कोरिया,एमसीबी@कांग्रेस पार्टी से विभाजित कोरिया के लिए गुलाब, प्रभा, अंबिका का नाम लगभग तय सिर्फ घोषणा का इंतजार

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  • यही तीनों होंगे विभाजित कोरिया की तीन विधानसभाओं से कांग्रेस पार्टी के विधायक पद के उम्मीदवार।
  • वेदांती, योगेश, डमरु, अशोक, रमेश, राजकुमारव दो विनय नाम के विधायक प्रत्याशी दौड़ से बाहर, एक प्रतिशत मात्र बची उनके लिए संभावना।
  • विधानसभा क्रमांक 1,2,3 से क्रमशः गुलाब ,प्रभा ,अंबिका का नाम लगभग हो चुका तय है सत्ताधारी दल से प्रत्याशी बतौर।

-रवि सिंह-
कोरिया,एमसीबी 28 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। विधानसभा 2023 चुनाव को लेकर बनते बिगड़ते समीकरण के बीच एक बात बहुत तेजी से सामने आ रही है वह बात है कि कांग्रेस प्रत्याशियों को लेकर अभिभाजित कोरिया जिले में कांग्रेस प्रत्याशियों को लेकर जो खींचातानी का दौर था वह अब धीरे-धीरे खत्म होता दिख रहा है, क्योंकि तीन नाम पर मुहर लग चुकी है और सिर्फ औपचारिक घोषणाएं ही बची हैं विधानसभा नंबर 1 से गुलाब कमरों विधानसभा क्रमांक 2 से प्रभा पटेल व विधानसभा क्रमांक 3 से अंबिका सिंह देव का नाम लगभग तय माना जा रहा है जैसा की सूत्रों का दावा है, अब नाम तय होने से इन तीनों विधानसभाओं के 74 विधायक प्रत्याशी निराश हो सकते हैं, 74 विधायक प्रत्याशी हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि बैकुंठपुर विधानसभा से 52 लोगों ने दावेदारी की है सत्ताधारी दल से वहीं मनेंद्रगढ़ विधानसभा से 22 उम्मीदवार आवेदन किया था, जिसमें सबसे ज्यादा विधायक पद के लिए दावेदारी बैकुंठपुर  विधानसभा से की गई थी। ऐसे में यदि दिग्गज नेताओं की भी बात की जाए तो वेदांती तिवारी, योगेश शुक्ला, अशोक जायसवाल, डॉ विनय जायसवाल वर्तमान विधायक, वहीं इंजीनियर विनय उपाध्याय, पूर्व महापौर डमरू रेड्डी, रमेश सिंह, राजकुमार केसरवानी सहित कई दिग्गज इस दौड़ से बाहर नजर आ रहे हैं और निश्चित रूप से यह खबर उनकी निराशा को बढ़ाने वाली ही होगी, क्योंकि सभी अपने आप को विधायक प्रत्याशी का प्रबल दावेदार मान रहे थे वहीं जब सूची सामने आने  के बाद जिन्हे प्रत्याशी बनाया जायेगा उनका नाम देखकर समर्थकों में खुशी होगी तो वही जिनका नाम नहीं आया है उनके समर्थक निराश होंगे। 
प्रत्याशियों के नाम की घोषणा के बाद परिणाम जो भी हो पर अंदर खाने में खिचड़ी तो जरूर पकेगी और किसको कितना नुकसान होगा यह परिणाम आने के बाद तय होगा, पर यदि प्रत्याशियों के चेहरे को लेकर बात की जाए तो यह अपने अकेले के चेहरे में जीत दर्ज कर पाने में नाकाम होंगे और यदि इन्हें जीत मिलेगी तो सिर्फ भूपेश बघेल यानी कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के चेहरे पर क्योंकि फिलहाल उनका विकल्प भाजपा भी तलाश नहीं सकी है जो बड़े जोर शोर से चुनाव की तैयारी में लगी हुई है और सत्ता की कुर्सी तक जाने का मार्ग तलाश रही है। बैकुंठपुर मनेंद्रगढ़ विधानसभा में महिला प्रत्याशियों के भरोसे सत्ताधारी दल चुनाव में उतरने वाली है यह संभावना भी प्रबल हो गई है वहीं दोनो विधानसभाओं से दोनो महिला उम्मीदवार सत्ताधारी दल को कितना फायदा पहुंचा सकती हैं यह परिणाम के बाद ही तय होगा, वैसे यदि राजनीति के जानकारों की माने और वर्तमान में बैकुंठपुर साथ ही मनेंद्रगढ़ विधानसभा को लेकर संभावित उम्मीदवारों जो कांग्रेस पार्टी से होने जा रहे हैं उनको लेकर बात करें तो दोनो ही विधानसभा में पार्टी के लिए चुनाव आसान नहीं होगा और इसके पीछे अलग अलग कारण भी हैं, बैकुंठपुर विधायक का पांच सालों का कार्यकाल आम लोगों के लिए उनकी समझ से परे रहा। विधायक क्षेत्र में कम नजर आईं वहीं उन्हे राजधानी में ही ज्यादा पाया गया, जनता के क्षेत्रवासियों के दुख सुख में उनकी मौजूदगी न के बराबर रही वहीं उनके निज सचिव और उनके खास सिपेहसलार भी लोगों से घुल मिल नहीं सके और न किसी के लिए उन्होंने कहीं खड़े होने का ही प्रयास किया। जनता ने पांच साल इस विधानसभा में खुद को नेतृत्व विहीन माना और वह परेशान ही नजर आई बात किसी भी क्षेत्र की क्यों न रही हो वहीं अब जनता के बीच विधायक जाने का प्रयास कर भी रही हैं और जनता उनसे मिल भी रही है लेकिन जनता क्षेत्र की नाखुश है यह वह जाहिर समाने न सही बाद में कर रही है जो सुनने को मिल रहा है वहीं संगठन और कार्यकर्ता विधानसभा के विधायक से नाराज ही नजर आ रहे हैं और वह शायद ही मन से जीत के लिए प्रयास करें यह भी माना जा रहा है। वहीं मनेंद्रगढ़ विधानसभा में चिरमिरी खड़गवां क्षेत्र से यदि कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया तो यह तय है की खड़गवां चिरमिरी क्षेत्र बगावत कर सकता क्योंकि जिला गठन में इस क्षेत्र को मुख्यालय का दर्जा नहीं मिला स्थाइत्व की मांग भी उनकी पूरी नहीं हुई ऐसे में यदि उन्हे विधायक भी क्षेत्र से नहीं मिलेगा उन्हे यदि यह अंदेशा हो जायेगा वह निश्चित रूप से अन्य विकल्प पर विचार कर सकते हैं जो विपक्ष की तरफ उनके रुख के रूप में समाने आने वाला परिणाम साबित हो सकता है।
दिग्गज दावेदार होंगे मायूस
बैकुंठपुर साथ ही मनेंद्रगढ़ विधानसभा से कांग्रेस पार्टी से दावेदारी कर रहे दिग्गज दावेदार यदि अभी की संभावना जो टिकट को लेकर व्यक्त की जा रही है पर मुहर लगती है तो वह निराश होंगे, दोनो ही विधानसभाओं में कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज टिकट की मांग कर रहे हैं बैकुंठपुर से दिग्गजों की बात की जाए तो जिला पंचायत के वर्तमान उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी,वरिष्ठ कांग्रेस नेता योगेश शुक्ला,पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अशोक जायसवाल प्रमुख हैं जो टिकट की दौड़ में शामिल हैं और यह तीन ऐसे नाम हैं जो जिताऊ भी हैं और इन्होंने काफी मेहनत भी क्षेत्र में किया है खासकर विधायक से ज्यादा ही यह सक्रिय रहे और शासन की योजनाओं के साथ जनता के बीच यह पहुंचते रहे हैं। वहीं मनेंद्रगढ़ विधानसभा से यदि वर्तमान संभावना पर सत्ताधारी दल को लेकर मुहर लगती है तो वर्तमान विधायक के लिए यह बड़ा आघात होगा वहीं वरिष्ठ नेता रमेश सिंह, राजकुमार केशरवानी, के डोमरू रेड्डी की निराशा देखी जा सकेगी।
कौन होगा दोनों पार्टियों से निर्दलीय प्रत्याशी,निर्दल होकर भी कुछ लड़ सकते हैं चुनाव, उनकी है तैयारी,सूत्र
सत्ताधारी दल से बैकुंठपुर सहित मनेंद्रगढ़ विधानसभा में कई दावेदारों ने अपने लिए टिकट की मांग पार्टी से की है। वहीं इनमे से कुछ ऐसे दावेदार भी हैं जो चुनाव लड़ने की पूरी मंशा के साथ तैयारी में जुटे हुए हैं,जैसा की माना जा रहा है और जन चर्चाओं में भी सुना जा रहा है की दोनो ही विधानसभाओं से निर्दलीय भी चुनाव में कुछ कांग्रेस पार्टी से टिकट के वर्तमान दावेदार टिकट नहीं मिलने की स्थिति में चुनाव लड़ सकते हैं । अब निर्दलीय चुनाव लड़ने की हिम्मत कौन दिखाता है यह टिकट तय होने के बाद ही सामने आने वाली बात है और तभी समझ में आएगा भी लेकिन माना जा रहा है की इस चुनाव में सत्ताधारी दल को बगावत झेलना पड़ सकता है और यह बगावत पार्टी के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकता है । वैसे कौन निर्दल होकर चुनाव लड़ने की हिम्मत करता है यह देखने वाली बात होगी।
सोनहत भरतपुर विधानसभा में गुलाब कमरों साथ ही रविशंकर सिंह के बीच हो सकता है मुकाबला
भरतपुर सोनहत विधानसभा से जैसी की संभावना भी जाहिर की जा रही है सत्ताधारी दल से गुलाब कमरों जिनका चुनाव लडना तय है उनके खिलाफ कोई अन्य दावेदार पार्टी से नहीं है वहीं भाजपा से रविशंकर चुनाव लड़ सकते हैं जिला पंचायत सदस्य रविशंकर पर भाजपा दांव लगा सकती है। वैसे इस विधानसभा से केंद्रीय राज्यमंत्री के नाम की भी चर्चा ही रही है भाजपा से प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर लेकिन यदि उनका नाम तय नहीं हुआ तो रविशंकर विरुद्ध गुलाब कमरों होगा मुकाबला यह तय नजर आ रहा है जिसकी संभावना भी ज्यादा है।
मनेन्द्रगढ़ विधानसभा में प्रभा पटेल साथ ही श्याम बिहारी जायसवाल के बीच हो सकता है मुकाबला
मनेंद्रगढ़ विधानसभा में नगर पालिका अध्यक्ष मनेंद्रगढ़ प्रभा पटेल सत्ताधारी दल से प्रत्याशी बनाई जा सकती हैं जिसकी संभावना ज्यादा है वहीं पूर्व विधायक श्याम बिहारी जायसवाल भाजपा के उम्मीदवार हो सकते हैं यह भी संभावना जताई जा रही है।। यहां प्रभा पटेल साथ ही श्याम बिहारी के बीच मुकाबला होगा यह माना जा रहा है और ऐसी ही संभावना भी बन रही है। वैसे पूर्व विधायक इस बार मजबूत नजर आने वाले हैं यदि सत्ताधारी दल अपना प्रत्याशी मनेंद्रगढ़ से घोषित करती है,क्योंकि खड़गवां और चिरमिरी से प्रत्याशी नहीं होने से इस क्षेत्र की जनता अलग विकल्प देख सकती है क्योंकि जिला मुख्यालय के बाद यदि विधायक पद भी मनेंद्रगढ़ गया तो ऐसे में चिरमिरी खड़गवां क्षेत्र नेतृत्व विहीन हो जायेगा ऐसी उनकी मनोभावाना सामने आ रही है।
बैकुंठपुर विधानसभा में अंबिका सिंहदेव व भईयालाल राजवाड़े के बीच हो सकता है मुकाबला
बैकुंठपुर विधानसभा की यदि बात की जाए तो एक बार फिर यहां वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक के बीच मुकाबला देखा जा सकता है। वहीं यदि ऐसा होता है तो पूर्व विधायक भईयालाल राजवाड़े के पास जहां अपनी पिछली हार का बदला लेने का मौका होगा वहीं वर्तमान विधायक के पास अपनी सीट बचाने की चुनौती क्योंकि भईया लाल राजवाड़े एक अलग तरह की ख्याति स्थापित अपनी कर चुके पूर्व विधायक हैं और जिनकी कमी इन पांच सालों में लोगों को खली है जो लोग बात बात में ही कह भी जाते हैं।।सरल,सहज, हर समय उपलब्ध रहने वाले जनता के बीच पूर्व विधायक बाजी मार सकते हैं ऐसी संभावना ज्यादा है।


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