बैकुण्ठपुर@क्या पटना तहसीलदार भाजपा के पूर्व विधायक एवम पूर्व गृहमंत्री की बहु हैं,इस वजह से कर रही हैं मनमानी?

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  • पटना तहसीलदार के कार्य प्रणाली को लेकर लोगों में आक्रोश,प्रकरणों के निराकरण में नहीं दिखा रहीं हैं वह दिलचस्पी।
  • चांदनी कंवर के तहसीलदार बनने से पटना तहसील कार्यालय की व्यवस्था चरमराई,जमीन संबंधित प्रकरणों पर नहीं हो पा रही समय पर सुनवाई।
  • तहसीलदार के द्वारा भाजपा नेताओं के कार्यों को प्राथमिकता देने सहित उन्हे ही सुनने का आरोप:सूत्र।
  • पटना तहसील कार्यालय में लोगों के काम नहीं हो पा रहे समय पर,काटना पड़ रहा है लोगों को कई बार चक्कर।

-रवि सिंह-

बैकुण्ठपुर 16 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले का नवीन पटना तहसील कार्यालय इस समय सुर्खियों में है पर बेहतर काम को लेकर नहीं बल्कि खराब कार्यप्रणाली को लेकर तहसील सुर्खियों में है, इस तहसील कार्यालय में प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर को तहसीलदार बनाया गया है और जिन्हें तहसीलदार का पद दिया है उनका नाम चांदनी कंवर है और चांदनी कंवर भाजपा सरकार के पूर्व गृह मंत्री रामसेवक पैकरा  के तीसरे बेटे की पत्नी हैं, मतलब उनकी बहू हैं पर उनकी कार्यप्रणाली इस समय लोगों के लिए परेशानी बनी पड़ी है, कोई भी कार्य समय पर नहीं हो रहा है सारे काम कछुए की चाल से हो रहे हैं, या कहे तो हो ही नहीं रहे हैं, कार्यालय में फाइल का बोझ बढ़ रहा है प्रकरण बढ़ रहे हैं पर उसके निपटारे को लेकर तहसीलदार महोदय का बिल्कुल भी रुचि नहीं दिख रहा है। तहसील कार्यालय में रोजाना सैकड़ो लोगों की भीड़ लगी रहती है और उनसे पूछे जाने पर उनका कहना यह है कि उनका काम नहीं हो रहा है, कई दिनों से उन्हें अलग-अलग तिथियां में बुलाया जाता है और काम ना होने पर उन्हें फिर से बिना काम सिद्ध हुए वापस लौटना पड़ता है अब ऐसे में सवाल यह उठता है क्या वह राजनीतिक से जुड़े हुए व्यक्ति  की बहू है इस वजह से मनमानी कर रही हैं?
पटना तहसील कार्यालय से परेशान लोगों के बताए अनुसार तहसीलदार चांदनी कंवर भाजपा शासनकाल के पुर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा के तीसरे बेटे की पत्नी हैं, यह वर्तमान में तहसील पटना में तहसीलदार के प्रभार में है, साथ ही यह भाजपा पार्टी की विचारधारा से प्रेरित हैं ऐसा मिली जानकारी अनुसार पता चल रहा है, लेकिन यदि इनकी कार्यप्रणाली की बात की जाए तो किसी के द्वारा आय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया है तो कम से कम संबंधित व्यक्ति को 05 चक्कर हर तीन दिन में लगाएगा, तब कहीं जाकर चांदनी कंवर आय प्रमाण पत्र जारी करती हैं, इसी तरह अविवादित नामांतरण बंटवारा के प्रकरण में जब सभी पक्ष आपस में राजी हैं तो भी यह बंटवारा प्रकरण का निराकरण नहीं करती हैं, इनके पास जाकर निवेदन करने पर संबंधित प्रकरण अपनी डायरी में लिख लेती हैं और संबंधित व्यक्ति जितनी बार भी बंटवारा प्रकरण निराकरण के लिए चांदनी कंवर के पास जाता है, अपनी डायरी में वो टिक करती रहती हैं, लेकिन निराकरण नहीं करती, चुंकि चांदनी कंवर डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुई हैं, लेकिन इन्हें तहसीलदार का चार्ज दे दिया गया है, संभवतः ऐसा भी हो कि इन्हें यह पद पसंद नहीं हो।
बीजेपी नेता  को समय प्रदान करती हैं और आम आदमी इनके आफिस के बाहर का चक्कर लगाता रहता है
वहीं सूत्रों की माने तो एक युवा बीजेपी नेता सप्ताह में तीन दिन तहसील पटना में आया करते हैं, यह कार्यालयीन समय में आकर बैठ जाते हैं, और चांदनी कंवर अपना समस्त काम छोड़कर बीजेपी नेता  को समय प्रदान करती हैं और आम आदमी इनके आफिस के बाहर का चक्कर लगाता रहता है, कभी कभी भाजपा नेता दोपहर के दो बजे आते हैं और शाम के पांच बजे जाते हैं, और जब तक यह बैठे रहते हैं तब तक चांदनी कंवर कोई काम नहीं करती और ना किसी फरियादी से मिलना पसंद करती हैं, आफिस के सामने कोई खड़ा भी हो गया तो भगा देती हैं,बताया यह जा रहा है की जो भाजपा नेता तहसील पटना में हफ्ते में तीन दिन आते हैं वह पूर्व गृहमंत्री परिवार के करीबी हैं और पारिवारिक संबंधों के आधार पर उनकी तहसीलदार से अच्छी जान पहचान हो गई है और वह कई मामलों में पैरवी करने इसीलिए तहसील पटना आते हैं। भाजपा नेता और तहसीलदार एकसाथ बैठकर उन प्रकरणों के निपटारे पर विचार करते हैं जो भाजपा नेता अपने साथ लेकर आए रहते हैं और इसी वजह से तहसीलदार उन्हे अधिक समय प्रदान करती हैं और अन्य किसी की फरियाद वह उस दौरान जब भाजपा नेता मौजूद रहते हैं नहीं सुनती हैं। तहसीलदार और भाजपा नेता ही कई मामलों में निराकरण तय करते हैं यह सूत्रों का कहना है। वैसे बताया यह भी जा रहा है की तहसील में फरियादी इतने परेशान हो रहे हैं आकर की वह अब यह कहने लगे हैं की इससे बेहतर बैकुंठपुर तहसील ही था भले उन्हे दूर जाना पड़ता था,जबसे पास में तहसील खुला उनकी परेशानी बढ़ गई।
भाजपा नेता का तहसील के मामलों में हस्तक्षेप तहसील पटना की विश्वशनीयता को कर रहा है कम
भाजपा नेता का पूर्व गृह मंत्री परिवार के करीब होना और वहीं तहसीलदार पटना का पूर्व गृहमंत्री की बहु होना साथ ही उक्त भाजपा को उनके मामलों जो वह अन्य का लेकर पहुंचते हैं के लिए अतिरिक्त समय देना तहसील पटना की विश्वसनीयता को कम कर रहा है। भाजपा नेता जो तहसील में लगातार नजर आ रहे हैं उन पर वैसे भी एक गड़बड़ी करने का आरोप लगा हुआ है और इसी वजह से उन्हें पार्टी ने भी बाहर का रास्ता दिखाया हुआ है,लेकिन  वह अपनी आदतों से फिर भी बाज नहीं आ रहे हैं और अब तहसील स्तर पर परिवारिक संबंधों के सहारे अपना काम चलाने निकालने की जुगत में लगे रहते हैं,वैसे भाजपा नेता के लगातार हस्तक्षेप से अब पार्टी का नाम पुनः सामने आ रहा है लेकिन यहां उन्हे पूर्व भाजपा नेता भी कहा जा सकता है।
क्या शासन की विकेंद्रीकरण योजना लोगों को परेशान करने के लिए है?
छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी तंत्र के विकेंद्रीकरण का निर्णय लिया और जबसे वर्तमान सरकार काम कर रही है नए जिले नए अनुविभाग नए तहसील नए उप तहसील,पुलिस थाने चौकी सभी कुछ लगातार नए घोषित और बनाए जा रहे हैं,लोगों को दूर न जाना हो पास में ही उन्हे सभी शासकीय सुविधा राजस्व न्यायालय सुविधा पुलिस की सुविधा मिल सके यह शासन की मंशा है लेकिन जो देखने और सुनने को मिल रहा है विकेंद्रीकरण के बाद से उसके बाद यही समझ आ रहा है की विकेंद्रीकरण की वजह से जनता परेशान ज्यादा हो रही है। अब अधिकारियों और कार्यालयों में फरियादी कम हैं इसलिए कम फरियादियों से ही अब अधिकारी अपनी मंशा मनवाने में लगे रहते हैं जो देखा सुना जा रहा है और फिर भी उनकी मंशा पूरी नही हो रही है इसलिए फरियादियों को लगातार परेशान किया जा रहा है उनके काम को लटकाया जा रहा है जिससे उन्हें उनकी मंशा में सफलता मिल सके।विकेंद्रीकरण मामला भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है यह भी अब लोग मान रहे हैं कह रहें हैं।जमीन,आय,जाति, निवास बंटवारा,सहित कई तरह के फरियादी रोज लगा रहे तहसील का चक्कर,हो रहे परेशान
पटना तहसील में जमीन , आय, जाति,निवास,प्रमाण पत्र मामलो के लिए भी तहसीलदार के पास समय नहीं है,वह फरियादियों को आवेदकों को रोज पेशी पर बुला रही हैं। कुल मिलाकर तहसील की व्यवस्था अब भगवान भरोसे है। किसी सिफारिश खासकर एक भाजपा नेता की सिफारिश मात्र पर तहसील में काम हो पा रहा है।


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