अनूपपुर@आपसी गुटबाजी का शिकार हुई जन आक्रोश यात्रा

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पूर्व जिला अध्यक्ष व पूर्व प्रत्याशी की उपेक्षा से उनके समर्थकों में रोष व्याप्त

विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही अब राजनीतिक दलों में खलबली मच गई है। एक ओर भाजपा जन आशिर्वाद यात्रा निकाल रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस जन आक्रोश रैली चला रही है। लेकिन दलों के अंदर चल रही गुटबाजी अभी कम होने का नाम नहीं ले रही है। वहीं कांग्रेस अभी भी अपने अंदर की कलह को कम नहीं कर पा रही है। जन आक्रोश रैली में कार्यकर्ता ही आक्रोशित होते दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में सत्ता की चाभी पाने की राह कितनी कठिन होगी यह तो वक्त ही बताएगा।

-अरविन्द द्विवेदी-
अनूपपुर,25 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)।
कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा के अनूपपुर पहुंचते ही कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों में आपसी गुटबाजी व मतभेद फिर से देखने को मिला। बीते दिवस जन आशिर्वाद यात्रा के प्रभारी कमलेश्वर पटेल के अनूपपुर आगमन पर कांग्रेस अपनी शक्ति प्रदर्शन कर लोगों को जोड़ना चाह रही थी। लेकिन कांग्रेस जिला अध्यक्ष के तुगलकी व्यवहार ने एक बार फिर कांग्रेस में फूट डालने का काम किया है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष के कार्यक्रम की रूपरेखा में भी जमकर गुटबाजी देखने को मिली। कांग्रेस कार्यालय में आयोजित आमसभा में न तो पूर्व जिला अध्यक्ष को जगह मिली और न ही पूर्व प्रत्याशी को कोई तबज्जो दी गई। कांग्रेस पदाधिकारियों के इस तरह के गुटबाजी का सीधा असर कार्यकर्ताओं में भी देखने को मिला जो कि अलग-अलग रैली और समर्थन के चक्कर में टूटते हुये दिखाई दिये।
तो.! किसके हाथ की कठपुतली बने रमेश सिंह
जिला कॉंग्रेस की कमान जब से रमेश सिंह के हाथों में आई है तब से आज तक वह महज एक कठपुतली नजर आ रहे हैं। वहीं कार्यकर्ताओं में खासा नाराजगी देखने को मिल रही है। कार्यकर्ताओं व आमजन में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर रमेश सिंह योग्य होते हुये भी किसके हांथ की कठपुतली बने हुये हैं। उनके कठपुतली होने का सबूत एक बार फिर जन आक्रोश यात्रा में देखने को मिला जहां पर वह महज पूर्व में बनाये गये योजना को पालन करते हुये दिखाई दिये।
जिला स्तरीय कार्यक्रम में पूर्व प्रत्याशी की उपेक्षा
कांग्रेस की जन आशिर्वाद यात्रा में पूर्व प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह समेत अन्य बड़े कार्यकर्ताओं की उपेक्षा देखने को मिली। कांग्रेस भवन में आयोजित कार्यक्रम में मंच में लगे बैनर से पूर्व प्रत्याशी की तस्वीर ही गायब हो गई। लोगों में चर्चा के दौरान सुना गया कि जिला अध्यक्ष पूर्व प्रत्याशी को अपना धुरविरोधी मानते हैं इसलिये किसी भी कार्यक्रम में मंच व अन्य जगहों पर लगे बैनर-पोस्टर में उनको जगह नहीं दी जाती है।
अलग-अलग धड़ों में दिखाई पड़ रही कांग्रेस
जिले में जन आशिर्वाद यात्रा के स्वागत को लेकर जहां पूर्व प्रत्याशी ने पूरी तैयारी की थी तो वहीं दूसरी ओर जिला अध्यक्ष का एक खेमा उनसे अलग दिखाई दिया। पूरे कार्यक्रम में कांग्रेस अलग-अलग धड़ों में दिखाई दिया। अपनी-अपनी ताकत दिखाने के चक्कर में कांग्रेस बिखरी हुई दिखाई दी। पूरी यात्रा में कार्यकर्ताओं में गुटबाजी देखने को मिली और कार्यकर्ता अपने-अपने पक्ष और नेताओं के इर्द-गिर्द घूमते दिखाई दिये। अब देखना यह होगा कि पूर्व प्रत्याशी व पूर्व जिला अध्यक्ष की उपेक्षा उनके समर्थकों को कहां तक भाती है।
पूर्व जिला अध्यक्ष को मंच में नहीं मिली जगह
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रही है कार्यकर्ताओं को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है लेकिन वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में अभी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की उपेक्षा का सिलसिला जारी है। आशिर्वाद यात्रा के दौरान अनूपपुर कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष को मंच में जगह नहीं दी गई। जिसके बाद से एक खेमा काफी नाराज दिखाई दिया। ऐसा नहीं हैं कि ऐसे पहली बार हुआ है बल्कि पूर्व में भी इस तरह की स्थिति कांग्रेस में देखी जा चुकी है।
अव्यवस्थित कार्यक्रम से परेशान हुये कार्यकर्ता
कांग्रेस की जन आशिर्वाद यात्रा पूरी तरह से अव्यवस्थित नजर आई। जहां आपसी गुटबाजी के कारण कार्यक्रम की सही रूपरेखा न होने से आधे कार्यकर्ता भ्रमित नजर आये तो वहीं कार्यक्रम में देरी होने के कारण कार्यकर्ताओं को काफी रात्रि तक इंतजार करना पड़ा। दूर-दराज से आये कार्यकर्ताओं को रात्रि में काफी समस्याएं हुई, वहीं कुछ कार्यकर्ताओं ने तो यह भी कहा कि इस तरह के कार्यक्रम की आड़ में हम कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है।


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