अनूपपुर@डॉक्टर की लापरवाही से हुई ममता पाण्डेय की मौत

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  • परिजनों ने अस्पताल परिसर में प्रारम्भ किया धरना प्रदर्शन
  • एसडीएम व एसडीओपी ने परिजनों को मनाने का किया प्रयास

कब की मर चुकी‌ आत्माओं को आज खुद के लिए वो आवाज़ें चाहिए जो अनगिनत मौकों पर कह-कह कर थक चुकी हैं कि कुछ बोलो, वरना वो एक दिन आएगा जब तुम्हारे लिए आवाज़ उठाने वाला कोई नहीं बचेगा। जब खुद की लगाई आग एक दिन तुम्हारा ही घर जलाएगी, जब तुम्हारी ये अनैतिक चुप्पी एक दिन खूब शोर मचाएगी। फिर भी कुछ न हो सके तो हम जैसे पत्रकार साथियों को जमकर गरियाइए….क्योंकि हम.! सत्ता के मरकज में बैठे जमातियों को आईना दिखाने की कोशिश  जो कर रहे हैं।

-अरविन्द द्विवेदी-
अनूपपुर,30 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। नगर की जनता संघर्ष करने की आदी नही है क्योंकि उसे तो सब कुछ बिना मांगे ही चाहिए। तभी तो अब उसे हर ओर निराशा हीं हाथ लग रही है। जिसका एक और प्रमाण जिला अस्पताल अनूपपुर में डॉक्टर की लापरवाही ने फिर एक ममता की जान ले ली है। ममता पांडेय की मौत हाई ब्लड प्रेशर की तकलीफ में हुई थी क्योंकि जिला अस्पताल में 4 घण्टे तक किसी डॉक्टर ने इलाज नही किया। परिजन ड्यूटी डॉक्टर से गुहार लगाते रहे पर डॉक्टर गणेश प्रजापति ने एक नहीं सुनी। उस पर तुक्का ये कि मैं नहीं हूं ड्यूटी डॉक्टर, प्रबंधन से पूछिए कौन देखेगा। साथ ही प्रबंधन के मुखिया अवधिया इनसे आगे ही रहे, उन्होंने तो परिजनों से ही कह दिया अब नौकरी करना मुस्किल है।

समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण हुई मौत

जिला मुख्यालय अनूपपुर वार्ड 12 अमरकंटक रोड निवासी जितेंद्र पांडेय की पत्नी ममता (45) की हाई ब्लड प्रेशर व अचानक तबीयत खराब होने पर शुक्रवार की दोपहर 3 बजे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टर की लापरवाही व सही इलाज न मिलने के कारण शाम 7 बजे मौत हो गई। इस दौरान एक भी डॉक्टर मरीज को देखने नहीं आए। जबकि परिजन बार-बार इलाज के लिए गुहार लगाते रहें। शनिवार की सुबह पोस्टमार्डम के बाद परिजनों ने डॉक्टर पर कार्यवाही के बिना शव उठाने को मना कर दिया। जिस पर पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया और डॉक्टर के खिलाफ पांच सदस्यीय टीम बनाकर जांच के बाद कार्रवाई के अश्वासन पर शव को अंतिम संस्कार के लिए उठाया। वहीं सीएमएचओ ने डॉक्टर गणेश प्रजापति को तत्काल प्रभाव से जिला चिकित्सालय अनूपपुर की ड्यूटी से हटा दिया गया।

आखिर किन लोगों के हाथों में जनता की जान

अब आप ही विचार करें अनुपपुर किन लोगों के हाथो में है व कितना सुरक्षित है.? क्या ऐसे डॉक्टरों के हाथ अनूपपुर की जनता की जान से खिलवाड़ करने के लिए सौपा जा सकता है या इन डॉक्टरों पर कार्रवाई होनी चाहिए.? वही परिजन एफआईआर के लिए अड़े हुए हैं जिले की मीडिया लगातार स्वास्थ्य विभाग की कमियां उजागर करती रहती है उसके बाबजूद भी प्रशासन के कानो तक पत्रकारों की आवाज़ नही पहुंच रही है न जाने आज तक कितनी ममता स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का शिकार हो चुकी है पर गलती सिर्फ विभाग की नही है उनसे ज्यादा गलती तो अनुपपुर की जनता की है जो हर बार खामोश रह जाती है और सिर्फ मोमबत्ती जलाने को ही अपना फर्ज मानती आई है

क्यों स्वास्थ विभाग को बचा रहा जिला प्रशासन

सवाल उठना स्वाभाविक है की अनूपपुर जिला प्रशासन स्वास्थ विभाग को बचाने का प्रयास क्यो कर रहा है और जानबूझकर जांच नहीं कर रहा.? लेकिन यह सवाल स्थानीय प्रशासन के बजाय भोपाल दिल्ली में बैठे सत्ताधीशों से पूछने की जरूरत ज्यादा है। क्योंकि भ्रष्टाचार व लापरवाही दिल्ली भोपाल से होते हुए अनूपपुर पहुंच रही है। ऐसे में मुंह ताकने के सिवा सीधा सवाल करें और जब प्रशासन मौन धारण कर ले तो फिर रोइए अपनी बेबसी को। जब और बेजार हो जाएं तो भी जांच व कार्यवाही की बात मत कीजिए, सवाल मत उठाइए। पीटिए थाली, निकालिए जुलूस, जलाइए मोमबत्ती, कीजिए आतिशबाजी, मनाइए जश्न जिम्मेदारों की अदूरदर्शिता निकम्मेपन, संवेदनहीनता और नकारेपन का।

शिकायत कर दो, मेरा कुछ नही होने वाला

जानकारी के अनुसार शुक्रवार की दोपहर 3 बजे अनूपपुर  निवासी जितेंद्र पांडेय की पत्नी 45 वर्षीय ममता की अचानक तबीयत खराब होने पर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया जिसके बाद डॉक्टर की तलास प्रारंभ की गई। शाम 4 बजे से मरीज की तबीयत ज्यादा खराब होने पर ड्यूटी डॉक्टर को मरीज को देखने के लिए परिजनों ने मिन्नत की तो ड्यूटी डॉक्टर ने यह कहकर परिजनों को भगा दिया कि मेरी ड्यूटी नीचे है, ऊपर जाकर मरीज को नहीं देखूंगा। मैनेजमेंट से जाकर बात करो, जहां शिकायत करना हो कर दो मेरा कुछ नही होने वाला है।

पुलिस ने मर्ग कायम कर, विवेचना की प्रारंभ

डॉक्टर की लापरवाही व सही समय पर पर्याप्त इलाज न मिलने के कारण महिला की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टर द्वारा इलाज न करने पर कार्यवाही को लेकर हंगामा जारी रहा। शनिवार की सुबह पांच डॉक्टर की टीम ने पोस्टमार्डम किया। परिजन इसके बाद डॉक्टर पर कार्यवाही को लेकर अड़े रहे और कहा कि जब तक डॉक्टर पर कार्रवाही नहीं होती वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। जिस पर सीएमएचओ ने लापरवाह डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगते हुए पांच सदस्यीय टीम बनाकर जांच के बाद कार्रवाई की बात कही। वहीं पुलिस ने मर्ग कायम कर दिया विवेचना प्रारंभ कर दी है।


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