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अम्बिकापुर@क्या निजी बैंक खाताधारकों को ठगने का काम कर रहे हैं?

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  • क्या इसाफ बैंक खो रहा लोगों का विश्वास?
  • ग्राहकों से की जा रही है क्या धोखाधड़ी
  • परिचय पत्र दिखाकर ग्राहकों को दे रहे धोखा और खाता खुलवाने के नाम पर वसूल रहे पैसा

अम्बिकापुर,01 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। अपने पैसे की सुरक्षा को लेकर बैंक पर ही लोगों को सबसे ज्यादा भरोसा होता है और यदि बैंक ही धोखा देने लगे तो फिर उम्मीद किस पर करें…इस समय निजी बैंकों की बाढ़ से आ गई है और बैंक को सही तरीके से स्थापित करने के लिए खाता धारकों की जरूरत सबसे ज्यादा पड़ती है पर खाता धारक बनाने के चक्कर में कुछ निजी बैंक के धोखा भी परोस रही है, खासकर हम बात सरगुजा संभाग की करें तो यह संभाग पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में आता है और इस क्षेत्र में भोले भाले लोगों को फसना भी निजी बैंकों वालों के लिए काफी आसान हो चला है यही वजह है कि लगातार निजी बैंक अपने बैंकों में खाता धारकों की संख्या बढ़ाने के चक्कर में लोगों को ठगना शुरू कर दिए हैं, कुछ ऐसा ही मामला अंबिकापुर के इसाफ बैंक का सामने आया है जहां पर शिकायतकर्ता ने गंभीर आरोप लगाते हुए थाना सहित बैंक मैनेजर को शिकायत दर्ज कराई है पर अभी तक कार्यवाही नहीं हुई है और कब करवाई होती है यह आने वाला समय तय करेगा…पर वही इस बैंक की बात की जाए तो यह बैंक जिस तरीके से उनके कर्मचारी कृत कर रहे हैं उसे यह लगने लगा है कि बैंक लोगों का विश्वास खो रहा है। पहले लोग ऑनलाइन ठगी से परेशान थे और अब बैंक खाता खुलवाने के नाम पर ठगा जाने लगा।
ज्ञात होगी सरगुजा में प्रायः देखा गया है की प्राइवेट बैंकिंग कंपनिया ग्राहको को लुट कर करोड़ों रुपये लेकर रफू चक्कर हो गये हैं जिसकी कई शिकायतें हैं थानों में दर्ज भी होगी। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमे अंबिकापुर का इसाफ बैंक नेहरू नगर अम्बेडकर चौक में खोला गया है। बताया जाता है कि यह डबल प्लस मल्टीनेशनल कम्पनी हैं जिसका मुख्यालय केरला राज्य में हैं। इनके कार्यकर्ता कर्मचारी बीरबल कुमार पटेल के द्वारा अपने आप को इसाफ बैंक का कर्मचारी बता कर खाता खोलने के नाम पर लोगों को ठगने का खेल खेला रहा है जैसा की एक मामला सामने आया है जिसमें शिकायतकर्ता के अनुसार एक व्यक्ति से खाता खोलने के नाम पर ऑनलाइन इसाफ बैंक के कर्मचारी द्वारा 50 हजार ले लिया। जब कुछ दिनों बाद आवेदक द्वारा रसीद व खाता नम्बर माँगा गया तो कहा गया की चैक बुक व एटीएम सब पोस्ट से आयेगा, एक माह बीत जाने के बाद आवेदक बैंक मैनेजर से जब जाकर सम्पर्क किया तो धोखाधड़ी का मामला सामने आया, इसाफ बैंक कर्मचारी बीरबल कुमार पाटले को आस्था गुप्ता ब्रांच मैनेजर द्वारा लीगल कर्मचारी मानने से भी इंकार कर दिया गया था, जब ऑनलाइन कर्मचारी के बैंक खाते में ट्रांसफर 50000/- रुपये देख ब्रांच मैनेजर के होश उड़ गये, इसके बाद तो ब्रांच मैनेज आस्था गुप्ता ने कहा आप एक आवेदन शिकायत बीरबल कुमार पाटले के खिलाफ दीजिए। दिनांक 22/09/2023 को आवेदन ब्रांच मैनेजर आस्था गुप्ता को समस्त ऑनलाइन दस्तावेज के साथ दिया गया। तत्यपश्चात आवेदक की शिकायत ऊपर बडे अधिकारी निशांत अकुंश हेड कलस्टर को भेज दिया गया, 2 दिन आवेदक को आश्वासन मिलता रहा, इस बीच इसाफ बैंक के कर्मचारी बीरबल कुमार पाटेल द्वारा फोन कर साथ ही आवेदक को धमकी भरा मैसेज भेजा जाता रहा जान से मार दूंगा धमकी दिया गया, जिसकी कॉपी आवेदक 27 अक्टूबर 2023 को थाना कोतवाली में भी इसकी जानकारी दी जो जांच का विषय है इस पूरे प्रकरण को देखकर यह भी समझा जा सकता है कि सरगुजा जैसे पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में इस प्रकार के बैंक द्वारा धोखाधड़ी करना बाहरी लोगों का बैंक के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करना और भाग जाना यह आम होता चला जा रहा है इस तरह ईसाफ बैंक भी उसी में एक कड़ी है पुलिस प्रशासन को इस तरह के बैंकों की जांच कर हकीकत को जानकर कार्यवाही किया जाना जरूरी है।
शहर सहित आस पास के शहरों में प्राइवेट बैंकों की बाढ़ सी आई हुई है,लोग हो रहे ठगी के शिकार संभाग में शहर में साथ ही कई अन्य शहरों में प्राइवेट बैंकों की बाढ़ सी आई हुई है और जो क्षेत्र में खुली उनकी शाखाओं को देखकर समझा भी जा सकता है की किस तरह बैंकिंग संस्थाओं की भरमार है।
कुछ बैंक तो ठीक ढंग से काम कर रहे हैं लेकिन अधिकांश निजी बैंक अपने कर्मचारियों को लेकर अलग ही नियमो अनुसार चलते हैं जिसकी वजह से ही बैंकिंग क्षेत्र में लोग ठगे जा रहे हैं।
जैसा की देखा जा रहा है और जो हो भी रहा है अधिकांश प्राइवेट बैंक अपने कर्मचारियों को वेतन के आधार पर नियुक्ति नहीं देते,वह कमीशन पर नौकरी पर युवाओं को रखते हैं और कमीशन के कारण ज्यादा कमीशन मिल जाए इस कारण कर्मचारी गलत सही सभी हिसाब से अपना काम करते हैं,इस बीच आम उपभोक्ता आम इंसान उनकी ठगी का शिकार बनता है और वह उनके कमीशन का माध्यम बनता है। कई बार कर्मचारी खाता धारकों को चुना भी लगा जाते हैं और जिससे लोग परेशान होते हैं। वहीं जब मामला उलझ जाता है तब बैंक अपने कर्मचारियों से पल्ला झाड़ लेता है और आम आदमी परेशान होता है। यही मामला ईसाफ बैंक के मामले में हुआ है ,जब उसके कर्मचारी ने गड़बड़ी की और मामला बैंक के संज्ञान में लाया गया बैंक ने कर्मचारी को ही अपना मानने से इंकार कर दिया जबकि उक्त कर्मचारी के पास बैंक का आईडी और परिचय पत्र उपलध है जो शिकायत के साथ संलग्न किया गया है।
प्राइवेट बैंक समूह ऋण,व्यक्तिगत ऋण मामलो में भी कर रहे गड़बड़ी,भोले भाले ग्रामीणों को ऋण के झांसे में लेकर राशि का भुगतान किसी और को करने की आ रही शिकायत प्राइवेट बैंकों की एक और शिकायत लगातार सामने आ रही है जो समूह ऋण सहित व्यक्तिगत ऋण मामले को लेकर है।
समूह ऋण व्यक्तिगत ऋण भोले भाले ग्रामीणों का प्राइवेट बैंक कर्मचारी स्वीकृत कर रहे हैं वहीं उस प्रदाय किए गए ऋण का भुगतान अन्य को किया जा रहा है,वहीं वसूली के लिए ग्रामीणों को परेशान किया जाता है जबकि उनके हांथ में ऋण राशि पहुंची भी नहीं होती है।इस तरह का खेल लगातार क्षेत्र में जारी है जैसी की सूचना मिल रही है।
भोले भाले ग्रामीणों के नाम पर समूह ऋण लेने का चलन सा प्राइवेट बैंक कर्मचारी बनाते चले जा रहे हैं अपने कमीशन के चक्कर में ,वह पहले ऋण स्वीकृत करते हैं फिर उस राशि को ऋणी से अन्य को यह कहकर दिलाते हैं की किस्त वही जमा करेगा जो ऋण राशि का उपयोग करेगा वहीं ऋण राशि का उपयोग करने वाल एक दो किस्त का भुगतान करता है फिर वह भी हांथ खींच लेता है और भोले भाले ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों के बनाए जाल में फंस जाते हैं और उन्हे फिर किस्त के लिए परेशान किया जाता है यह लगातार देखने सुनने को मिल रहा है।
यदि प्राइवेट बैंकों के कर्मचारियों की मनमानी पर नहीं लगा अंकुश,चिट फंड कंपनियों की तरह लोगों को लूटने का काम वह जारी रखेंगे। यदि समय रहते प्राइवेट बैंकों के कमीशन आधारित कर्मचारियों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो चिट फंड कंपनियों की ही तरह वह लोगों को लूटने का काम जारी रखेंगे।
अभी सरकार चिट फंड घोटाले की राशि वसूली कर वापस करने में लगी हुई है वहीं प्राइवेट बैंकों के कर्मचारियों की मनमानी नहीं रूकी तो वह बड़े स्तर पर घोटाला करेंगे जो अभी से नजर आने लगा है।सरकार वहीं संबंधित विभाग एवम जिम्मेदार अधिकारियों को इस पर ध्यान देना चाहिए।


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