वह इससे अनभिज्ञ हैं यह भी मानना मुश्किल है क्योंकि वह लगातार सोशल मीडिया में सक्रिय रहते हैं वहीं वह फेसबुक पर भी सक्रिय रहते हैं इससे यह मानना नामुमकिन है की उन्हे अपनी प्रोफाइल फोटो को लेकर जानकारी नहीं है,वहीं उनका युवाओं के साथ भी उठना बैठना है जो सोशल मिडिया के विषय में ज्यादा जानकार होते हैं इसलिए यह भी कहना गैर मुनासिब होगा की इसकी उन्हे जानकारी भी किसी ने नहीं दी होगी क्योंकि युवा इस मामले में काफी सजग और होशियार रहते हैं और छोटी बड़ी कमियों पर निगरानी रखते हुए सचेत रहते हुए दूसरों को भी सचेत करते रहते हैं। अब उसके बावजूद नेता जी का इस मामले में मौन साधे रहना वहीं प्रोफाइल फोटो नही बदलना यह जरूर साबित करता नजर आता है की अभी जनता जोगी पार्टी से रिश्ता टूटा है पूरी तरह मोह भंग होना बाकी है।
दल बदलते ही नेताओं द्वारा बदल ली जाती है अपनी सोशल मिडिया प्रोफाइल फोटो सहित अन्य जानकारियां,बिहारी लाल राजवाड़े के मामले में ऐसा नहीं देखने को मिला
राजनीति में कोई स्थाई मित्र नहीं होता कोई स्थाई दोस्त नहीं होता स्थाई दल के प्रति आस्था बनी रहे यह भी जरूरी नही होता वहीं किसी अन्य दल में अपनी मंशानुसार जाने की मनाही न तो जिस दल से जाना है उसके द्वारा होती है और न ही जिस दल में जाना है उसके द्वारा,बस जिस दल में जाना है उसके प्रति आस्था समर्पण साबित करना होता है दल के नियमो के प्रति झुकाव साबित करना पड़ता है फिर सब संभव हो जाता है।वहीं जब नेता एक दल से दूसरे दल में जाते हैं तो सोशल मीडिया में इसकी जानकारी भी साझा करते हैं वहीं उनके द्वारा अपनी प्रोफाइल फोटो वर्तमान पार्टी में जिम्मेदारी जैसे मामलों को पुनः बदलना पड़ता है जो वह करते भी हैं जिससे उनकी पहचान जिस दल में वह एक दल को छोड़कर जा रहे हैं उस दल से हो सके। बिहारी लाल राजवाड़े के मामले में उनका फेसबुक अकाउंट यह बताता है जिसमे प्रोफाइल फोटो जोगी जिंदाबाद के नारों से भरी नजर आ रही है उसमे दिख रहे लोग स्वयं बिहारी लाल राजवाड़े  जनता जोगी पार्टी के घोषित परिधान में नजर आ रहे हैं और उसे देखकर यही कहा जा सकता है की वह जोगी जनता पार्टी के किसी नेता का ही सोशल मीडिया प्रोफाइल फोटो हो सकता है। बिहारी लाल राजवाड़े ने दल बदलने के बाद अपनी प्रोफाइल फोटो नहीं बदली यह भी देखा जा रहा है। अब सवाल यह उठता है की क्या वह अपनी पहचान जोगी जनता पार्टी से भी जोड़कर रखना चाहते हैं।
कई दावेदारों के बावजूद जोगी जनता पार्टी ने दिया था बिहारी लाल राजवाड़े को मौका,बनाया था विधानसभा उम्मीदवार
पिछले विधानसभा चुनाव में जोगी जनता पार्टी प्रदेश में अलग से चुनाव लड़ी थी,उस समय बैकुंठपुर विधानसभा से पार्टी ने बिहारी लाल राजवाड़े को उम्मीदवार बनाया था मौका दिया था जबकि उस समय कई और बड़े नेता टिकट की दौड़ में थे टिकट मांग रहे थे। बिहारी लाल राजवाड़े चुनाव भले हार गए थे लेकिन भाजपा के विधायक की हार वहीं बने थे यह आज भी लोग मानते हैं वहीं उन्हे उस समय जोगी जनता पार्टी ने टिकट दिया था उम्मीदवार बनाया था और वह एक तरह से बड़ा अवसर प्रदान करने जैसा था बिहारी लाल राजवाड़े को भले ही वह उसे जीत में तब्दील नहीं कर सके और यही वजह हो सकती है उनकी प्रोफाइल फोटो नहीं बदले जाने के पीछे की वजह यह माना जा सकता है। वह चाहकर भी जोगी जनता पार्टी को एकदम से किनारे नहीं कर सकते क्योंकि उसी पार्टी ने उन्हें विधानसभा प्रत्याशी के योग्य माना था और इस वजह से वह प्रोफाइल फोटो नहीं बदल पा रहे हैं यह माना जा रहा है जो उनकी मजबूरी भी दर्शाती है।


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