-सोनू कश्यप-
प्रतापपुर,07 सितम्बर 2023 (घटती घटना) जो काम नौ महीने में पूरा करना था वह तीन साल में भी पूरा नहीं हो सका है,हम बात कर रहे हैं कृषि उपज मंडी बोर्ड द्वारा प्रतापपुर में बनाए जा रहे धान संग्रहण और चावल रखने के लिए गोदाम की।दूसरी तरफ ठेकेदार द्वारा इतनी लेट लतीफी के बाद भी उसे संरक्षण दिया जा रहा है क्योंकि इसमें जिम्मेदार खुद भी हैं।
प्रतापपुर विकासखंड मुख्यालय के करीब नर्सरी रोड में कृषि उपज मंडी विभाग द्वारा दस हजार मैट्रिक टन क्षमता वाले तीन करोड 75 लाख के लागत से वर्ष 2021-22 मे धान संग्रहण और एफसीआई गोदाम के चावल रखने वाले गोदाम निर्माण में भारी अनीमियता देखने को मिल रही है कृषि उपज मंडी विभाग द्वारा जारी निविदा में किस कार्य को 9 में पूर्ण करना था लेकिन विभाग के ठेकेदार द्वारा आज 3 वर्षों से लगातार कार्य चल रहा है लेकिन फिर भी आकर पूर्ण नहीं हो पाया विभाग की सूत्रों के अनुसार उक्त कार्यों का एक्सटेंशन हेतु कृषि उपज मंडी विभाग के उच्च अधिकारी के पास फाइल भेजी गई है लेकिन अभी तक स्वीकृत नहीं हुई है वहीं विभाग के द्वारा इतना विलंब से कार्य करवाने के लिए ठेकेदार के ऊपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं किए जाने विभाग
देर होने के कारण नहीं मिल रहा फायदा….
गोदाम निर्माण में लेट लतीफ की वजह से गोदाम निर्माण का फायदा नहीं मिल पा रहा है करोड़ों के लागत से बन रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण विभाग के अधिकारी कर्मचारी सही समय पर नहीं कर रहे हैं इसलिए समय अवधि पर कार्य पूर्ण नहीं हो रहा है
जनपद अध्यक्ष ने किया निरीक्षण
जनपद पंचायत के अध्यक्ष जगत लाल आयाम ने गोदाम निर्माण में हो रहे देरी को लेकर में विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई है उन्होंने कहा कि जो कार्य 9 माह में पूर्ण होने थे आखिर 2 वर्ष पूर्ण होने को है आखिर अभी तक निर्माण कार्य पूर्ण क्यों नहीं किया गया निरीक्षण के दौरान वहां कार्य में लगे श्रमिकों हेतु सुरक्षा मानकों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जा रहा है जिसको लेकर उन्होंने नाराजगी जताई है उन्होंने कहा कि आगामी सामान्य सभा में कृषि उपज मंडी के अधिकारियों को जनपद में बुलाकर उक्त कार्यों से संबंधित फाइल का अवलोकन कर निर्माण कार्य में देरी को लेकर विभाग के अधिकारियों से जवाब लिया जाएगा सुरक्षा के उपाय नहीं करने और खामियों को लेकर शीघ्र ही कलेक्टर व उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत करने की बात कही है
बनाने थे दो बड़े गोदाम,बन रहे छोटे छोटे छह
विभाग के इंजीनियर ने बताया कि उक्त के गोदाम निर्माणदस हजार मेट्रिक टन के क्षमता दो गोदाम बनाना था लेकिन जगह के अभाव में अलग-अलग छह गोदाम का निर्माण किया जा रहा है सवाल यह उठता है कि कार्य प्रारंभ होने से पहले मुक्त कर की ड्राइंग डिजाइन क्यों बदली गई या अभी एक जांच का विषय है कहीं विभाग के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा ठेकेदार को लाभ पहुंचाने का प्रयास तो नहीं है
निर्माण स्थल पर नहीं है नागरिक सूचना पटल
गोदाम निर्माण स्थल पर नागरिक सूचना पटल भी नहीं लगा हुआ जबकि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि कोई भी निर्माण कार्य प्रारंभ होता है तो निर्माण कार्य से संबंधित सभी जानकारियां उक्त सूचना पटल पर प्रदर्शित होनी चाहिए लेकिन मुख्य कार्य स्थल पर सूचना पटल नहीं है