बैकुण्ठपुर@विधानसभा की दावेदारी कर शैलेष शिवहरे दिखा रहे अपना दम

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  • पोस्टर,बैनर,कटआउट से लेकर दीवार लेखन में भी आगे।
  • प्रचार वाहन के साथ क्षेत्र में निकलकर हाट बाजारो में चल रहा जनसंपर्क
  • आए दिन किसी न किसी आयोजन के माध्यम से लोगो से मिलने का जारी है क्रम
  • पूर्व मंत्री भैयालाल का टिकट कटा तो शिवहरे को मिल सकता है मौका

रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 19 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। विधानसभा का चुनाव अब काफी करीब आ चुका है, प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने पहले चरण मे 21 प्रत्याशियों का ऐलान कर सभी को चैका दिया है तो वहीं अब बाकी अन्य दावेदार क्षेत्र में काफी सक्रिय दिखलाई देने लगे है। भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व इस बार छत्तीसगढ पर पूरा फोकस कर रहा है,यही कारण है कि प्रदेश में ओम माथुर जैसे दिग्गज भाजपा नेता ने प्रदेश प्रभारी बनने के बाद पिछले कई महीनो से डेरा डाल रखा है। तो वहीं बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र में भी भारतीय जनता पार्टी में दावेदारों ने पार्टी को विचार करने पर मजबूर कर दिया है,इस बार बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े की टिकट कटने की संभावना भी जताई जा रही है, इस संभावना के बाद अब अन्य दावेदार पूरी तरह से जनता के बीच दिखलाई पड़ रहे हैं। दावेदारी के क्रम में भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष व बैकुंठपुर के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष शैलेष शिवहरे के द्वारा पूरे क्षेत्र में एक माहोल बनाने का प्रयास किया गया है,उन्होने दावेदारी में जमकर शक्ति प्रदर्शन किया है।
आखिर क्यों कट सकता है पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े का टिकट
राजनैतिक जानकारो का कहना है कि यदि समीकरण पर गौर किया जाए तो इस बार बैकुंठपुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी नए चेहरे को मौका दे सकती है। इसके पीछे कारण यह बतलाया जा रहा है कि पहले चरण के टिकट बंटवारे मे पार्टी ने भंटगाव सीट से पहली बार राजवाड़े समाज को टिकट दिया है,पूर्व में पार्टी द्वारा सरगुजा संभाग में एकमात्र सीट बैकुण्ठपुर सीट से चार बार पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े को टिकट देकर समाज को साधने का प्रयास किया गया, हलांकि बैकुंठपुर सीट पर प्रत्याशी उतारे जाने के बाद भी सुरजपूर,भटगांव आदि विधानसभा क्षेत्र में कोई खासा प्रभाव नही पड़ा और भाजपा को नुकसान ही उठाना पड़ा था,इसी वजह से पार्टी ने इस बार रणनीति बदलते हुए भटगांव से राजवाड़े समाज को टिकट देकर नया दांव खेला है। बतलाया जाता है कि इसके बाद एक ही संभाग में उसी समाज को पार्टी दोबारा टिकट देगी,इसकी संभावना काफी कम है। जानकारो का कहना है कि पार्टी ने भैयालाल राजवाड़े को 4 बार लगातार उम्मीदवार बनाया है,जिसमें 2003 के पहले चुनाव में वे पूर्व वित्तमंत्री स्व डॉ. रामचंद्र सिंहदेव से लगभग 5 हजार  मतो से चुनाव हार गए। वर्ष 2008 के चुनाव में कांग्रेस के वेदांति तिवारी से लगभग 5000 मतो के अंतर से जीत दर्ज की,और फिर संसदीय सचिव बनाये गए। वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस के वेदांति तिवारी ने पुनःकड़ी टक्कर दी और बमुश्किल श्री राजवाड़े 1000 से चुनाव जीत पाए जिसके बाद प्रदेश में उन्हे केबिनेट मंत्री बनाया गया। वहीं 2023 के चुनाव में पार्टी ने फिर उन्हे उम्मीदवार बनाया और राजपरिवार की सदस्य अंबिका सिंहदेव से श्री राजवाड़े लगभग 5000 मतो से चुनाव हार गए। हलांकि प्रदेश में भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया था जिसके बाद यह निष्कर्ष निकला कि प्रदेश में पुराने चेहरो से जनता में नाराजगी थी यदि अधिकांश सीट पर चेहरे बदल दिए जाते तो इतना बुरा हाल नही हुआ रहता। और जनता की नाराजगी भाजपा को बैकुंठपुर सीट पर भी झेलनी पड़ी जिससे यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई,अब कयास लगाये जा रहे हैं कि इन सभी बातो को ध्यान में रखते हुए पार्टी यहां से नए चेहरे पर दांव लगा सकती है।
साहू समाज की संख्या ज्यादा लेकिन बड़ा चेहरा नही होने से दावेदारी खत्म
क्षेत्र में यह बात प्रचलित थी कि बैकुंठपुर विधानसभा सीट पर राजवाड़े समाज के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है,इस आधार पर पार्टी ने पिछले चार चुनाव में राजवाड़े समाज से टिकट दिया था,लेकिन दो चुनाव में हार और दो चुनाव में जीत मिली मतलब मुकाबला बराबरी का रहा है। अब यह बात सामने आ रही है कि बैकुंठपुर क्षेत्र में राजवाड़े समाज नही बल्कि साहू समाज के मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है,एक अनुमान के मुताबिक राजवाड़े समाज के मतदाताओं की संख्या लगभग 18 हजार के करीब है जबकि साहू समाज के मतदाताओं की संख्या लगभग 26 हजार है तो वही गोड़ समाज के मतदाताओं की संख्या 40 हजार के भी पार है। बीच में यह बात सामने आ रही थी कि बैकुंठपुर विधानसभा सीट से भाजपा साहू समाज को भी टिकट दे सकती है किंतु पार्टी स्तर से सर्वे में यह निष्कर्ष निकला कि इस क्षेत्र में साहू समाज से ऐसा कोई भी बड़ा चेहरा जनता के बीच मौजूद नही है जो सर्वमान्य हो और जिताउ हो। जिससे कि इस सीट पर साहू समाज को टिकट मिलने की उम्मीद भी खत्म हो गई है,हलाकि साहू समाज अभी भी सरगुजा संभाग में एक सीट पर साहू समाज को टिकट देने की मांग कर रहा है।
शैलेष शिवहरे के नाम पर विचार कर सकती है पार्टी
क्षेत्र में इस बार भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष शैलेष शिवहरे ने पूरे दमखम के साथ अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है,पिछले कई माह से वे लगातार ग्रामीण क्षेत्रो को दौरा करते हुए देखे जा रहे हैं,उनकी दावेदारी के बाद पार्टी में नए समीकरण भी देखने को मिल रहे हैं। श्री शिवहरे पूर्व मंत्री श्री राजवाड़े के भी करीबी रहे हैं सभी समाजो से उनकी मधुरता है,लोकप्रियता में भी उनकी कही कोई कमी नही है,यह कहा जा सकता है कि श्री राजवाड़े के बाद वर्तमान मंे भाजपा के पास शैलेष शिवहरे के कद का दूसरा नेता नही है जो जनता में सर्वमान्य हो,इन सभी बातो को देखते हुए कयास लगाया जा रहा है कि भैयालाल राजवाड़े को टिकट कटने की स्थिति में भाजपा शैेलेष शिवहरे को भी टिकट दे सकती है।
क्षेत्र में जारी है जनसंपर्क का दौर
पूर्व में प्रदेश प्रभारी ओम माथुर समेत कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने बयान दिया था कि पार्टी इस बार कई सीटों पर नए चेहरे को मौका दे सकती है,इसके बाद प्रदेश भर में नए चेहरो की दावेदारी बढी है,बैकुंठपुर सीट पर भी नए चेहरे के रूप में शैलेष शिवहरे की दावेदारी मजबूत हुई है,उनके द्वारा अपना जनसंपर्क काफी तेजी से बढाया गया है।
पोस्टर,बैनर,दीवार लेखन में भी आगे
भाजपा से टिकट की दावेदारी के करते हुए शैलेष शिवहरे ने प्रचार अभियान को भी गति दी है,पहली बार विधानसभा क्षेत्र में किसी दावेदार का इतना प्रचार प्रसार देखा जा रहा है,पूरे क्षेत्र में श्री शिवहरे द्वारा दीवार लेखन कराया गया है,जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर से लेकर अन्य क्षेत्रों में दीवारों पर पोस्टर भी लगाया गया है,वहीं कई जगह पर बैनर लगाकर भी प्रचार किया जा रहा है।
प्रचार वाहन लेकर हाट बाजारो मे जारी है जनसंपर्क
दावेदारी करते हुए भाजपा जिला उपाध्यक्ष ने इस बार एक प्रचार वाहन भी तैयार कराया है जिसमें बदलबो बदलबो ए दारी कांग्रेस सरकार ला बदलबो की थीम के साथ पूरे विधानसभा क्षेत्र के और खासकर हाट बाजारों में वाहन के माध्यम से प्रचार किया जा रहा है साथ ही पंपलेट वितरण कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया गया है।
आयोजन कराकर जनता के बीच बनी है खासी पकड़
शैलेष शिवहरे की पहचान एक धार्मिक व्यक्ति के रूप में भी बनी हुई है,वे देवरहा समिति के अध्यक्ष भी है,इस समिति द्वारा बैकुंठपुर क्षेत्र में वर्ष भर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, उनके धार्मिक आयोजनों में महिला वर्ग की अच्छी खासी मौजूदगी रहती है। सामाजिक कार्यक्रम में भी इनकी सक्रियता रहती है,किसी परिवार में निधन होने पर समिति द्वारा निःशुल्क लकड़ी की व्यवस्था अंतिम संस्कार के लिए की जाती है। इन सभी माध्यम से श्री शिवहरे की लोकप्रियता काफी अधिक है।परिवर्तन यात्रा से पहले शहर को शैलू मय किया गया
भाजपा की परिवर्तन यात्रा आज मंगलवार को बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र में आ रही है, यात्रा कुड़ेली से जिले में प्रवेश करेगी,जिसके बाद बैकुंठपुर पहुंचेगी और सभा के बाद रात्रि विश्राम होगा। यात्रा को लेकर बैकुंठपुर क्षेत्र में शैलेष शिवहरे द्वारा काफी प्रचार प्रसार किया गया है,यात्रा के पूरे मार्ग में बैनर पोस्टर लगाये गए है,बैकुंठपुर शहर को भी शैलेष मय कर दिया गया है,बड़े बड़े पोस्टर लगाकर माहोल बनाया जा रहा है।
क्या समाजिक राजनीति क्षेत्र में हो रही हावी,पड़ेगा बुरा असर?
पिछले कई चुनाव में बैकुण्ठपुर से राजवाड़े समाज को टिकट दिया गया अब इसी कड़ी में साहू समाज भी दावेदारी कर रहा है। यह यह बात अहम है कि जिस समाज के ज्यादा वोटर होंगे अब उसी समाज पर पार्टी भी फोकस करने लगी है,लेकिन यह राजनीति कहीं से उचित नही है। यदि किसी भी पार्टी का उम्मीदवार सिर्फ जातिवादी राजनीति पर उतारू होता है तो यदि अन्य समाज मिलकर एक हो जाए और उसके खिलाफ वोट करे तो परेशानी पैदा हो सकती है। जब किसी भी समाज को नेतृत्व का मौका मिल जाता तो उसके द्वारा अपने समाज को ज्यादा महत्व देकर अन्य समाजों को नीचा भी दिखलाया जाता है। जातिवाद की राजनीति इस क्षेत्र में अब घातक साबित हो रही है।
परिवर्तन यात्रा के बाद जारी हो सकती है भाजपा की दूसरी सूची
भाजपा ने 21 सीटो पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा अगस्त माह में किया था,जिसके बाद हर दूसरे दिन यह कयास लगाया जा रहा था कि अब दूसरी सूची जल्द आएगी,लेकिन इसी बीच अब खबर मिल रही है कि विरोध को देखते हुए पार्टी ने रणनीति बदल दिया है और अब पूरी संभावना है कि प्रदेश में भाजपा द्वारा निकाली गई परिवर्तन यात्रा के समापन के बाद पार्टी दूसरी सूची जारी करेगी।


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