अंबिकापुर,18 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। शहर अंबिकापुर में शहीदे आजम भगत सिंह और अन्य क्रांतिकारियों की ना कोई मूर्ति है ,ना कोई चौक है और ना ही कोई संग्रहालय है ।इन क्रांतिकारियों की विरासत हमारे शहर के बच्चों तक पहुंचाना बहुत जरूरी है इस विरासत को शहर के बच्चों तक पहुंचाने के लिए विभिन्न जन संगठनों ने आज घड़ी चौक पर भगत सिंह शहीदे आजम भगत सिंह की जयंती मनाई और हस्ताक्षर अभियान चालू किया ।इस अभियान में शहर वासियों के हस्ताक्षर लिए जाएंगे और उन्हें जागरूक किया जाएगा ,ताकि शहर में भगत सिंह चौक व मूर्ति की स्थापना हो सके।
सभी जनतांत्रिक, सांकृतिक एवं सामाजिक संगठन विगत कई वर्षों से संघर्षरत हैं ताकि शहर में भगत सिंह व अन्य शहीद क्रांतिकारियों की यादों को संजोया जा सके ।इस सिलसिले में कई बार नगर निगम को ज्ञापन भी सौंपा गया।
कार्यक्रम की शुरुआत जितेंद्र सिंह सोढ़ी (सीटू) के उद्बोधन से हुई ,उन्होंने भगत सिंह के समाजवादी विचारों का जीवन में महत्व बताया ।इप्टा अंबिकापुर के अध्यक्ष अंजनी पांडे ने रंग दे बसंती चोला गीत की प्रस्तुति दी ।फिर डॉक्टर आशा शर्मा ने क्रांतिकारियों की जीवनियों और आज के नवयुवकों के बारे में बताया ,उन्होंने कहा कि संग्रहालय ,चौक ,शहीदों की विरासत का बयान करते हैं । इसी चीज की कमी आज अंबिकापुर में है इप्टा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रितपाल सिंह ने “कला केंद्र” को शहीद पार्क का दर्जा देने की बात तथा वहाँ शहीदों की मूर्तियाँ स्थापित कराने की मांग की ।
उसके बाद जानवरों की सेवा में लगी सेवारत टीम बेजुबान का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में शहीदे आजम भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया ।इंकलाब जिंदाबाद के नारों से घड़ी चौक गूंज उठा ।कार्यक्रम का संचालन किरण सिन्हा ने किया ।कार्यक्रम में अनंत सिन्हा,चरनप्रीत सिंह ,सी पी शुक्ला ,पाल सिंह ,अनिल द्विवेदी , के एन तिवारी, वेद प्रकाश अग्रवाल,संदीप सिन्हा,राजेश मिश्रा,हरिशंकर त्रिपाठी , अनामिका चक्रवर्ती ,मल्टियार पी एस व अन्य कई उपस्थित थे।
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