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अंबिकापुर@भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा आरंभ

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‘पुरूष सन्यास लेकर त्याग करता है,महिला विवाह के बाद गृहस्थ में रहते हुए निरंतर तप करती है’

अंबिकापुर, 19 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। भव्य कलश यात्रा के साथ सोमवार को श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महोत्सव का शुभारंभ हुआ। राम मंदिर से कलश यात्रा शहर होते हुए कथा स्थल कला केंद्र पहुंची। इस दौरान भव्य झांकी के साथ ही भजनों की अमृत वर्षा के बीच उत्साह से महिलाएं बच्चे नाचते झूमते कलश यात्रा में शामिल हुए। जगह-जगह पुष्प वर्षा कर लोग कलश यात्रा का स्वागत किया। कलश यात्रा का भव्य स्वरूप देखते ही बन रहा था, कथा स्थल पर कलश स्थापना के साथ कथा वाचक परम पूज्य रमेश भाई ओझा के मुखारविंद से कथा वाचन प्रारंभ किया गया है।
कला केंद्र मैदान में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव मानहेरू परिवार के द्वारा पितृ मोक्षार्थ गया श्राद्धत किया गया है आकर्षक ढंग से पंडाल को सजाया गया है।कलश पूजन के पश्चात कला केंद्र मैदान में कथा प्रारंभ हुआ विश्व प्रसिद्ध कथावाचक रमेश भाई ओझा के श्री मुख से प्रेम धारा की वर्षा हो रही है उन्होंने पहले दिन कथा वाचन करते हुए कहा कि हमारे समाज में भले ही पुरुष के गृहस्थ त्याग को अहम स्थान दिया गया है, मगर एक स्त्री जो विवाह के बाद अपना घर त्याग कर पति के गृहस्थ को जिस निष्ठा से संभालती है वह पुरुष के त्याग से कहीं ज्यादा बड़ा और समाज के सशक्त निर्माण का श्रोत है। पुरूष सन्यास लेकर त्याग करता है, महिला विवाह के बाद गृहस्थ में रहते हुए निरंतर तप करती है। उन्होंने कहा कि कथा सुनने से पहले आवश्यक है कि कथा के मूल आधार और इसके संकल्प को पहले समझ लें। उन्होंने कहा कि संकल्प समर्पण के भाव से होता है।उन्होंने कहा कि एक स्त्री का तप और त्याग उसी दिन से शुरू हो जाता है जब वह विवाह कर पराए घर और उसके गोत्र को वैसे ही अपना लेती है जैसे एक सन्यासी गृहस्थ छोडऩे के बाद अपना घर और गोत्र छोड़ देता है। स्त्री विवाह के बाद समाज के नवनर्मçाण के लिए अपना योगदान देना शुरू करती है। यह त्याग नहीं कठिन तपस्या है जो किसी पुरुष के बूते संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि एक पुत्र के जन्म से मां का भी जन्म होता है वहीं बहु के आने से ही किसी स्त्री को सास का दर्जा मिलता है। अगर घर में पति बेटा और सास अपने निर्माण के प्रतीक स्त्री का वैसा ही सम्मान करे जैसा खुद चाहता है तो गृहस्थ खुशहाल और सुदृढ़ होगा। कथावाचन के पूर्व आयोजक सूरजपुर व सरगुजा के माननेहरू परिवार ने शहर में भव्य कलश यात्रा राम मंदिर से निकाली कलश यात्रा में आकर्षक झांकी देखते ही बन रही थी जगह-जगह लोगों ने कलश यात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।नगर के मुख्य मार्गों से होते यह यात्रा कलाकेन्द्र मैदान पहुंची जहां कलश स्थापना के साथ श्रीमद भगवत ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ शुरू हुआ। इस अवसर पर दीप प्रज्जवलन के लिए खाद्यमंत्री अमरजीत भगत, बीस सूत्रीय क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल, गौ सेवा आयोग के सदस्य अटल यादव के साथ आयोजक परिवार ने दीप प्रज्जवलन किया। यह कथा प्रतिदिन दोपहर तीन से पांच बजे तक 24 सितंबर तक चलेगी। मंगलवार को को नारद संवाद एवं भीष्म चरित्र का वर्णन किया गया आज 20 सितंबर को प्रहलाद चरित्र नरसिंह अवतार,21 सितंबर को श्री कृष्ण जन्मोत्सव, 22 सितंबर को गोवर्धन पूजा,23 सितंबर को रुकमणी विवाह,24 सितंबर को सुदामा चरित्र की रसधारा होगी और हवन व विशाल भंडारे के साथ भागवत कथा का समापन होगा। पहले दिन कथा को सुनने के लिए मानहेरू परिवार के अलावे शहर के धर्म प्रेमी बंधु कथा स्थल पर पहुंचे थे इस पावन आयोजन को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को कथा का श्रवण कर पुण्य लाभ लेने का आग्रह किया गया है ।
राजकीय अतिथि का दर्जा
सरगुजा में पहली बार पधारे कथावाचक श्री रमेश भाई ओझा को राज्य सरकार ने राजकीय अतिथि का दर्जा दिया। राज्य सरकार की ओर से खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने कथा स्थल पहुंचकर उनका स्वागत किया।


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