अंबिकापुर,04 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। प्रदेश सरकार गांव गांव विकास पहुंचाने के लाख दावे करे लेकिन हकीकत कुछ और ही है। अंबिकापुर जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर बसा लुंड्रा विधानसभा का घघरी गांव जो आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। इस गांव में सडक़ और पानी, बिजली की समस्या से ग्रामीण जूझ रहे हैं। लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।र्
ये तस्वीरें आधुनिक युग की हैं, कहते हैं गांव के विकास से देश का विकास सम्भव है। विकास के नाम पर सता में आने वाले जनप्रतिनिधि को इस गांव की सुध ही नहीं है। अंबिकापुर जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर बसा घघरी ग्राम का आश्रित मोहल्ला आसडांड आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय विकास का वादा करते हैं और जीतने के बाद विधायक कभी नहीं आए। आसडांड में सडक़ की समस्या बनी हुई है लेकिन इस पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है। जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार आधिकारिओं के उदासीनता के चलते मिट्टी मुरुम की सडक़ चंदा के पैसों से बनाकर ग्रामीण आवागमन करने को मजबुर हैं। जिस पर बारिश के दिनों में चलना किसी चुनौती से कम नहीं है। ग्रामीणों का कहना हैँ की सडक़ नहीं होनें पर बीमार या आपातकालीन स्थिति में एम्बुलेंस इनके गांव तक नही पहुंच पाता.. जिसके चलते सही समय में ईलाज नही मिलने से कई लोगों की जान चली गईं हैँ.. सालों से जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारीयों से गुहार लगा रहे ग्रामीणों की आस हीं खत्म होती जा रही है। गांव की हालत और ग्रामीणों की समस्या को लेकर जब सत्ता शासन में मौजूद लुंड्रा विधायक से सवाल पूछा गया तो उन्होंने प्रशासकीय स्वीकृति का इंतजार बताते हुए जल्द सडक़ बनाने की बात कही है। घघरी गांव और लुंड्रा विधानसभा से लागातार कांग्रेस के जनप्रतिनिधि चुनकर आ रहे हैं लुंड्रा विधानसभा से लगातार तीन बार से कांग्रेस के विधायक ने जीत हासिल की है इसके बाद भी ग्रामीणों के सालों की मांग अधूरी हैँ बहरहाल देखना होगा की कब तक प्रशासनिक स्वीकृति होती हैँ और घघरी के आसडांड में सडक़ बनती हैं या ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं के लिए ऐसे ही तरसते रहेंगे।