- निजी नर्सिंग कॉलेज की बिजली व्यवस्था बाधित करने के मामले में नर्सिंग कॉलेज प्रबंधन ने खटखटाया था उच्च न्यायालय का दरवाजा।
- बैकुंठपुर शहर के निजी हॉस्पिटल संचालक डॉक्टर ने कटवाई थी नर्सिंग कॉलेज की बिजली।
- निजी हॉस्पिटल संचालक भाजपा नेता डॉक्टर के भवन में किराए से संचालित है निजी नर्सिंग कॉलेज।
- भवन किराए का आपस में है विवाद,भवन मालिक डॉक्टर ने इसलिए कटवाई बिजली,जिससे नर्सिंग कॉलेज संचालक हो परेशान।
- उच्च न्यायालय से नर्सिंग कॉलेज संचालक को मिला राहत,तत्काल बिजली व्यवस्था सुचारू करने उच्च न्यायालय ने दिया निर्देश।
- उच्च न्यायालय के आदेश पश्चात तत्काल बहाल हुई नर्सिंग कॉलेज बिजली व्यवस्था,117 छात्र छात्रा नर्सिंग कॉलेज में हैं अध्यनरत।
बैकुण्ठपुर 23 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है जिसके अनुसार एक निजी हॉस्पिटल के संचालक शहर के नामी डॉक्टर को उच्च न्यायालय से फटकार मिली है वहीं जिस डॉक्टर को यह फटकार मिली है वह भाजपा नेता भी हैं, विधानसभा सहित लोकसभा चुनाव में भाजपा से दावेदारी भी कर रहें हैं टिकट को लेकर वहीं वह हाल फिलहाल में काफी सेवा भाव भी प्रदर्शित कर रहे हैं जो देखने को मिल रहा है वहीं उच्च न्यायालय से ताजा मामले में मिली फटकार के बाद उनकी सेवा भावना सहित राजनीतिक छवि को काफी नुकसान पहुंचा है जिसकी भरपाई फिलहाल तो मुश्किल है की हो पाए।
मामला भवन किराए से जुड़ा बताया जा रहा है और जिसकी ही वजह से निजी हॉस्पिटल संचालक डॉक्टर ने अपने ही एक भवन में संचालित किराए से निजी नर्सिंग कॉलेज की बिजली कटवाई थी जिसकी शिकायत नर्सिंग कॉलेज संचालक ने उच्च न्यायालय में की जहां से डॉक्टर को फटकार मिली। डॉक्टर के भवन में किराए से संचालित नर्सिंग कॉलेज में फिलहाल 117 छात्र छात्रा नर्सिंग की पढ़ाई कर रहें हैं और उनकी पढ़ाई में व्यवधान मामले में उच्च न्यायालय ने त्वरित निर्णय दिया और फटकार के बाद डॉक्टर ने जो भवन मालिक हैं के द्वारा बिजली व्यवस्था तत्काल सुचारी रूप से जारी कराई गई और तब मामला ठंडा पड़ सका।
यह है मामला
बता दें की बैकुंठपुर शहर के बीचों बीच एक नर्सिंग कॉलेज संचालित है जो एक निजी हॉस्पिटल संचालक भाजपा नेता टिकट के भाजपा के सभी तरह के चुनाव के दावेदार डॉक्टर का भवन है जिसे उन्हे नर्सिंग कॉलेज संचालक को वर्ष 2016,2017 से किराए पर दे रखा है, इस बीच नर्सिंग कॉलेज संचालक सहित डॉक्टर के बीच किराए को लेकर विवाद हुआ और डॉक्टर ने नर्सिंग कॉलेज की छवि खराब करने साथ ही वहां पढ़ने वाले छात्र छात्राओं की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न कर नर्सिंग कॉलेज की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जिस प्रयास के दौरान डॉक्टर ने नर्सिंग कॉलेज की बिजली ही कटवा दी, मामला उच्च न्यायालय पहुंचा फिर निराकरण हो सका और फटकार के बाद बिजली व्यवस्था तत्काल बहाल हुई।
क्या डॉक्टर साहब दिखावे और स्वार्थ के लिए करते हैं सेवा?
सेवा यदि दिखावे और स्वार्थ के लिए करते हों तो मत कीजिए यह किसी के लिए भी कोई कहेगा, किसी की सेवा करनी हो तो मन से कीजिए, यह सही है की निस्वार्थ सेवा करना हर किसी के बस की बात नहीं है, आजकल नए नेता बनकर उच्च पद पर आसीन होने के लालच में समाज सेवा का ढोंग करने का रिवाज बढ़ रहा है, यह कहावत चरितार्थ करते हैं बैकुंठपुर के शर्मा अस्पताल के संचालक और नए नेता के रूप में उभरते डॉक्टर राकेश शर्मा जो न्यू लाइफ इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग कॉलेज के 8 साल अध्यक्ष के पद में रहे, डॉक्टर राकेश शर्मा ने न्यू लाइफ हेल्थ एंड एजुकेशन सोसाइटी के साथ नर्सिंग कॉलेज चलाने के लिए एक आपसी समझौता किया था, जिसके अनुसार मेन रोड बैकुंठपुर में बैंक आफ इंडिया के बगल में स्थित भवन में न्यू लाइफ नर्सिंग कॉलेज का संचालन किया जा रहा है, आपसी सहमति के अनुसार महाविद्यालय एवं हॉस्टल के लिए भवन एवं प्रशिक्षण के लिए अस्पताल की जिम्मेदारी डॉक्टर राकेश शर्मा की थी, क्योंकि डॉक्टर शर्मा का स्वयं का अस्पताल भी है तो स्वयं का भवन और अस्पताल होने के कारण नर्सिंग कालेज संस्था से भवन का किराया न लिए जाने की सहमति डॉ राकेश शर्मा ने दी थी, पर बाद में नियत ख़राब हुआ और विवाद शुरू हुआ। जिसके बाद डॉक्टर साहब का दिखावे और स्वार्थ वाली सेवा से नकाब हट गया।
क्या यहां से खत्म हुई डॉक्टर शर्मा की सेवा की उनकी अंदरूनी भावना?
सोसाइटी से हटते ही डॉक्टर शर्मा का सेवा भाव सारा खत्म हो गया और सिर्फ कमाई का भाव दिखने लगा, न्यू लाइफ नर्सिंग समिति से आपसी समझौता के बाद भी नियम विरुद्ध संस्था पर दबाव बनाकर डॉ राकेश शर्मा छात्रावास का किराया रुपए 1000 प्रति माह प्रति विद्यार्थी के हिसाब से ले रहे हैं, संस्था में बीएससी नर्सिंग के 117 छात्र छात्राएं अध्यनरत हैं उनके भविष्य की चिंता किए बगैर डॉ राकेश शर्मा के द्वारा संस्था के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर ढाई लाख रुपए प्रति माह की अनुचित मांग न्यू लाइफ संस्था से किया जाने लगा और ढाई लाख रुपए का किराया नहीं देने की दशा में नर्सिंग कॉलेज भवन के पिछले हिस्से को एचडीएफसी बैंक को किराए से देने की प्रक्रिया करने लगे, संस्था ढाई लाख रुपए प्रति माह किराया देने में असमर्थ थी तो उसने एसडीएम जो की भाड़ा नियंत्रक अधिकारी होता है को भवन का भाड़ा तय करने के लिए आवेदन दिया, एसडीएम बैकुंठपुर ने डॉक्टर राकेश शर्मा को निर्देशित किया कि संस्था का किराया निर्धारित होने तक यथा स्थिति बनाए रखें, लेकिन इन्होंने निर्देशों को दरकिनार कर अपना सेवा भाव का मुखोटा ही दिखा बता दिया की सेवा भाव सिर्फ दिखावा है।
न्यू लाइफ इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग कॉलेज की कटवा दी बिजली
लेकिन पहुंच एवं पैसे के अहंकारी को नियम कानून की परवाह कहां होती है उन्होंने एसडीएम के आदेश को न मानते हुए अपने पहुंच का दुरुपयोग करके इंसानियत की सारी मर्यादाएं तोड़कर 12 सितंबर को छात्रावास की बिजली कटवा दिए, नेता बनने के लिए समाज सेवक का ढोंग रचने वाले डॉक्टर राकेश शर्मा ने यह भी नहीं सोचा कि अचानक बिजली कटवा देने का अमानवीय कार्य करने से समाज में क्या संदेश जाएगा ऐसे समय में जब वह विधायक या सांसद बनने का सपना संजोए बैठे हैं, कहा जाता है कि अपने लगाए हुए बगीचे को माली स्वयं नहीं उजाड़ता, यह संस्था डॉक्टर राकेश शर्मा की सोच से ही शुरू हुई थी लेकिन पैसों के लालच में डॉक्टर राकेश शर्मा उसकी भी परवाह नहीं किए और अपना ही लगाया हुआ बगीचा उजाड़ने लगे।
क्या मेधावी छात्र छात्राओं के सम्मान समारोह का आयोजन भी दिखावा था?
कुछ दिनों पूर्व डॉक्टर राकेश शर्मा द्वारा मेधावी छात्र छात्राओं का सम्मान समारोह आयोजित कर उसमें कहा गया था कि बच्चे देश के भविष्य हैं बच्चों को जब भी कोई आवश्यकता हो उन्हें याद करें और अपने ही परिसर में अध्यनरत छात्राओं को अंधकार में डालने में एक बार भी वह नहीं हिचकिचाये , यह कैसी समाज सेवा है डॉ राकेश शर्मा के इस कृत्य की हर जगह निंदा हो रही है संस्था ने इसकी सूचना थाना प्रभारी बैकुंठपुर को दिया जिसमें लिखा कि एसडीएम के यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश के बाद भी 12 सितंबर को दोपहर 1:30 बजे संस्था को बिना सूचना दिए बिजली का कनेक्शन काट दिया गया।
डॉ शर्मा ने कटवाया बिजली तो विद्यार्थियों की बढी समस्या
अपना भवन खाली करने के लिए डॉक्टर शर्मा ने छात्रों के भविष्य के साथ ही खिलवाड़ करना शुरू कर दिया, भवन की बिजली कटवा दी और परेशानी बढ़ाई अध्यनरत छात्र छात्राओं की, डॉ राकेश शर्मा के इस कृत्य से संस्था के विद्यार्थियों के अध्ययन में अवरोध उत्पन्न हो रहा है तथा विद्यार्थियों को भीषण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, संस्था को बदनाम एवं परेशान करने की कोशिश डॉक्टर राकेश शर्मा के द्वारा बार-बार की जा रही है जो कि अपराध की श्रेणी में आता है, डॉ राकेश शर्मा राजनीतिक पकड़ वाले व्यक्ति हैं तथा संस्था में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के साथ कोई अप्रिय घटना कारित कर सकते हैं।यह भी संस्था उनके ऊपर आरोप लगा रहा है।
लेना पड़ा उच्च न्यायालय का सहारा
इन सबके बीच न्यू लाइफ समिति उच्च न्यायालय पहुंचकर अपने साथ डॉक्टर राकेश शर्मा के द्वारा किए जा रहे अत्याचार की याचिका दायर की जिसके पहले ही सुनवाई पर माननीय उच्च न्यायालय ने तत्काल बिजली व्यवस्था बहाल करने का आदेश पारित किया और उसके बाद बिजली विभाग ने न्यू लाइफ संस्था की बिजली कनेक्शन व्यवस्था को बहाल किया। जो छात्र-छात्राओं को यदि कोई सुविधा न प्रदान कर सके तो कम से कम उनके लिए मुसीबत ना बने, लोग दबी जुबान कह रहे हैं कि अभी स्वास्थ्य विभाग डॉक्टर शर्मा अस्पताल में संचालित अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने की तैयारी में है जिसके लिए उन्हें नोटिस दिया गया है यह उन्हीं विद्यार्थियों की आह लगी है जिन्होंने 8 दिन तक बिना लाइट के मुसीबत का सामना करते हुए बिताया है, सब की निगाहें स्वास्थ्य विभाग के द्वारा समाजसेवी डॉक्टर राकेश शर्मा को दिए गए नोटिस के जवाब और स्वास्थ्य विभाग की आगामी कार्रवाई पर है।
तीर्थ यात्रा कराने की सिर्फ घोषणा की, कराया नहीं
खबर है कि एक रामायण मंडली में पहुंचे डॉक्टर राकेश शर्मा इतने प्रभावित हुए थे की प्रतिमाह 27 लोगों को अयोध्या एवं वैष्णो देवी की तीर्थ यात्रा कराने की घोषणा उन्होंने किया था, उनके द्वारा कितने तीर्थ यात्रियों को प्रतिमाह अयोध्या और वैष्णो देवी भेजा जा रहा है इसका लेखा-जोखा उन्हीं के पास होगा जो कि समय आने पर उनको माइक से जनता को बताना पड़ेगा, लेकिन असल तीर्थ यात्रा तो कुछ और ही है।