विपक्षी एकता पर रहेगी सरकार की पैनी नजर !
नई दिल्ली,16 सितम्बर 2023(ए)। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने खेमे को मजबूत करना तो कई महीने पहले ही शुरू कर दिया था, लेकिन सोमवार से शुरू होने जा रहा संसद का विशेष सत्र दोनों ही गठबंधन के लिए रणनीतिक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण रहने जा रहा है।
बताया जा रहा है कि संसद के इस विशेष सत्र के दौरान सरकार की नजरें खासतौर से विपक्षी इंडिया गठबंधन में शामिल दलों पर रहेगी, जिसे सरकार और भाजपा कभी घमंडिया गठबंधन तो कभी अधर्मी और कभी आई.एन.डी.आई. गठबंधन कह कर संबोधित करती है।
दरअसल, संसद के इस विशेष सत्र के दौरान सरकार की नजरें खासतौर पर इस बात पर टिकी रहेगी कि लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर देशभर में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने का दावा करने वाले इन दल के बीच संसद के दोनों सदनों में कितना सामंजस्य है और नेताओं के स्तर पर किए जा रहे दावों के बीच सांसदों के स्तर पर इनके बीच किस हद तक समन्वय स्थापित हो गया है।
दरअसल, भाजपा के तमाम दिग्गज नेता यह बयान देते रहते हैं कि विपक्षी गठबंधन अंतर्विरोधों से भरा हुआ है जिसमें कांग्रेस आम आदमी पार्टी से दिल्ली और पंजाब में लड़ रही है, लेफ्ट दलों से केरल में लड़ रही है, ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में लेफ्ट के बिल्कुल खिलाफ है और इसी तरह के हालात देश के कई अन्य राज्यों में भी है और गठबंधन में शामिल हर नेता प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रखता है।
सरकार ने संसद के विशेष सत्र को लेकर अपनी तरफ से एजेंडा साफ कर दिया है। संसद के आगामी विशेष सत्र के दौरान, आजादी के 75 सालों – संविधान सभा से लेकर आज तक की उपलब्धियां, यादों और अनुभव – पर चर्चा होगी।