- पार्टी ने जो सर्वे कराया है उसमें आगे चल रहे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाएगी या फिर बड़े नेता की पूंछ पकड़ने वाले को मिलेगा मौका?
- क्या कांग्रेस पार्टी परफॉर्मेंस रिपोर्ट,सर्वे रिपोर्ट व एलआईबी रिपोर्ट पर भरोसा कर प्रत्याशी चुनेगी?
- परफॉर्मेंस रिपोर्ट खराब होने के बावजूद क्या बड़े नेताओं की पूंछ पकड़कर बनेंगे कुछ लोग उम्मीदवार?
- यदि सर्वे रिपोर्ट व एलआईबी रिपोर्ट पर प्रत्याशी तय हुए तो वेदांती तिवारी व अशोक जायसवाल मे से कोई एक हो सकता है विकल्प।
- बड़े नेताओं की महिमा की वजह से सभी पहलुओं को दरकिनार कर वर्तमान विधायक पर ही जताया जा सकता है भरोसा,यह भी संभावना।
- बैकुंठपुर विधानसभा में सत्ताधारी दल कांग्रेस से फिलहाल कई हैं विधानसभा चुनाव के लिए टिकट के दावेदार।
- क्या वर्तमान विधायक की टिकट हो पक्की इसके लिए सरगुजा पैलेस विरोधी गुट प्रदेश स्तर पर कर रहा प्रयास?
- सरगुजा पैलेस से बैकुंठपुर विधायक की बढ़ गई है क्या दूरी जो उन्हे लेना पड़ रहा है टिकट के लिए सरगुजा पैलेस विरोधियों का सहारा?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 24 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। विधानसभा 2023 का बिगुल फूंका जा चुका है और इस समय कशमकश है तो सिर्फ प्रत्याशियों के चयन की यदि वर्तमान में कांग्रेस यानी कि सत्ताधारी दल की बात की जाए तो इनका प्रत्याशी तय करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो चुका है, क्योंकि यह सत्ता में है और दोबारा सत्ता मैं बने रहना जरूरी है, इसलिए यहां पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर काफी कश्मकश है, खासकर अभिभाजित कोरिया जिले के तीनों विधानसभा सीटों पर, वैसे सत्ताधारी दल के लिए सारे विधायकों का सर्वे रिपोर्ट पार्टी के पास पहुंच चुका है, एलआईबी रिपोर्टिंग भी हो चुकी है और तरह-तरह के सर्वे कराए जा चुके हैं, सारी रिपोर्ट प्रत्याशी चुनने वाले समिति के टेबल पर रखी जा चुकी है, सिर्फ कुछ करना शेष बचा है तो वह है औपचारिक तौर पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा, बैकुंठपुर विधानसभा में वेदांती तिवारी व अशोक जायसवाल का नाम सबसे ऊपर एवम जिताऊ प्रत्याशी के रूप में सामने आ रहा है, सभी सर्वे रिपोर्ट या एलआईबी रिपोर्ट की बात की जाए तो यही दो नाम बैकुंठपुर विधानसभा में पार्टी को जीत दिला सकते हैं पर वही सारी रिपोर्ट को दरकिनार करके बड़े नेता के रिकमेंडेशन पर टिकट तय होता है तो वर्तमान विधायक को दोबारा मौका मिल सकता है।
वैसे सूत्रों का कहना है की बैकुंठपुर विधायक की टिकट पक्की हो इसके लिए सरगुजा पैलेस विरोधी एक गुट वह काफी जोर शोर से लगा हुआ है डटा हुआ है जिससे वर्तमान विधायक का टिकट किसी भी हाल में कटने न पाए। सरगुजा पैलेस विरोधी जिस गुट की बात बैकुंठपुर विधायक के लिए टिकट प्रयास को लेकर सामने आ रही है वह गुट टी एस सिंहदेव के लिए भी उनके विधानसभा में दिक्कत खड़ी करने वाला है आने वाले चुनाव में और फिलहाल बैकुंठपुर विधायक उसी गुट के साथ हैं जैसा सूत्रों का कहना है क्योंकि सरगुजा पैलेस विरोधी उक्त गुट को काफी प्रभावशाली माना जाता है प्रदेश की कांग्रेस पार्टी की राजनीति में। वैसे सभी बातें सूत्रों से मिल रही जानकारी अनुसार सामने रखी जा रही हैं वहीं बैकुंठपुर विधानसभा में यदि पार्टी किसी भी सर्वे या एलआईबी रिपोर्ट को आधार बनाकर यदि टिकट वितरण करेगी तो वेदांती तिवारी या अशोक जायसवाल के अलावा किसी का नाम सामने नहीं आएगा यह भी बड़ी सच्चाई है। वैसे हाल फिलहाल में बैकुंठपुर विधायक के लिए सरगुजा पैलेस विरोधी एक गुट जो काफी मेहनत कर रहा है उनके लिए टिकट तय कराने के लिए वह गुट बैकुंठपुर विधायक के लिए बैकुंठपुर विधानसभा में भी मेहनत कर रहा है और एक अलग संगठन अपने स्तर पर तैयार कर रहा है जो अंदरखाने फिलहाल मेहनत कर रहा है और टिकट मिलते ही वह पूरी तरह सक्रिय होगा तब उसकी पहचान भी सामने आ सकेगी की कौन कौन उस गुट से वर्तमान विधायक के साथ खड़ा है और मेहनत कर रहा है।
सरगुजा पैलेस से बैकुंठपुर पैलेस खासकर विधायक बैकुंठपुर की दूरियां बढ़ गई हैं
वैसे सरगुजा पैलेस विरोधी गुट के बैकुंठपुर विधायक के समर्थन में खड़े होने से यह भी बात सच होती नजर आ रही है जो पहले केवल लोग संभावना भर व्यक्त करते थे की सरगुजा पैलेस से बैकुंठपुर पैलेस खासकर विधायक बैकुंठपुर की दूरियां बढ़ गई हैं जो शायद आगे और खुलकर देखने सुनने को मिलने वाली खबर होगी जो फिलहाल दबी जबान लोग कह सुन रहें हैं। वहीं यदि इस बात में यदि जरा भी सच्चाई है जिसके अनुसार सरगुजा पैलेस विरोधी गुट का बैकुंठपुर विधानसभा में हस्तक्षेप यदि टिकट मामले में लेकर कांग्रेस में होने की बात सही है तो यह भी सरगुजा पैलेस के लिए बड़ा विचारणीय विषय हो जाता है, क्योंकि उनका पिछले चुनाव में योगदान बैकुंठपुर विधानसभा को लेकर सभी को ज्ञात है।
यह है प्रमुख दावेदार
खैर यदि बैकुंठपुर विधानसभा की आज की स्थिति सत्ताधारी दल को लेकर देखी जाए और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी से विधायक पद के लिए योग्य प्रत्याशी की बात की जाए तो फिलहाल तीन नाम ही फिलहाल बैकुंठपुर विधानसभा से सत्ताधारी दल के प्रत्याशी बतौर प्रमुख रूप से सामने हैं जिनमे एक स्वयं वर्तमान विधायक हैं वहीं दो अन्य में एक जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी का नाम है वहीं एक नाम पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जायसवाल का नाम प्रमुख है,वहीं यदि सर्वे रिपोर्ट की बात करें या एलआईबी रिपोर्ट की बात करें तो सत्ताधारी दल से सबसे ज्यादा संभावना जीत के करीब की संभावनाओं के साथ दो ही प्रत्याशी या दावेदारों का नाम प्रमुख रूप से सामने आता है जो सूत्रों का कहना है उसमे एक नाम जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी का है वहीं दूसरा नाम पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जायसवाल का नाम है। अब टिकट किसको मिलना है कौन प्रत्याशी सत्ताधारी दल कांग्रेस से होगा यह तो भविष्य के गर्भ का विषय है लेकिन माना जा रहा है और जनचर्चा है की वर्तमान विधायक के लिए यह चुनाव आसान चुनाव नहीं होने वाला और उन्हे विपक्षी उम्मीदवार से तो लड़कर जीत का मार्ग तय करने का प्रयास तो करना ही होगा वहीं उन्हे सत्ताधारी दल के संगठन और कार्यकर्ताओं को भी एक एक करके उन्हें विश्वास में लेना होगा जो फिलहाल उनसे काफी दूर नजर आ रहे हैं। वैसे सत्ताधारी दल का साफ संकेत लगातार जारी हो रहा है जिसमे पार्टी का सर्वे और विधायक के परफॉर्मेंस के आधार पर ही टिकट प्रदान करने की बात विधायकों के लिए की जा रही है और यदि वही फार्मूला पार्टी अपनाती है टिकट वितरण में तो वर्तमान विधायक के लिए टिकट पाना भी मुस्किल नजर आ रहा है।
सर्वे के आधार पर टिकट का होगा वितरण या बड़े नेताओं की पूंछ पकड़कर कर चल रहे दावेदार को मिलेगा अवसर?,टिकट वितरण के बाद स्थिति होगी स्पष्ट
सत्ताधारी दल की यदि बात की जाए तो प्रदेश के मुख्यमंत्री ने साफतौर पर यह कई बार कहा है और ऐसे संकेत उन्होंने दिए हैं की विधायक अपनी परफॉर्मेंस सुधारते हुए काम करें जिससे उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने में परेशानी न हो,परफॉर्मेंस सुधारने की चेतावनी भी विधायकों को कई बार मुख्यमंत्री दे चुके हैं,वहीं उसके बावजूद कई विधायकों का परफॉर्मेंस सुधर नहीं सका और जो पार्टी के ही सर्वे साथ ही एल आई बी रिपोर्ट से जानकारी पार्टी को मिलती रही है जैसा सूत्रों का कहना है।वहीं पार्टी के सर्वे में और एल आई बी रिपोर्ट अनुसार कई ऐसे भी दावेदारों और कांग्रेस नेताओं का नाम आगामी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बतौर सामने आया है जिनका जनाधार भी मजबूत है और उनके जीतने की संभावना भी अत्याधिक है कम से कम वर्तमान विधायक से ज्यादा अब पार्टी अपने सर्वे और एल आई बी रिपोर्ट के आधार पर जिताऊ प्रत्याशी को टिकट देती है या फिर उसे जो बड़े नेताओं की पूंछ पकड़कर मात्र टिकट की दौड़ में शामिल है यह बड़ा सवाल है वहीं यह सभी कुछ सभी आशंकाएं अब तभी समाप्त हो सकेंगी जब टिकट का वितरण कर दिया जायेगा और नाम तय कर दिया जायेगा की कौन किस विधानसभा से प्रत्याशी होगा।
बैकुंठपुर विधानसभा में सत्ताधारी दल,सर्वे रिपोर्ट,एलआईबी रिपोर्ट को अमान्य कर भी दे सकती है टिकट,सूत्रों के हवाले से जानकारी
बैकुंठपुर विधानसभा में सत्ताधारी दल टिकट वितरण मामले में सर्वे रिपोर्ट सहित एल आई बी रिपोर्ट को दरकिनार कर भी टिकट वितरण या प्रदान कर सकती है ऐसा सूत्रों के हवाले से खबर है। पार्टी यहां सभी संभावनाओं को दरकिनार कर जिसमे हार की संभावना प्रबल है वर्तमान विधायक पर ही दांव लगाएगी यह तय है यह सूत्रों का दावा है। टिकट की घोषणा के बाद इस बात पर मुहर भी लग जायेगी यह भी सूत्रों की तरफ से संकेत हैं। अब देखना है की क्या सूत्रों की बात सही साबित होती है क्या वर्तमान विधायक ही सत्ताधारी दल से प्रत्याशी बनाई जाती हैं। वैसे संभावना वर्तमान विधायक के तरफ ही इशारा कर रही हैं।
अंबिकापुर पैलेस विरोधी गुट कोरिया पैलेस के समर्थन में टिकट के लिए लगा रहा है पूरा जोर,वर्तमान विधायक को टिकट मिलने पर उनकी सफलता का राज,सूत्र
सूत्रों की यदि माने तो कोरिया पैलेस परिवार से ही बैकुंठपुर विधानसभा की वर्तमान विधायक आती हैं,वहीं सरगुजा पैलेस पिछले चुनाव में उनका सबसे बड़ा मददगार भी बना था और उनकी जीत भी सुनिश्चित हुई थी लेकिन इसबार की परिस्थिति बदली हुई है,सूत्र ही कहते हैं की बैकुंठपुर की वर्तमान विधायक को पुनः टिकट दिलाने सरगुजा पैलेस विरोधी गुट सबसे ज्यादा सक्रिय है। सरगुजा पैलेस विरोधी गुट हर स्तर पर इस प्रयास में लगा हुआ है की बैकुंठपुर की वर्तमान विधायक का टिकट किसी भी स्थिति में न कटने पाए।अब इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो पार्टी के जिम्मेदार ही इसका आंकलन कर सकते हैं लेकिन हाल फिलहाल की कुछ घटनाओं के बाद और सरगुजा पैलेस विरोधी गुट की कोरिया जिले के बैकुंठपुर विधानसभा में सक्रियता के बाद यह बात दमदार भी नजर आती है क्योंकि ऐसा कुछ यहां भी लोगों ने पार्टी के महसूस किया है।
क्या बैकुंठपुर विधायक की सरगुजा पैलेस से बढ़ चुकी है दूरी,क्या इसीलिए उन्हें लेना पड़ रहा है सरगुजा पैलेस विरोधी गुट से सहयोग
सरगुजा पैलेस के विरोधी गुट का बैकुंठपुर विधानसभा टिकट वितरण मामले में खासकर सत्ताधारी दल के विधायक के लिए वितरित किए जाने वाले टिकट मामले में हस्तक्षेप से यह भी सवाल उठता है की क्या वर्तमान बैकुंठपुर विधायक की सरगुजा पैलेस से दूरियां बढ़ गई है,क्या अब उन्हे सरगुजा पैलेस गुट से उम्मीद नजर नहीं आ रही है।वहीं यह सच है की सरगुजा पैलेस गुट से बैकुंठपुर विधायक की दूरी बढ़ चुकी है और उन्हे सरगुजा पैलेस गुट का समर्थन नहीं मिलने वाला इसलिए वह अब सरगुजा पैलेस विरोधी गुट से सहयोग प्राप्त कर रहीं हैं यह भी सूत्रों के दावे अनुसार सत्य नज़र आ रहा है।। वैसे सरगुजा पैलेस विरोधी गुट की यदि बात की जाए तो वह कोई भी कोर कसर बैकुंठपुर विधायक के लिए टिकट की मांग में नहीं छोड़ रहा है जैसा की सूत्रों का दावा है।
बैकुंठपुर की राजनीति में पहली बार होगा ऐसा जब टिकट वितरण में विधानसभा व जिले के नेताओं की कार्यकर्ताओं की बजाए अन्य जिले के नेताओं की होगी दखलंदाजी
कोरिया जिले की राजनीति की बात करें या कांग्रेस पार्टी के कोरिया जिले की राजनीति की बात करें दोनो ही स्थिति में ऐसा पहली बार होने जा रहा है की जिले की एकमात्र बची विधानसभा के लिए सत्ताधारी दल विधायक प्रत्याशी तय करने के लिए जिले की विधानसभा से बाहर के किसी बड़े नेता का कहना मानने वाली है। बैकुंठपुर विधायक का यदि टिकट तय होता है तो सूत्रों की बात सच होगी जिसके अनुसार सरगुजा से वर्तमान विधायक के लिए टिकट की मांग बड़े नेता कर रहें हैं वहीं बैकुंठपुर विधानसभा सहित कोरिया जिले से टिकट वितरण मामले में किसी पदाधिकारी या कार्यकर्ता का मत नहीं पूछा जा रहा है न उनसे सहमति ही ली जा रही है।वैसे यदि यह सच है तो यह भी देखने को आने वाले समय में मिलने वाला है की अब कोरिया जिले की राजनीति में खासकर सत्ताधारी दल की राजनीति में सरगुजा के कांग्रेस नेताओं की दखलंदाजी होगी वहीं जिले के पदाधिकारी कार्यकर्ता किनारे कर दिए जायेंगे।