अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पार्षदों सहित दो सैकड़ा ग्रामीण आंदोलन में रहें शामिल
-अरविन्द द्विवेदी-
अनुपपुर,18 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। एसईसीएल प्रबंधन खान सुरक्षा अधिनियम की जमकर अनदेखी कर रहा है जिसके कई उदाहरण राजनगर ओपनकास्ट कोयलांचल में देखने को मिल रहे हैं। राजनगर ओपन कास्ट जो की पूर्व में संचालित होने पर डामरीकरण सड़क को पूरी तरह से डिस्मेंटल कर दिया गया जिससे कि डोला राजनगर व पोराधार आवागमन करने वाले लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। वही किसी कादर जनता द्वारा आवागमन किया जा रहा था लेकिन अभी हाल ही में पुनः संचालित राजनगर ओपन कास्ट द्वारा अन्य सड़क को भी अपने कोयला परिवहन में लिया गया जिसमें कोयले से लोड भारी वाहन का परिवहन किया जाना शुरू हो गया जिससे कि सड़क पूरी तरह से जर्जर की स्थिति में हो गई। साथ ही हैवी ब्लास्टिंग से नगर परिषद डोला में निवास कर रहे लोगों के घरों में दरारें भी पड़ने लगी जिसके लिए पूर्व में ग्रामीणों द्वारा आंदोलन भी किया गया लेकिन किसी भी प्रकार की सुनवाई प्रबंधन द्वारा नहीं की गई जिस पर आज आक्रोशित होकर दिनांक 17 सितंबर 2023 को अध्यक्ष उपाध्यक्ष पार्षद सहित दो सैकड़ो ग्रामीणों ने राजनगर ओपन कास्ट पहुंचकर कोयला परिवहन को बंद कराया और मांग की गई कि जब तक कालरी प्रबंधक द्वारा निस्तार के लिए सड़क की व्यवस्था नहीं की जाती तब तक कोयला परिवहन बंद रहेगा। मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 1996/97 में राजनगर ओपन कास्ट खदान की शुरुआत की गई थी जिस पर डोला से पौराधार,राजनगर की ओर जाने वाली एकमात्र सड़क को कालरी प्रबंधन ने कोयला परिवहन के लिए यूज कर रही थी व उसके एवज में लोगों को आवागमन करने के लिए कच्ची सड़क का निर्माण किया गया था लेकिन अभी हाल फिलहाल में संचालित राजनगर ओपन कास्ट द्वारा कोयला परिवहन के लिए उक्त कच्ची सड़क को भी यूज में लिया जा रहा जिससे कि कोयले के भारी भरकम वाहनों के आवागमन करने से पूरी सड़क जर्जर हालत में हो चुकी है साथ ही गढ़ों में तब्दील है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजनगर गुरुवार को बिजुरी से राजनगर की ओर जा रहे थे जिस पर रास्ते में निर्मित गढ्ढे में बाइक स्लिप हो गई और पूरी तरह से कीचड़ में सन गए। यह सब जानकारी कालरी प्रबंधक को होने के बाद भी अधिकारी धृतराष्ट्र की तरह आंखों में पट्टी बांधे हुए बैठे हैं।
इनका कहना है
डोला से राजनगर को जाने वाली एकमात्र सड़क जिसका पूर्णता उपयोग कालरी द्वारा कोयला परिवहन के लिए किया जा रहा। जो गड्ढों में तब्दील हो चुकी है जिससे कि ग्रामीणों को आवागमन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा। अगर दो दिवस के अंदर सड़क का समतलीकरण नहीं किया जाता है तो ग्रामीण आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे जिसके जिम्मेदार कालरी प्रबंधक होगी।
राकेश पाण्डे
भाजपा नेता डोला
क्षेत्र में खदान संचालित है फिर भी क्षेत्र की जनता मूलभूत सुविधा विहीन है और जिसके जिम्मेदार कालरी प्रबंधक है। अगर समय रहते क्षेत्र को सुविधा नहीं मिलती तो इसका विरोध किया जाएगा।
रविशंकर तिवारी
उपाध्यक्ष नगर परिषद डोला