कैंसर से लड़ेगा गुलाबी,पीला भी उगा
रायपुर,12 सितम्बर 2023 (ए)। लक्ष्मी कुमार छत्तीसगढ़ के रंगीन मशरूम अब देश के कई राज्यों में धाक जमाने लगे हैं। दरअसल लॉकडाउन के दौरान यहां के किसानों ने मशरूम के रंग पर मेहनत की और पिंक (गुलाबी) तथा यलो (पीला) मशरूम उगाने में कामयाब हो गए।
तमिलनाडू यूनिवर्सिटी की रिसर्च में पिंक मशरूम में कैंसर सेल्स से लड़ने वाले गुण भी सामने आ गए हैं। रंगीन मशरूम पैरे के बेस पर नवा रायपुर में तेंदुआ के अलावा अभनपुर, बसना, धमतरी और राजनांदगांव में पैदा किए जा रहे हैं।
शहर के बड़े होटलों के अलावा अब इन्हें महाराष्ट्र में पुणे, बिहार तथा उत्तरप्रदेश के कई शहरों में भेजा जा रहा है। तमिलनाडू के सलेम शहर में पेरियार यूनिवर्सिटी ने छत्तीसगढ़ के गुलाबी और पीले मशरूम पर रिसर्च की है। डिपार्टमेंट ऑफ बॉयोकेमिस्ट्री के पीएचडी रिसर्च स्कॉलर अमल जनार्दनम ने अपने रिसर्च में पाया कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व हैं। शरीर का इम्यून सिस्टम जब सही ढंग से काम नहीं कर पाता, तो इस स्थिति में इंफ्लेमेशन कम होने लगता है। जबकि ऑटो इम्यून रिस्पांस को ठीक रखने के लिए इंफ्लेमेशन का ठीक रहना जरूरी है। पिंक मशरूम में इंफ्लेमेशन को ही बूस्ट करने के गुण पाए गए हैं। इसीलिए रंगीन मशरूम कई बीमारियों के साथ कैंसर में भी राहत दे रहे हैं।
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