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बैकुण्ठपुर@क्या नियम विरुद्ध तरीके से संचालित शर्मा अस्पताल पर प्रशासन कर पाएगा कार्यवाही?

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  • क्या भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ जिला कोरिया संयोजक डॉक्टर का अपना अस्पताल ही है नियम विरुद्ध तरीके से संचालित व निर्मित?
  • भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ जिला कोरिया के संयोजक डॉक्टर राकेश शर्मा अपने निजी अस्पताल को लेकर घिरे सवालों के घेरे में।
  • डॉक्टर का कई दशकों पुराना शहर में संचालित अस्पताल क्या है बगैर किसी अनुमति अवैध तरीके से संचालित?
  • क्या अस्पताल भवन को नहीं मिला है नगर पालिका से अनापत्ति,क्या नगर ग्राम निवेश विभाग से भी नहीं मिली है अनापत्ति निर्माण की?
  • क्या भवन जिस भूमि पर निर्मित है वह नहीं है आज भी व्यपवर्तित,क्या नहीं है निर्माण की अनुमति?
  • शहर निवासी की शिकायत पर क्या होगी अस्पताल पर कार्यवाही,क्या होगी जांच?
  • आम आदमी घर भी यदि बनाए बिना अनुमति नगर एवम ग्राम निवेश से होता है लंबा चौड़ा जुर्माना,क्या डॉक्टर शर्मा मामले में भी होगा बड़ा जुर्माना?
  • अस्पताल निर्माण व्यवसायिक उद्देश्य से किया गया,कई दशकों से है अस्पताल संचालित क्या होगा उतने अवधि का नगर निवेश से जुर्माना?
  • शहर निवासी संजय अग्रवाल की शिकायत के बाद डॉक्टर शर्मा की तरफ से भूमि व्यपवर्तन का आवेदन एसडीएम कार्यालय में हुआ जमा।
  • क्या भूमि व्यपवर्तन का आवेदन इस बात की स्वीकारोक्ति की आज तक भवन अस्पताल सहित अन्य सभी को लेकर कोई अनुमति डॉक्टर शर्मा के पास नहीं?
  • डॉक्टर की पुत्री हैं एक भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी,उनके साथ के कई अधिकारी हैं छत्तीसगढ़ कैडर में अधिकारी।
  • पुत्री के संपर्क और उनकी पहचान का डॉक्टर को मिलेगा फायदा की जाएगी उनकी मदद कहते हैं सूत्र।
  • स्वास्थ्य विभाग छत्तीसगढ़ के एक बड़े अधिकारी भी करेंगे डॉक्टर की मदद,डॉक्टर पुत्री के साथ की ही चयनित अधिकारी हैं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी की पत्नी,सूत्र।

बैकुण्ठपुर 25 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिला भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ जिला संयोजक डॉक्टर राकेश शर्मा के निजी अस्पताल को लेकर रोज नया खुलासा हो रहा है और जिस तरह डॉक्टर शर्मा ने विभिन्न शिकायतों के बाद राजस्व कार्यालयों में आवेदन देकर अनुमति लेने का प्रयास जारी किया हुआ है उससे यह साबित भी होता नज़र आ रहा है की आरोप सत्यता के करीब है और किसी ने उनकी वह दुखती रग पकड़ ली है जिसको लेकर आज तक सभी अनभिज्ञ थे। शर्मा अस्पताल जो तीन दशकों से भी ज्यादा समय से संचालित है वह बिना अनुमति संचालित है ऐसा एक आरोप एक शिकायत बैकुंठपुर निवासी संजय अग्रवाल ने स्वास्थ्य विभाग के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर लगाया है दर्ज कराई है और जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले में शर्मा हॉस्पिटल संचालक को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है वह भी तीन दिवस के भीतर की क्या सही मायने में हॉस्पिटल बिना अनुमति संचालित है क्या नर्सिंग एक्ट अधिनियम का उलंघन किया गया है वहीं कुल आठ बिंदुओ के आधार पर हॉस्पिटल संचालक से जवाब मांगा गया था।

हॉस्पिटल संचालक को 20 सितंबर को नोटिस भेजा गया था और संचालक एवम संस्था से तीन दिवस के भीतर जवाब मांगा गया था इस हिसाब से तीन दिवस का समय पूरा हो गया और डॉक्टर ने या हॉस्पिटल प्रबंधन ने क्या जवाब दिया क्या जवाब दिया भी की नहीं यह अब सामने आना बाकी है और यदि जवाब दिया और वह संतोषप्रद नहीं पाया गया वहीं जवाब यदि नहीं दिया गया तो अब स्वास्थ्य विभाग जिला कोरिया क्या कार्यवाही करने वाला है क्या वह पत्र में उल्लेखित कार्यवाही अनुशासनात्मक करने वाला है यह बड़ा सवाल है। वैसे शर्मा हॉस्पिटल संचालक को लेकर यह माना जाता है की नियमो से खिलवाड़ और उनकी अनदेखी उनके लिए नई बात नहीं है और वह बड़े राजनीतिक दल से भी जुड़े हुए हैं इसलिए वह खुद को राजनीतिक संरक्षण लेकर बचा ले जायेंगे। वैसे जानकारी अनुसार डॉक्टर शर्मा और उनके निजी अस्पताल मामले में शहर के निवासी संजय अग्रवाल ने स्वास्थ्य विभाग सहित सहायक संचालक नगर एवम ग्राम निवेश को पत्र लिखा है और उसके बाद से ही डॉक्टर शर्मा भी सक्रिय नजर आ रहे हैं और वह इधर उधर कई कार्यालयों में आवेदन दे रहे हैं।
स्पष्टीकरण का मोहलत भी हुआ खत्म और मिले की मोहलत?
संजय अग्रवाल ने स्वास्थ्य विभाग को जो शिकायत की है साथ ही नगर एवम ग्राम निवेश कार्यालय में जो उन्होंने शिकायत की है उसके अनुसार और उसके ही परिणाम स्वरूप स्वस्थ्य विभाग जिला कोरिया ने आठ बिंदुओ पर शर्मा अस्पताल संचालक से जवाब तीन दिवस के भीतर मांगा है जिसकी समयावधि भी समाप्त हो चुकी है और जिसमे स्वास्थ्य विभाग ने यह उल्लेखित किया है की तीन दिवस के भीतर जवाब यदि संतोषप्रद नहीं मिलता है तो वह हॉस्पिटल अस्पताल पर अनुशासनात्मक साथ ही वैधानिक कार्यवाही नियमानुसार करने बाध्य होगा जिसकी जिम्मेदारी संस्था मतलब अस्पताल प्रबंधन की होगी,यहां यह बतलाना जरूरी है की अस्पताल में जारी सुविधाओं में से अधिकांश सुविधाएं महिला चिकित्सक के नाम से जारी हैं और प्रसव सहित कई मामलो में उन्ही के नाम से अस्पताल प्रसिद्ध भी है वहीं वहां इलाज सहित सुविधाओं पर नियंत्रण किसका है यह सभी जानते हैं। वैसे शिकायतकर्ता ने स्वास्थ्य विभाग के अलावा नगर एवम ग्राम निवेश विभाग में भी शिकायत की है और उसमे उल्लेख किया है की हॉस्पिटल भवन न तो नगर पालिका से अनुमति लेकर बना है और न ही नगर एवम ग्राम निवेश से ही उसे अनापत्ति मिली है,अस्पताल हॉस्पिटल कृषि भूमि पर बना है और भूमि का व्यपवर्तन भी नहीं कराया गया है यह भी शिकायत में लिखा गया है जबकि भवन में अस्पताल हॉस्पिटल संचालित है और उसका व्यवसायिक रूप से उपयोग हो रहा है जो की गलत है और इस हिसाब से उस अस्पताल हॉस्पिटल का पंजीयन कैसे हुए नर्सिंग होम एक्ट के तहत यह बड़ा सवाल है क्योंकि भवन निर्माण की समस्त अनुमति अनापत्ति सहित भूमि व्यपवर्तन के बिना अनुमति मिलना सवालों के घेरे में है। शिकायत के बाद अब अस्पताल हॉस्पिटल की तरफ से व्यपवर्तन के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया है जो महिला डॉक्टर के नाम से प्रस्तुत है जो भाजपा नेता चिकित्सक की पत्नी हैं डॉक्टर भी हैं।
शिकायत के बाद डायवर्सन के लिए लगा आवेदन
बैकुंठपुर निवासी संजय अग्रवाल की शिकायत वहीं उनकी शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग जिला कोरिया से जारी जवाबी नोटिस जो शर्मा अस्पताल से हॉस्पिटल से आठ बिंदुओ में जवाब प्रस्तुत करने हेतु जारी नोटिस है जिस जवाब हेतु दी गई तीन दिवस की समय सीमा भी समाप्त हो चुकी है मामले में एक नया मोड़ तब आ गया जब शर्मा हॉस्पिटल संचालक सदस्य की महिला डॉक्टर श्रीमती रजनी शर्मा की तरफ से भूमि व्यपवर्तन हेतु राजस्व कार्यलय में आवेदन प्रस्तुत किया गया। शर्मा अस्पताल हॉस्पिटल संचालक सदस्य डॉक्टर श्रीमती रजनी शर्मा की तरफ से राजस्व कार्यालय में प्रस्तुत भूमि व्यपवर्तन आवेदन यदि उसी भूमि का है जिसपर अस्पताल संचालित है तो यह मामला बड़ा गंभीर है और हॉस्पिटल संचालन की मिली हुई अनुमति यदि अनुमति लेकर हॉस्पिटल संचालित है पर प्रश्न खड़ा करने वाला विषय है क्योंकि अनुमति हॉस्पिटल संचालन की मिलना वह भी बिना डायवर्सन वाली भूमि पर हॉस्पिटल के आज तक के संचालन को ही सवालों के घेरे में खड़ी करती है क्योंकि यदि बिना डाईवर्सन हॉस्पिटल निर्माण और उसकी अनुमति का सवाल ही नहीं खड़ा होता है जैसा की नियम है। वैसे स्वास्थ्य विभाग नर्सिंग होम एक्ट अनुसार भी यह नियम है की किसी भूमि पर हॉस्पिटल संचालन के लिए भूमि का डायवर्सन वहीं नियमानुसार भूमि पर हॉस्पिटल निर्माण की अनुमति वहीं अनापत्ति क्रमशः नगरपालिका और नगर एवम ग्राम निवेश से आवश्यक है। अब शर्मा हॉस्पिटल मामले में यह तय नजर आ रहा है की भूमि का डायवर्सन कराया ही नही गया और उसके बावजूद कई दशकों से भूमि का व्यावसायिक उपयोग किया जाता रहा।
क्या 3 दिन में शर्मा अस्पताल के पूरे हो चुके हैं सारे दस्तावेज,क्या उन्होंने मामले में जवाब कर दिया है प्रस्तुत?
शर्मा अस्पताल को तीन दिवस के भीतर स्वास्थ्य विभाग जिला कोरिया के नोटिस का जवाब देना था स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई समयावधि अब समाप्त हो चुकी है अब ऐसे में यह भी सवाल उठता है की उनके सभी अनिवार्य दस्तावेज जो स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी कर मांगा है क्या उनके पास वह उपलब्ध थे उन्होंने सभी दस्तावेज स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा दिया है। वहीं यदि उनके पास सम्पूर्ण दस्तावेज यदि नहीं हैं या नहीं थे तो क्या उन्होंने इन तीन दिवस के भीतर ही सभी दस्तावेज बनवा लिए और उसके बाद प्रस्तुत कर दिए स्वास्थ्य विभाग जिला कोरिया के समक्ष। अब उन्होंने स्वास्थ्य विभाग जिला कोरिया को क्या जवाब प्रस्तुत किया है वह तो मंगलवार को कार्यालय खुलने पर ही पता चल सकेगा लेकिन उन्होंने जवाब दिया है की नहीं यह भी बड़ा सवाल है क्योंकि उनके अस्पताल द्वारा फिलहाल डायवर्सन का प्रयास किया जा रहा उस भूमि का जिसपर अस्पताल संचालित है दशकों से वहीं यदि ऐसा है तो यह गंभीर मामला है। जैसा सूत्रों का कहना है।
क्या प्रभावशील व्यक्ति है इस वजह से डायवर्सन जल्द होगा?
शर्मा अस्पताल प्रबंधन प्रभावशाली है खासकर डॉक्टर शर्मा जो भाजपा नेता हैं वह काफी ऊंची पकड़ रखते हैं। अब उनकी ऊंची पकड़ पहुंच है क्या इस वजह से अस्पताल प्रबंधन सदस्य डॉक्टर श्रीमती रजनी शर्मा की तरफ से प्रस्तुत डायवर्सन आवेदन पर जल्द कार्यवाही होगी जल्द उन्हे अनुमति मिल जायेगी यह भी बड़ा सवाल है।क्या राजस्व विभाग यह आंकलन किए ही डायवर्सन की अनुमति दे देगा की वहां जिस भूमि का डाईवर्सन चाहा गया है वहां या उक्त भूमि का दशकों से अस्पताल बनाकर व्यापारिक उपयोग किया जा रहा है क्या इसकी जांच नहीं करेगा राजस्व विभाग।
क्या नगर एवम ग्राम निवेश कार्यालय बिना जुर्माना ठोंके  देगा नगरी निवेश का प्रमाण पत्र?
यदि शर्मा अस्पताल बिना व्यपवर्तित भूमि पर बिना नगरपालिका से अनुमति प्राप्त किए बिना नगर एवम ग्राम निवेश से अनापत्ति प्राप्त किए हुए शहर की भूमि कृषि भूमि पर निर्मित एवम संचालित है दशकों से तो क्या अब अस्पताल को आसानी से अनुमति अनापत्ति जारी कर देगा नगरपालिका साथ ही नगर एवम ग्राम निवेश कार्यालय यह भी बड़ा सवाल है। आम आदमी यदि बिना अनुमति शहरी क्षेत्र में घर का निर्माण करता है वहीं वह उसमे कोई व्यवसाय भी स्थापित कर लेता है और इसकी जानकारी या शिकायत नगर निवेश ग्राम निवेश कार्यालय को होती है तो वह आम आदमी पर कई गुना का जुर्माना ठोंकती है,क्या शर्मा अस्पताल पर भी कई गुना जुर्माना किया जायेगा जबकि शर्मा अस्पताल मामले में शिकायत यदि सही है तो यह तीन दशकों से ज्यादा समय से संचालित है निर्मित है और अब जिसकी शिकायत हुई है की वह बिना अनुमति ही निर्मित संचालित है। वैसे अस्पताल यदि दशकों से बिना अनुमति अनापत्ति संचालित है निर्मित है तो इसका जुर्माना बहुत ज्यादा होना चाहिए नियमानुसार यह जानकारों का कहना है।वैसे शर्मा हॉस्पिटल संचालक प्रभावशाली हैं और वह खुद को इन मामलों से यूंही निकाल ले जायेंगे यह वह कहते भी रहते हैं जो सूत्रों का ही कहना है।
आखिर 35 साल से बिना दस्तावेज के कैसे संचालित हो रहा था शर्मा अस्पताल?
वैसे शिकायत यदि सही पाई जाती है तो सवाल यह भी है की 35 वर्षों से बिना अनुमति बिना अनापत्ति कैसे यह अस्पताल संचालित था। क्या स्वास्थ्य विभाग,राजस्व विभाग,नगर पालिका,नगर एवम ग्राम निवेश कार्यालय अनभिज्ञ था। वैसे सवाल यह भी है की यदि अस्पताल भवन यदि बिना डायवर्सन बिना अनुमति अनापत्ति निर्मित संचालित था तो वह कर भी चोरी कर रहा था। अब क्या पूरी वसूली होगी यदि कर की चोरी की गई है यह भी बड़ा सवाल है।कर जो आजतक चोरी किया गया यदि शिकायत सही है तो उसकी वसूली का क्या आधार होगा यह भी तय करना संबंधित विभाग का अधिकार और जिम्मेदारी होगी,अब यदि आरोप सही हैं तो यह देखना भी जरूरी है की आम आदमी मामले में जुर्माना और नियमो


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