बैकुण्ठपुर@कोरिया सीएमएचओ ने की कार्यवाही में जल्दबाजी,किया कर्मचारियों का नुकसान

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  • कोरोना काल में जिन्हें मिला वॉरियर्स का दर्जा,अपनी मांगों के एवज में नौकरी से धोना पड़ रहा हाथ।
  • कोरिया एवं सरगुजा संभाग के संभगीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य और सरगुजा संभाग के अन्य जिलों के सीएमएचओ के बीच दिखा कार्यवाही में दिखा अंतर।

बैकुण्ठपुर 07 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। विगत 21 अगस्त से स्वास्थ्य फेडरेशन के बैनर तले स्वास्थ्य संयोजक, स्टाफ नर्स, डॉक्टर अपने 5 सूत्रीय माँग को लेकर अनवरत हडताल पर बैठे हैं। लेकिन आज 16 वां दिन होने को है, शासन प्रशासन बातचीत करने को तैयार नही है। इस संबंध में एस्मा एक्ट तहत कार्यवाही भी शुरु कर दी गई है, कोरिया जिला में सीएमएचओ द्वारा  84 स्वास्थ्य संयोजको को बर्खास्त कर दिया गया है। विचारणीय है कि कोरिया सीएमएचओ को कार्यवाही की इतनी जल्दबाजी थी कि उन्होंने कर्मचारियों को सीधा बर्खास्त कर दिया, जबकि एमसीबी जिले के सीएमएचओ ने 10 कर्मचारियों और संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सरगुजा  ने 54 एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सरगुजा ने 154 और सूरजपुर ने 54 कर्मचारियों को निलंबित किया। सरगुजा संभाग के एक सीएमएचओ को छोड़कर बाकी अधिकारियों ने निलंबन कार्यवाही की है। इस सम्बंध में जिले के स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष से बात की गई और उन्होंने बताया कि ये जो कार्यवाही की गई है द्वेष पूर्ण है एवं इस कार्यवाही की निंदा करते हैं। आगे बात करते हुए उन्होंने बताया कि इससे पहले भी कोविड प्रोत्साहन राशि के लिये कई बार इनके समक्ष बात रखी गई, पत्राचार किया, बैठक किया गया, यहां तक कि घेराव करने की प्रक्रिया शुरु हो गई थी, परंतु इनके द्वारा आग्रह किया गया कि घेराव मत कीजिये मैं आपकी जो माँग कोविड प्रोत्साहन राशि के संबंध में पूरा किया जाएगा, और उसी दिन बैठक कर एक जांच  टीम गठित की जिसके अध्यक्ष डॉक्टर प्रिंस जायसवाल को बनाया गया। लेकिन आज दिनांक तक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया गया। इसके बारे में कई बार पत्राचार, मुलाकात कर अपनी बात रखी गई लेकिन हर बार टाल दी जा रही है। इस संबंध में कलेक्टर कोरिया को भी पत्राचार किया गया है । कोरिया सीएमएचओ द्वारा कर्मचारी हित में कितना काम किया गया इस कृत्य से पता चलता है। अधिकारियों के बीच प्रशासनिक जानकारी के अभाव में कर्मचारियों का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है कोरिया जिला में।
संभाग सरगुजा में स्वास्थ्य कर्मचारियों के विरुद्ध की गई कार्यवाही 4/9/23 से अभी तक
अपनी विभिन्न मांगो के बैनर तले हड़ताल में जाने उपरांत सरगुजा संभाग के जिलों में निम्नलिखित कार्यवाहियां की गई है। कोरिया स्टाफ़ नर्स कुल 42 निलंबित, कोरिया सुपरवाइजर कुल 10 निलंबित, कोरिया आरचओ कुल 84 बर्खास्त, एमसीबी आरचओ कुल 77 बर्खास्त, सूरजपुर आरचओ 54 निलंबित, अम्बिकापुर आरचओ 152 निलंबित, बलरामपुर आरचओ 183 निलंबित हुए है पुरे संभाग में कुल 612 पर कर्यवाही हुआ है, उपरोक्त कार्रवाइयों में सबसे बड़ा सवाल यह है कि कोरिया जिले को छोड़कर अन्य किसी भी जिले में स्वास्थ्य कर्मचारियों के विरुद्ध बर्खास्तगी की कार्यवाही नहीं की गई है। उन्हें एस्मा एक्ट लगने के बाद निलंबित करने का कार्य किया गया है। परंतु ऐसी क्या मजबूरी है कि कोरिया जिले में स्वास्थ्य कर्मचारियों को निलंबित करने के बजाय सीधे बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं कर्मचारी नेताओं का कहना है कि जब तक मांगे पूरी नहीं होगी हम डटे रहेंगे, ऐसी कार्यवाहियों से हम डरने वाले नहीं हैं। और जो विसंगति पूर्ण कार्यवाही की गई है हम इसका खुलकर विरोध और निंदा करते हैं।
चुनावी समय में वॉरियर्स का दर्जा प्राप्त सेवकों के विरुद्ध कार्यवाही समझ से परे
एक ओर जहां कुछ दिनों में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं, स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर किया गया यह हड़ताल जिसमें सरकार की संवेदनशीलता झलकनी चाहिए, जिन स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना काल में अपनी जान के परवाह न कर जनता के दिन रात, 24 घंटे सेवा की, उन्हें पारितोषिक मिलने की बजाय बर्खास्तगी और निलंबन से नवाजना समझ से परे है। सरकार द्वारा इनकी जायज मांगों को सुनकर संवेदनापूर्ण निर्णय लेने के बजाय दबाव बनाकर एवं कार्यवाही कर भय की स्थिति पैदा करना, वह भी उनके लिए जो जनता के आवश्यक सेवाओं की रीढ की हड्डी हैं, कहीं से भी जायज नहीं ठहराया जा सकता।


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