नई दिल्ली@पुरानी पेंशन योजना बहाली के लिए प्रदर्शन

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पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में कर्मचारियों द्वारा जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया


नई दिल्ली,01 अक्टूबर 2023 (ए)।
पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर रविवार को नई दिल्ली में रामलीला मादान में जोरदार प्रदर्शन किया गया है। यह विरोध प्रदर्शन नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम की ओर से आयोजित किया गया।
खास बात ये है कि विभिन्न राज्यों, केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के इसे विरोध प्रदर्शन में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी मंच पर पहुंचे थे। देश भर से जुटे ये कर्मचारी अपनी मांग की समर्थन में तरह-तरह के नारे लगाते देखे गए।


अपने हक की मांग कर रहे हैं-प्रदर्शनकारी


प्रदर्शनकारियों की दलील है कि पुरानी पेंशन योजना उनका अधिकार है और वह कोई भीख नहीं मांग रहे, बल्कि अपने हक की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों में शामिल महाराष्ट्र के पुणे से आए जितेंद्र नाम के एक प्रदर्शनकारी ने कहा, देश में पुरानी पेंशन योजना 2004 से बंद है और महाराष्ट्र में 2005 से बंद है। हम एनपीएस (नई पेंशन स्कीम) नहीं चाहते, हम शेयर मार्केट स्कीम नहीं चाहते। संविधान भी कहता है कि पुरानी पेंशन हमारा अधिकार है.।
ये प्रदर्शनकारी एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो और पुरानी पेंशन फिर से बहाल करो जैसे नारे लगा रहे थे। देशभर से जुटे इन प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांग के समर्थन वाली तख्तियां ले रखी थी और उसी तरह की टोपियां भी पहन रखी थीं।


कई राज्यों ने किया ही ओपीएस बहाली का फैसला


प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि जब देश कई राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, पंजाब में पुरानी पेंशन की बहाली हो सकती है, तो इस देश में लागू करने में क्या दिक्कत है।


कांग्रेस को ओपीएस के वादे से मिला है चुनावी फायदा


प्रदर्शनकारियों की ओर से सरकार को यह भी चेतावनी दी गई है कि चुनावों के दौरान भी वोट फॉर ओपीएस जैसी मुहिम चलाई जाएगी। गौरतलब है कि पिछले कुछ विधानसभा चुनावों में कांग्रेस जैसी विरोधी पार्टियों ने हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का वादा किया था, जिसका उन्हें चुनावों में फायदा भी मिला है। 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले और इस साल आने वाले महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह मुहिम तेज की गई है, ताकि केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा सके। गौरतलब है कि पुरानी पेंशन योजना के तहत किसी कर्मचारी को उसके आखिरी वेतन की आधी रकम मासिक पेंशन के तौर पर मिलती थी। लेकिन, नई पेंशन व्यवस्था में इसकी जगह सरकार ने वैकल्पिक सुविधाएं दी हैं। लेकिन, अचानक करीब दो दशकों के बाद पुरानी पेंशन की मांग जोर पकड़ चुकी है।


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