- माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन के बावजुद अनावेदक नहीं मान रहे आदेश,कहते है कागज में क्या लिखा है हमें पता नहीं
- प्रकरण 170 (ख) का, जिसमें एसडीएम के यहां से अनावेदक के पक्ष में हुआ फैसला
- असंतुष्ट पक्षकार ने कमिश्नर के यहां किया अपील,इसी मामले में उच्च न्यायालय ने दिया है स्थगन आदेश
- पटना में सक्रिय हुये भूमाफिया भोलेभाले आदिवासी को उलझाकर,गलत तरीके से भूमि हड़पने की आशंका
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,14 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। जमीन के विवाद के लिये राजस्व विभाग व न्यायालय होता है ताकि भूमि सम्बन्धित मामलों का निपटारा इसी विभाग व न्यायालय द्वारा हो सके किन्तू राजस्व के कई ऐसे मामले देखे जाते है जहां इस विभाग के फैसलो पर विश्वास करना दूभर हो जाता है। इसी तरह एक ऐसा मामला सामने आया जहां आदिवासी के भूमि को वर्ष 1959 के पूर्व खसरा नं. 159/2, रकबा 3.75 एकड़ क्रय किया गया है, भूअभिलेखों में जिसका उल्लेख साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत है। अविस्वनीय ढंग से इस मामले में भी धारा 170 (ख) का प्रकरण चल रहा है जबकि इस प्रकरण पर धारा 170 (ख) के उपबंध लागू ही नहीं होंगे। इसके बावजुद अनुविभागीय राजस्व एवं कलेक्टर न्यायालय कोरिया से यह भूमि अनावेदक महिमा सिंह आत्मज चन्द्रशेखर वगैरह के पक्ष में हो गया। जिससे क्षुब्द होकर आवेदकगणों ने अपर आयुक्त सरगुजा संभाग के न्यायालय में अपील पेश की गयी है जिस पर स्थगन भी मिला और मामला अभी लंबित है। इसके बाद आवेदकगणों ने इसी मामले को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में रीट याचिका पेश किया। जिस रीट याचिका के प्रतिउत्तर में उच्च न्यायालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ के द्वारा क्रमांक 2877/2023 दिनांक 11.08.2023 के माध्यम से उक्त समस्त प्रकरण पर स्थगन पारित किया गया है। उक्त स्थगन आदेश के बावजुद भी अनावेदकगणो द्वारा उक्त भूमि पर निर्माण सामग्री गिराकर भूमि में पेड़, पौधो की साफ-सफाई करते हुये बलपूर्वक जबरन कब्जा किया जा रहा है। आवेदको द्वारा रोकने पर भी अनावेदक द्वारा कहा जा रहा है कि हमें कागज में क्या लिखा है पता नहीं हमने एसडीएम के यहां से केस जीत गया है।
हाईकोर्ट के स्थगन आदेश की हो रही अवमानना,कलेक्टर को दिया गया आवेदन
आवेदक सुबोध ने बताया कि 159/2 रकबा 3.75 एकड़ की भूमि जो पटना में स्थित है जिस पर आवेदक द्वारा पक्का मकान का निर्माण किया गया है शेष बजी हुयी भूमि है जिस पर वाद न्यायालीन प्रकरण में प्रक्रियाधीन है। अनावेदक महिमा सिंह आत्मज चन्द्रशेखर वगैरह ने आवेदक के भूमि पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। जिस पर अनावदेक को यह बताने पर कि इस भूमि पर उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन दिया गया है इसके बावजुद अनावेदकगणों द्वारा मानने से इंकार करते हुये कहा जाता है कि यह भूमि हमारी हो गयी है। आवेदक सुबोध ने बताया कि न्यायालय के स्थगन होने के बावजुद अनावेदकगणों द्वारा भूमि पर कब्जा किया जा रहा है जिस पर माननीय कलेक्टर कोरिया एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से अपील किया है कि इस प्रकरण पर संज्ञान लेते हुये उक्त भूमि का फैसला जब तक नहीं हो जाता तब तक के लिये इस भूमि पर अनावेदकगणों द्वारा किये जा रहे कब्जे को रोकते हुये न्यायालय के आदेश की अवमानना पर कार्यवाही किया जाये।